12 सप्ताह का गर्भ?pregnancytips.in

Posted on Thu 18th Jul 2019 : 11:10

अब बढ़ने वाला है आपका वजन, जानिए इस सप्‍ताह के और लक्षणों के बारे में

Pregnancy symptoms week 12: प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही खत्‍म होने के साथ जी मिचलाने, थकान, चिड़चिड़ाहट जैसी परेशानियां काफी हद तक खत्‍म हो जाएंगी। इसी हफ्ते से आप इनमें कमी देख सकते हैं।

12वें सप्‍ताह में आने का मतलब है कि आपके प्रेगनेंसी की पहली तिमाही खत्‍म होने वाली है। इस समय मिसकैरेज का खतरा भी कम होने वाला है। अगर आपने अब तक अभी लोगों को प्रेगनेंसी न्‍यूज नहीं दी है तो ये समय बिलकुल सही है।

प्रेगनेंसी के 12 हफ्ते पूरे होने के साथ आपकी गर्भावस्‍था का सबसे कठिन समय खत्‍म हो जाएगा। आपके पेट में पल रहा बच्‍चा तेजी से बड़ा हो रहा है इसलिए शरीर में चलने वाला हॉर्मोंस का उतार-चढ़ाव कुछ कम हो जाएगा।


प्रेगनेंट महिला के शरीर में बदलाव
अब आपका वजन पहले से हल्‍का सा बढ़ चुका होगा। इस समय आपको अपने लिए मैटरनिटी कपड़े खरीदने की शुरुआत कर देनी चाहिए।
हालांकि, अभी आपका ज्‍यादा वजन नहीं बढ़ा होगा। इस सप्‍ताह आपका शरीर शिशु को अपने अंदर संभालने के लिए तैयार हो रहा होता है जिसकी वजह से थोड़ा वजन बढ़ सकता है। गर्भाशय तेजी से बढ़ने वाला है।
प्रेगनेंसी में मिल रहे हैं ये संकेत तो जुड़वां बच्‍चे होंगे

प्रेगनेंट होने पर शरीर में कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन बनने लगता है। प्रेगनेंसी के शुरुआती हफ्तों में इसका लेवल बढ़ता है। एचसीजी का स्‍तर नॉर्मल से अधिक होने का मतलब हो सकता है कि आपके पेट में जुड़वां बच्‍चे हों।

प्रेगनेंसी में एचसीजी हार्मोन के बढ़ने की वजह से मॉर्निंग सिकनेस होती ही है लेकिन एक से ज्‍यादा बच्‍चे होने पर मतली और उल्‍टी अधिक हो सकती है। अत्‍यधिक मॉर्निंग सिकनेस को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहा जाता है। इसमें महिला को उल्‍टी और मतली इतनी ज्‍यादा होती है कि उसे नस के जरिए फलूइड देना पड़ सकता है।

प्रेगनेंसी के 14वें हफ्ते के बाद भी मतली और उल्‍टी महसूस होना जुड़वां बच्‍चे होने का संकेत हो सकता है।

जाहिर सी बात है कि गर्भ में एक के मुकाबले दो बच्‍चे होने पर बेबी बंप बड़ा होगा। अगर आपका बेबी बंप बड़ा लग रहा है तो हो सकता है कि आपके जुड़वां बच्‍चे हों। वैसे हर महिला का बेबी बंप उनके कद, वजन, आहार और बॉडी टाइप पर निर्भर करता है।

प्रेगनेंसी के 18वें हफ्ते तक अधिकतर महिलाओं को शिशु की मूवमेंट महसूस नहीं होती है। वैसे तो शिशु शुरुआत से ही मूवमेंट करना शुरू कर देता है, लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही तक कुछ महसूस होने की संभावना कम ही होती है।

दो या इससे ज्‍यादा बच्‍चे होने पर आपको सामान्‍य समय से पहले ही बच्‍चे की मूवमेंट महसूस हो सकती है लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही से पहले ऐसा कम ही होता है।

बच्‍चे का आकार
12वें सप्‍ताह में शिशु में बडे बदलाव होंगें। अब शिशु तीन इंच लंबा होगा। उसके अंदरूनी यौन अंग अब दिखने शुरू हो जाने चाहिए। बच्‍चे के हाथ और पैर की उंगलियां बन चुकी हैं और अब नाखून बनने वाले हैं। अब किडनी भी यूरिन बनाना शुरू कर सकती है।
12वें सप्‍ताह में कॉम्‍प्‍लेक्‍स रिफलेक्‍स भी बनते हैं जैसे कि अंगूठा चूसना। इस समय बच्‍चा मूव करना शुरू कर सकता है लेकिन आपको सोलह से 22 सप्‍ताह तक शिशु की मूवमेंट महसूस नहीं होगी।
अब तक आपके बच्‍चे के शरीर के सभी जरूरी अंग बन चुके हैं। अब बच्‍चे को आपके शरीर से पोषण लेकर उनका विकास करते रहना है। इस समय बच्‍चे का आकार एक आलूबुखारे जितना बड़ा हो गया होगा।

चूंकि बच्‍चे के विकास का समय है इसलिए आपको जो विटामिन और पोषक तत्‍व खाने को कहे गए हैं उन्‍हें समय से खाते रहिए ताकि बच्‍चे का शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से हो सके।

12वें सप्‍ताह के लक्षण

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही खत्‍म होने के साथ जी मिचलाने, थकान, चिड़चिड़ाहट जैसी परेशानियां काफी हद तक खत्‍म हो जाएंगी। इसी हफ्ते से आप इनमें कमी देख सकते हैं। पर कुछ लक्षण जो बने रहेंगे वे हैं:

सीने में जलन : चूंकि बच्‍चा बड़ा हो रहा है ऐसे में आपके पेट का अधिकांश हिस्‍सा उसे जगह देने में खर्च होगा। इसका असर आपके पाचन पर पड़ेगा ऊपर से प्रेगनेंसी हॉर्मोन पेट के एसिड को गले तक पहुंचा रहे हैं। इसलिए खासकर लेटने पर आपको सीने में जलन की समस्‍या होगी। इससे बचने के लिए खाना खाने के फौरन बाद न लेटें, सुबह-शाम टहलें, हल्‍का खाना खाएं, पानी पिएं।
पेट पर निशान : बढ़ते बच्‍चे के साथ आपके पेट का आकार भी बढ़ेगा। आप चाहकर भी यह खुशखबरी औरों से नहीं छिपा सकेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि आपके पेट की त्‍वचा खिंचने से उस पर स्‍ट्रेच मार्क्‍स या निशान बन गए होंगे। ये बढ़ते रहेंगे, पर इनमें होने वाली खुजली और खिंचन आपको तकलीफ देगी। इससे बचने का सरल तरीका है डॉक्‍टर की सलाह से कोई क्रीम या वैसलीन इन पर लगाते रहें।
कमर में दर्द : इस दौरान आपका वजन बढ़ा है। इसका सीधा असर आपकी कमर पर पड़ रहा है। कमर में होने वाला दर्द इसी का नतीजा है। इससे निपटने के लिए हल्‍की-फुल्‍की कसरत, टहलना, ज्‍यादा समय तक खड़े रहने से परहेज करना, बैठने पर तकिए का सहारा लेना, किसी के सहारे से उठना ये सब सावधानियां करनी होंगी।
ब्रेस्‍ट में बदलाव : निप्‍पल के आसपास के गहरे रंग के हिस्‍से को एरोला कहते हैं। इस सप्‍ताह एरोला का रंग और गहरा हो सकता है। ब्रेस्‍ट को छूने पर दर्द अभी भी रह सकता है।बाकी के लक्षण अभी बने रहेंगे।

प्रेगनेंसी में मिल रहे हैं ये संकेत तो जुड़वां बच्‍चे होंगे

प्रेगनेंट होने पर शरीर में कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन बनने लगता है। प्रेगनेंसी के शुरुआती हफ्तों में इसका लेवल बढ़ता है। एचसीजी का स्‍तर नॉर्मल से अधिक होने का मतलब हो सकता है कि आपके पेट में जुड़वां बच्‍चे हों।

प्रेगनेंसी में एचसीजी हार्मोन के बढ़ने की वजह से मॉर्निंग सिकनेस होती ही है लेकिन एक से ज्‍यादा बच्‍चे होने पर मतली और उल्‍टी अधिक हो सकती है। अत्‍यधिक मॉर्निंग सिकनेस को हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम कहा जाता है। इसमें महिला को उल्‍टी और मतली इतनी ज्‍यादा होती है कि उसे नस के जरिए फलूइड देना पड़ सकता है।

प्रेगनेंसी के 14वें हफ्ते के बाद भी मतली और उल्‍टी महसूस होना जुड़वां बच्‍चे होने का संकेत हो सकता है।

जाहिर सी बात है कि गर्भ में एक के मुकाबले दो बच्‍चे होने पर बेबी बंप बड़ा होगा। अगर आपका बेबी बंप बड़ा लग रहा है तो हो सकता है कि आपके जुड़वां बच्‍चे हों। वैसे हर महिला का बेबी बंप उनके कद, वजन, आहार और बॉडी टाइप पर निर्भर करता है।

प्रेगनेंसी के 18वें हफ्ते तक अधिकतर महिलाओं को शिशु की मूवमेंट महसूस नहीं होती है। वैसे तो शिशु शुरुआत से ही मूवमेंट करना शुरू कर देता है, लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही तक कुछ महसूस होने की संभावना कम ही होती है।

दो या इससे ज्‍यादा बच्‍चे होने पर आपको सामान्‍य समय से पहले ही बच्‍चे की मूवमेंट महसूस हो सकती है लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही से पहले ऐसा कम ही होता है।

यह भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में पेट की खुजली दूर करने के लिए आजमाएं घरेलू नुस्‍खे


प्रेगनेंट महिलाएं इस समय क्‍या करें
इस सप्‍ताह वजन बढ़ने को होता है इसलिए अपनी डायट पर थोड़ा कंट्रोल रखें। ज्‍यादा वजन बढ़ने के कारण जेस्‍टेशनल डायबिटीज, हाई ब्‍लड प्रेशर और टांगों एवं कमर में दर्द हो सकता है। फल और सब्जियां खाएं, लीन प्रोटीन और कॉम्‍प्‍लेक्‍स कार्बोहाइड्रेट लें। जंक फूड खाने से बचें।
अब आपकी स्किन ज्‍यादा सेंसिटिव होगी। कीगेल एक्‍सरसाइज करें जिससे योनि की मांसपेशियों को मजबूती मिल सके।

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