10 सप्ताह का गर्भ?pregnancytips.in

Posted on Fri 12th Nov 2021 : 12:44

प्रेगनेंसी के 10वे हफ्ते में हो सकता है पेट दर्द, थकान के साथ आ सकते हैं चक्‍कर
प्रेगनेंसी का 10वां हफ्ता पहली तिमाही का अंत है। अब अगले तीन महीने अपेक्षाकृत कम तकलीफों के साथ गुजरेंगे फिर भी इस हफ्ते के लक्षणों की चर्चा जरूरी है।

pregnancy 10th week
प्रेगनेंसी के दसवें सप्‍ताह में भ्रूण अब शिशु के आकार में आ जाएगा और उसके फीचर्स विकसित होने लगे हैं। गर्भावस्‍था की पहली तिमाही 12 सप्‍ताह तक रहती है और इस समय शिशु का काफी विकास हो चुका होता है। यहां तक कि इस समय उसका स्‍वर तंत्र बनता है।

आपकी प्रेगनेंसी 10वें हफ्ते की हो गई है, अब आप धीरे-धीरे प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के अंत की ओर बढ़ रही हैं। हर दिन आपके बच्‍चे का विकास भी तेजी से हो रहा है वहीं आपकी कुछ परेशानियां भी बढ़ रही होंगी। लेकिन घबराने की बात नहीं है, ये गर्भावस्‍था के सामान्‍य लक्षण हैं जिनका हम यहां जिक्र करेंगे।

प्रेगनेंट महिला के शरीर में बदलाव
अब जल्‍द ही आपका बेबी बंप दिखना शुरू हो जाएगा। इस समय टाइट और तंग कपडे पहनने से बचें। गर्भाशय बढ़ने की वजह से पेट गोल आकार में बढ़ने लगेगा। अगर अभी मॉर्निंग सिकनेस बनी हुई है तो इस सप्‍ताह में आपका वजन नहीं बढ़ सकता है। ब्‍लड वॉल्‍यूम बढ़ने के कारण ब्रेस्‍ट और पेट की नसें दिखने लगेंगी।
प्रेगनेंसी में समोसा खाने से शिशु पर क्‍या असर पड़ता है?

डॉक्‍टरों की मानें तो गर्भावस्‍था के दौरान समोसा खाने से बचना चाहिए क्‍योंकि इस समय महिलाओं के इम्‍यून सिस्‍टम में कई बदलाव आते हैं जो शिशु के विकास के लिए जरूरी होते हैं। समोसा खाने से फूड इंफेक्‍शन या स्‍टमक बग का खतरा रहता है।
एक तिहाई महिलाओं को प्रेगनेंसी में हार्ट बर्न की शिकायत रहती है। समोसा खाने से यह दिक्‍कत और बढ़ सकती है। आमतौर पर गर्भावस्‍था की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में एसिडिटी शुरू होती है और ये पूरे नौ महीने तक रह सकती है।
इसका प्रमुख कारण पेट के एसिड के भोजन नली में पहुंचना होता है। समोसे जैसे स्‍नैक्‍स खाने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। समोसे में कोलेस्‍ट्रोल और ट्रांस फैट भी होता है जिसकी वजह से प्रेगनेंसी में समोसा खाने से मना किया जाता है।
समोसा खाने से होने वाली प्रमुख समस्‍याओं में से एक प्रेगनेंसी में कब्‍ज होना भी है। समोसा पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। समोसे की वजह से फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है।
अगर आपको प्रेगनेंसी में क्रेविंग हो रही है तो समोसे जैसी गैर-पौष्टिक चीजें खाने की बजाय एक कटोरी दही, सूखे मेवे, ग्रैनोला बार, फल, छोले, अंडे, स्‍मूदी, खजूर, डार्क चॉकलेट आदि खा सकती हैं। ये स्‍नैक्‍स के हेलदी विकल्‍प हैं और प्रेगनेंसी में आप इन्‍हें बिना किसी डर के खा सकती हैं।
आपके बच्‍चे का आकार और हलचल
अब आपका बच्‍चा एक स्‍ट्राबेरी के बराबर आकार का हो गया है। उसका वजन 2 से 5 ग्राम के बीच है। उसका दिल एक मिनट में 180 बार धड़कने लगा है। हाथ और पैर अपने जोड़ों पर मुड़ने और घूमने लगे हैं। बीच-बीच में आपके पेट में तितली के पंख फड़फड़ाने जैसा अहसास हो रहा होगा, यह आपके नन्‍हे मेहमान की हलचल है। इसके कानों का विकास हो रहा है धीरे-धीरे यह आपकी आवाज पहचानने लगेगा।
इस समय गर्भावस्‍था के सामान्‍य लक्षण
पहली तिमाही के खत्‍म होने के साथ आपकी प्रेगनेंसी स्थिर हो जाएगी मतलब दुर्घटनावश गर्भपात का खतरा कम हो जाएगा। इस समय आपको वे लक्षण तो दिखाई दे ही रहे होंगे जो गर्भावस्‍था के शुरू में उभरे थे। जैसे, सुबह जी मिचलाना, थकान, मूड में उतार-चढ़ाव, सिर में दर्द वगैरह। घबराइए मत जैसे ही प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही यानि 13वें हफ्ते में इनमें कमी आने लगेगी।
प्रेगनेंसी में समोसा खाने से शिशु पर क्‍या असर पड़ता है?
डॉक्‍टरों की मानें तो गर्भावस्‍था के दौरान समोसा खाने से बचना चाहिए क्‍योंकि इस समय महिलाओं के इम्‍यून सिस्‍टम में कई बदलाव आते हैं जो शिशु के विकास के लिए जरूरी होते हैं। समोसा खाने से फूड इंफेक्‍शन या स्‍टमक बग का खतरा रहता है।
एक तिहाई महिलाओं को प्रेगनेंसी में हार्ट बर्न की शिकायत रहती है। समोसा खाने से यह दिक्‍कत और बढ़ सकती है। आमतौर पर गर्भावस्‍था की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में एसिडिटी शुरू होती है और ये पूरे नौ महीने तक रह सकती है।
इसका प्रमुख कारण पेट के एसिड के भोजन नली में पहुचना होता है। समोसे जैसे स्‍नैक्‍स खाने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। समोसे में कोलेस्‍ट्रोल और ट्रांस फैट भी होता है जिसकी वजह से प्रेगनेंसी में समोसा खाने से मना किया जाता है।
समोसा खाने से होने वाली प्रमुख समस्‍याओं में से एक प्रेगनेंसी में कब्‍ज होना भी है। समोसा पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। समोसे की वजह से फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है।
अगर आपको प्रेगनेंसी में क्रेविंग हो रही है तो समोसे जैसी गैर-पौष्टिक चीजें खाने की बजाय एक कटोरी दही, सूखे मेवे, ग्रैनोला बार, फल, छोले, अंडे, स्‍मूदी, खजूर, डार्क चॉकलेट आदि खा सकती हैं। ये स्‍नैक्‍स के हेलदी विकल्‍प हैं और प्रेगनेंसी में आप इन्‍हें बिना किसी डर के खा सकती हैं।
थकान के साथ चक्‍कर आना
आपको थकान के साथ चक्‍कर आने की समस्‍या हो रही होगी। असल में गर्भधारण में अहम भूमिका निभाने वाला हॉर्मोन प्रोजेस्‍टेरॉन आपकी खून की नलियों को चौड़ा कर देता है। आने वाले समय में आपके शरीर में सामान्‍य अवस्‍था से लगभग 50 प्रतिशत खून ज्‍यादा होगा। शरीर को इस नई स्थिति के अनुकूल बनने में कुछ समय लगेगा।
उभरी हुई नसें
आपके पैरों की नसें नीली और उभरी हुई लगने लगी होंगी। खून के बहाव को सुगम बनाने के लिए पालथी मार कर न बैठें, रोजाना थोड़ा टहलें, पैरों को कुछ देर तकिए की मदद से उठाकर लेटें।
पेट के निचले हिस्‍से में हल्‍का दर्द
आपके बढ़ते बच्‍चे के लिए आपका गर्भाशय फैल रहा है। इसीलिए यह दर्द उठता है। अगर जुड़वां बच्‍चे हों तो दर्द ज्‍यादा होता है। वैसे ज्‍यादा तकलीफ हो तो डॉक्‍टर से संपर्क करने में न हिचकें। इसके अलावा बाकी के एहतियात बरतें, खूब पानी पिएं, हल्‍का खाना खाएं, अधिक कॉफी पीने से बचें। कोई नशा न करें।
प्रेगनेंसी में समोसा खाने से शिशु पर क्‍या असर पड़ता है?
डॉक्‍टरों की मानें तो गर्भावस्‍था के दौरान समोसा खाने से बचना चाहिए क्‍योंकि इस समय महिलाओं के इम्‍यून सिस्‍टम में कई बदलाव आते हैं जो शिशु के विकास के लिए जरूरी होते हैं। समोसा खाने से फूड इंफेक्‍शन या स्‍टमक बग का खतरा रहता है
एक तिहाई महिलाओं को प्रेगनेंसी में हार्ट बर्न की शिकायत रहती है। समोसा खाने से यह दिक्‍कत और बढ़ सकती है। आमतौर पर गर्भावस्‍था की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में एसिडिटी शुरू होती है और ये पूरे नौ महीने तक रह सकती है।
इसका प्रमुख कारण पेट के एसिड के भोजन नली में पहुंचना होता है। समोसे जैसे स्‍नैक्‍स खाने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। समोसे में कोलेस्‍ट्रोल और ट्रांस फैट भी होता है जिसकी वजह से प्रेगनेंसी में समोसा खाने से मना किया जाता है
समोसा खाने से होने वाली प्रमुख समस्‍याओं में से एक प्रेगनेंसी में कब्‍ज होना भी है। समोसा पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। समोसे की वजह से फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है।
अगर आपको प्रेगनेंसी में क्रेविंग हो रही है तो समोसे जैसी गैर-पौष्टिक चीजें खाने की बजाय एक कटोरी दही, सूखे मेवे, ग्रैनोला बार, फल, छोले, अंडे, स्‍मूदी, खजूर, डार्क चॉकलेट आदि खा सकती हैं। ये स्‍नैक्‍स के हेलदी विकल्‍प हैं और प्रेगनेंसी में आप इन्‍हें बिना किसी डर के खा सकती हैं।

प्रेगनेंट महिलाएं क्‍या करें
अगर मॉर्निंग सिकनेस दूर हो गई है तो इस समय संतुलित और पौष्टिक आहार लेने पर ध्‍यान दें। ये आपके और आपके शिशु के लिए बहुत जरूरी है। दूसरी तिमाही तक आपको रोजाना लेने वाली कैलोरी की मात्रा को बढाने की जरूरत नहीं है।
स्‍वस्‍थ रहने के लिए रोज कम से कम 30 मिनट एक्‍सरसाइज करें। योग, पैदल चलना या स्विमिंग कर सकती हैं।

डॉक्‍टर को कब दिखाएं
अगर आपको प्रेगनेंसी के 11वें सप्‍ताह में ब्‍लीडिंग या ऐंठन, वैजाइना से असामान्‍य डिस्‍चार्ज या इसमें बदबू आ रही है, बुखार, ठंड लगने, पेशाब करते समय दर्द, पेट में तेज दर्द, गंभीर मतली के साथ उल्‍टी हो रही है तो डॉक्‍टर को दिखाएं।
यदि आपको बच्‍चे की परवरिश को लेकर तनाव हो रहा है तो इस बारे में अपने किसी करीबी या डॉक्‍टर से बात करें।

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