1 महीने में दो बार पीरियड आए तो क्या करना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Mon 31st Oct 2022 : 12:14

महिलाओं को हर महीने पीरियड्स दर्द से गुजरना पड़ता है। दो पीरियड्स के बीच की अवधि करीब 21 से 35 दिन की होती है। हालांकि हर लड़की के पीरियड्स साइकल में फर्क होता है। मगर, कई बार महिलाओं को एक ही महीने में 2-3 बार पीरियड्स हो जाते हैं, जिसे इररेगुलर पीरियड कहा जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि यह समस्या क्यों होती है और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सके।

ऐसी महिलाएं मामले को लें गंभीर
कुवांरी लड़कियों के लिए यह बहुत ही सीरियस प्राब्लम है क्योंकि इससे कारण शादी के बाद मां बनने में दिक्कतें आती हैं। वहीं, कई मामलों में तो लड़कियां मां नहीं पाती। अगर आप भी अचानक पीरियड्स साइकल में बदलाव महसूस कर रही हैं तो गायनोलॉजिस्ट से सलाह लें।

इसके अलावा महीने में 2 बार पीरियड्स आना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है जैसे

. गर्भाश्य में फाइब्रॉएड, ट्यूमर या रसौली होना
. जल्‍द मेनोपॉज होना
. आनुवांशिक कारण या खून में प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ना
. बर्थ कंट्रोल पिल्स का अधिक सेवन
. अल्सर के कारण भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। साथ ही इसमें रक्त के थक्के भी निकलते हैं।
. इसके अलावा खराब लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, मोटापा, पीसीओडी, पीसीओएस, थायराइड, असंतुलित हार्मोन्स, डायबिटीज जैसे हैल्थ इश्यूज के कारण भी यह समस्या हो सकती है।

ज्यादा स्ट्रेस लेना
हद से ज्यादा तनाव लेने का असर भी पीरियड्स साइकल पर पड़ता है। दरअसल, तनाव के कारण खून में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे पीरियड्स ज्यादा या कम हो जाते हैं। यही नहीं, हाई स्ट्रेस हेवी या लाइट ब्लीडिंग का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा इससे पीरियड्स मिस भी हो सकते हैं।

कहीं ये मिसकैरेज तो नहीं...

कई बार गर्भपात के कारण भी महीने में दो बार पीरियड्स आने की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के पहले 3 महीने में वैजाइनल ब्लीडिंग होना आम है लेकिन कई बार यह मिसकैरेज का संकेत होता है। अगर प्रेग्नेंसी के पहले 3 महीने ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
क्या करें?

. सबसे पहले तो अपनी गायनोलॉजिस्ट से संपर्क करें क्योंकि यह अगर किसी बीमारी के चलते हैं तो इसके लिए आपको दवाएं दी जाएगी। इसके साथ ही अपने लाइफस्टाइल में सुधार करें और सही डाइट लें
. तनाव से बचने के लिए नियमित एक्सरसाइज व योग करें।
. माहवारी के दौरान खट्टे और ऐसी चीजें ना लें जो पचाने में मुश्किल हो।
. बहुत ज्यादा मसालेदार चाय, काॅफी और ठंडी चीजें ना खाएं।
. खाने में देसी घी खाएं। आप चाहें तो दूध में भी देसी घी डालकर ले सकती हैं।


एक महीने में 2 बार हो जाए पीरियड्स तो क्या करें?

महिलाओं को हर महीने पीरियड्स दर्द से गुजरना पड़ता है। दो पीरियड्स के बीच की अवधि करीब 21 से 35 दिन की होती है। हालांकि हर लड़की के पीरियड्स साइकल में फर्क होता है। मगर, कई बार महिलाओं को एक ही महीने में 2-3 बार पीरियड्स हो जाते हैं, जिसे इररेगुलर पीरियड कहा जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि यह समस्या क्यों होती है और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सके।
ऐसी महिलाएं मामले को लें गंभीर

कुवांरी लड़कियों के लिए यह बहुत ही सीरियस प्राब्लम है क्योंकि इससे कारण शादी के बाद मां बनने में दिक्कतें आती हैं। वहीं, कई मामलों में तो लड़कियां मां नहीं पाती। अगर आप भी अचानक पीरियड्स साइकल में बदलाव महसूस कर रही हैं तो गायनोलॉजिस्ट से सलाह लें।

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इसके अलावा महीने में 2 बार पीरियड्स आना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है जैसे

. गर्भाश्य में फाइब्रॉएड, ट्यूमर या रसौली होना
. जल्‍द मेनोपॉज होना
. आनुवांशिक कारण या खून में प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ना
. बर्थ कंट्रोल पिल्स का अधिक सेवन
. अल्सर के कारण भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। साथ ही इसमें रक्त के थक्के भी निकलते हैं।
. इसके अलावा खराब लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, मोटापा, पीसीओडी, पीसीओएस, थायराइड, असंतुलित हार्मोन्स, डायबिटीज जैसे हैल्थ इश्यूज के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
ज्यादा स्ट्रेस लेना

हद से ज्यादा तनाव लेने का असर भी पीरियड्स साइकल पर पड़ता है। दरअसल, तनाव के कारण खून में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे पीरियड्स ज्यादा या कम हो जाते हैं। यही नहीं, हाई स्ट्रेस हेवी या लाइट ब्लीडिंग का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा इससे पीरियड्स मिस भी हो सकते हैं।

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कहीं ये मिसकैरेज तो नहीं...

कई बार गर्भपात के कारण भी महीने में दो बार पीरियड्स आने की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के पहले 3 महीने में वैजाइनल ब्लीडिंग होना आम है लेकिन कई बार यह मिसकैरेज का संकेत होता है। अगर प्रेग्नेंसी के पहले 3 महीने ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
क्या करें?

. सबसे पहले तो अपनी गायनोलॉजिस्ट से संपर्क करें क्योंकि यह अगर किसी बीमारी के चलते हैं तो इसके लिए आपको दवाएं दी जाएगी। इसके साथ ही अपने लाइफस्टाइल में सुधार करें और सही डाइट लें
. तनाव से बचने के लिए नियमित एक्सरसाइज व योग करें।
. माहवारी के दौरान खट्टे और ऐसी चीजें ना लें जो पचाने में मुश्किल हो।
. बहुत ज्यादा मसालेदार चाय, काॅफी और ठंडी चीजें ना खाएं।
. खाने में देसी घी खाएं। आप चाहें तो दूध में भी देसी घी डालकर ले सकती हैं।


अब जानिए कुछ घरेलू नुस्खे...
. घरेलू नुस्खे से भी आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए 1 गिलास पानी में चुटकीभर अजवाइन उबालें। फिर इसमें शहद मिलाकर दिन में 3 बार पीएं।
. 1 कप पानी में 1 चम्मच धनिया के बीज व दालचीनी पाउडर उबालें। इसमें 1/2 चम्मच अनरिफाइंड चीनी या शहद डालकर पीएं।
. सौंफ में एंटीस्पास्मोडिक तत्व होते हैं, जो अनियमित पीरियड्स को सही करने में मदद करते हैं। आप चाहें तो इसकी चाय बनाकर पी सकती हैं।
याद रखिए अनियमित पीरियड्स की समस्या न हो इसके लिए आपका लाइफस्टाइल व खान-पान सही होना बहुत जरूरी है।

solved 5
wordpress 1 year ago 5 Answer
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