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जानें क्या और कितनी होनी चाहिए, नवजात शिशु से लेकर एक साल तक के बच्चे की डाइट
शिशु बहुत छोटे होते हैं और बोलकर अपनी जरूरत नहीं बता पाते हैं। इसलिए पेरेंट्स को उनका फीडिंग शेड्यूल समझना होगा।
बच्चे की उम्र और जरूरत के हिसाब से पेरेंट्स को उसके फीडिंग (खाने-पीने का समय) शेड्यूल को लेकर काफी सावधान रहना पड़ता है। शुरुआत में नवजात शिशु का पेट काफी छोटा होता है और एक बार में एक से डेढ़ चम्मच दूध ही पी पाता है।बच्चे के विकास और बढ़ने के साथ, उसका पेट भी बढ़ता है। चूंकि, बेबी बहुत जल्दी विकास करता है इसलिए पेरेंट्स के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि उनके बच्चे को कितने खाने की जरूरत है।
दूधमुंहे शिशु के लिए खाना
जन्म के बाद नवजात शिशु को पहले हफ्ते में दिन में कम से कम 8 से 12 बार दूध पिलाने की जरूरत होती है। बच्चे को 4 घंटे से ज्यादा देर तक दूध पिलाए बिना न रखें। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ेगा, उसकी दूध की जरूरत भी बढ़ती जएगी और अब वो कम समय में ज्यादा दूध पीने लगेगा। इस समय आप बेबी के लिए फीडिंग पैटर्न बना सकते हैं।
बच्चे का फीडिंग पैटर्न
वैसे हर बच्चे का फीडिंग पैटर्न अलग होता है। 1 से 3 महीने के ज्यादातर बच्चों को दिन में 7 से 9 बार दूध पिलाना पड़ता है, 3 से 6 महीने के बेबी को दिन में 6 से 8 बार दूध पिलाना होता है और 6 महीने के होने के बाद बच्चे को दिन में 6 बार दूध पिलाना होता है।
जब बच्चा 12 महीने का हो जाता है तो उसे दिन में सिर्फ 4 बार दूध पिलाने की ही जरूरत होती है क्योंकि इस समय बच्चा पोषण के लिए ठोस आहार भी ले रहा होता है।
बोतल से दूध पीने वाले बच्चे
जो बच्चे बोतल से दूध पीते हैं, उन्हें दिन में हर दो से तीन घंटे में दूध पीने की जरूरत पड़ती है। बच्चे के दो महीने के होने के बाद 3 से 4 घंटे में दूध पिलाना होता है। 4 से 6 महीने के बच्चे को हर 4 से 5 घंटे में और फिर 6 महीने के होने के बाद हर 4 से 5 घंटे में दूध पिलाना होता है।
नवजात शिशु को क्या नहीं खिलाना चाहिए
एक साल से कम उम्र के शिशु को फॉर्मूला मिल्क के अलावा और कोई तरल पदार्थ नहीं देना चाहिए। इन्हें पानी, जूस या गाय का दूध नहीं देना चाहिए। इससे बच्चे को सही और पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाएगा और उसका पेट खराब हो सकता है। शिशु के 6 महीने के होने के बाद उसे पानी पिलाना शुरू किया जा सकता है।
कैसे जानें बच्चे को भूख लगी है
प्रीमैच्योर बेबी और किसी मेडिकल कंडीशन से ग्रस्त बच्चे को समय पर दूध पिलाना चाहिए। भूख लगने पर शिशु कुछ संकेत देता है जिन्हें मां धीरे-धीरे खुद ही समझने लग जाती है।
जब बेबी को भूख लगती है तो वो मुंह पर हाथ रखने, ऊंगली चूसने, मुंह खोलने या रोने जैसे संकेत देता है।
वहीं कई बार मां बेबी को जरूरत से ज्यादा दूध भी पिला देती है जिससे बच्चे का पेट खराब हो सकता है या गैस या उल्टी भी हो सकती है। इन बच्चों में आगे चलकर मोटापा होने का खतरा रहता है।
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