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जैसे की हम पहले ही बात कर चुके हैं की छेह महीने से छोटे बच्चों को स्तनपान के आलावा कुछ भी नहीं दिया जाना चाहिए। अगर आप के बच्चे को स्तनपान के जरिये मिलने वाला दूध उसके लिए पर्याप्त नहीं है तो आप तुरंत शिशु विशेषज्ञ से संपर्क करें। अगर शिशु को स्तनपान से पर्याप्त मात्र में दूध नहीं मिल पा रहा है तो बच्चों के डोक्टर सही उपये बताएँगे।
छेह महीने से छोटे बच्चे के लिए स्तनपान ही एक मात्र जरिये जिससे की उसके वजन को बढाया जाये। बच्चे को पर्याप्त मात्र में दूध पिलायें। माँ का दूध बच्चे के लिए बहुत ही पोषक आहार है। यह बच्चे को वो सारे पोषक तत्त्व उस अनुपात में प्रदान करता है जो शिशु के सम्पूर्ण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। माँ का दूध बच्चे को आसानी से पच भी जाता है।
बड़े बच्चों का वजन बढ़ाने वाले आहार
अगर छेह महीने से छोटे बच्चे को पर्याप्त मात्र में दूध मिल रहा है तो उसका वजन सही अनुपात में बढेगा। माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोतम आहार है।
जब आप का बच्चे छेह महीने से बड़ा हो जाये तो आप बच्चे में ठोस आहार की शुरुआत कर सकती हैं। बच्चे में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त तीन दिवसीय नियम का पालन अवश्य करें।
अब बात करते हैं ऐसे आहारों की जो स्वस्थ तरीके से आप के बच्चों का वजन बढ़ने में आप की सहायता करेंगे।
1. केला है उर्जा का अदभुत स्रोत
केला प्राकृतिक उर्जा का अदभुत स्रोत है। केवल एक केले से बच्चे को 100 कैलोरी से ज्यादा उर्जा मिलता है। केले में कार्बोहायड्रेट, पोटैशियम, डाइट फाइबर, विटामिन C और B6 भी प्रचुर मात्र में मिलता है।
केला उन आहारों में से एक है जो शारीर को तुरंत उर्जा प्रदान करने में सक्षम है। यह बहुत आसानी से पच भी जाता है। पुरे भारत में आप कहीं भी जाइये, केला एक ऐसा फल है जो हर जगह आसानी से उप्लंध हो जाता है। इससे शिशु के लिए आहार बनाना भी बहुत आसन है। यही वजह है की सफ़र के दौरान बच्चों के लिए केला सर्वोतम आहार है।
केला है उर्जा का अदभुत स्रोत
केले को आप बहुत आसानी से कहीं भी ले भी जा सकती हैं। बस दो केला लीजिये, रुमाल में लपेटिये, अपने पर्स में रखिये, और कई घंटो के लिए अपने शिशु के आहार को लेकर निश्चित हो जाइये। ना अलग से टिफिन डब्बा लेने की आवश्यकता और ना ही ये सोचने की की बच्चे को आहार कहाँ और किस तरह खिलाया जाये।
अपने शिशु को आप केला कई तरह से खिला सकत हैं। जैसे की आप केले की smoothies, shakes, cakes या puddings बना के शिशु को दे सकती है। और अगर आप को कुछ भी ना समझ आये तो बस केले को छील कर बच्चे को खाने के लिए दे सकती हैं।
2. गाए का शुद्ध देशी घी
गाए के शुद्ध देशी घी में पोषण बहुत ही घनिष्ट मात्रा में होता है। इसी लिए शिशु का वजन बढ़ने के लिए यह एक बहुत ही बेहतरीन आहार है।
गाए का शुद्ध देशी घी
जैसे ही आप का शिशु आठ महीने (8 months) का होता है आप उसे देशी घी दे सकती हैं। शिशु को देशी घी देने के लिए उसके आहार में देशी घी के कुछ बूंद डाल सकती हैं। जैसे की उसके खिचड़ी में या रोटी में लगा के। जैसे-जैसे आप का बच्चा बड़ा होगा आप देशी घी की मात्र बढ़ा सकती हैं।
3. सेहत से भरपूर रागी
रागी बहुत ही पोषक और स्वास्थवर्धक है। बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए तो ये बेहतरीन आहार है। इससे बच्चे को प्रचुर मात्र में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन B1, B2, और दुसरे बहुत से मिनिरल्स (खनिज) मिलते हैं जो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरुरी है।
4. वजन बढ़ाये दही
दही में दूध का वासा और पोषक तत्त्व होता है। तुलनात्मक रूप से देखा जाये तो बच्चों में दूध की तुलना में दही ज्यादा आसानी से पच जाता है।
दही शिशु को उसके विकास के लिए जरुरी सभी पोषक तत्त्व सही अनुपात में पहुंचता है। इससे शिशु को भरपूर मात्र में कैल्शियम, विटामिन्स और मिनिरल्स मिलता है।
वजन बढ़ाये दही
दही शिशु का रोग प्रतिरोधक छमता भी बढ़ता है और अगर बच्चे को दस्त की समस्या है तो उससे भी आराम दिलाता है।
शिशु रोग विशेषज्ञ इस बात की राय देते हैं की जब बच्चा 7 महीने या 8 महीने का हो जाये तब आप उसे दही देना शुरू करें।
शिशु दूध में उपलब्ध प्रोटीन को बहुत आसानी से digest नहीं कर सकता है। लेकिन दही बन्ने के दौरान, fermentation प्रक्रिया में दूध का प्रोटीन इस तरह से टूटता है जिसे की बच्चे का पाचन तंत्र आसानी से पचा लेते है।
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