2 महीने की प्रेगनेंसी में क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 14th Oct 2022 : 13:57

Symptoms at 2 months pregnant: प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में नजर आने वाले संकेत, लक्षण, शारीरिक बदलाव, सावधानियां और डाइट टिप्स

प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में नजर आने वाले लक्षण, शारीरिक बदलाव और डाइट टिप्स।
Second Months Pregnancy Symptoms: प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में पहले महीने से कई अलग लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों को पहचानकर आप कुछ सावधानियां बरत सकती हैं, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत को कोई नुकसान ना पहुंचे।
Second Month Pregnancy Symptoms in Hindi: प्रेग्नेंसी का फर्स्ट ट्राइमेस्टर (Pregnancy first Trimester) गर्भवती महिला (Pregnant women) और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बेहद ही नाजुक होता है। प्रेग्नेंसी के पांचवे सप्ताह में जब एक महिला प्रवेश करती है, तो वह प्रेग्नेंसी का दूसरा महीना (Second Month Pregnancy) कहलाता है। गर्भावस्था के दूसरे महीने में शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। पहले महीने में दिखने वाले लक्षणों से दूसरे महीने में नजर आने वाले लक्षण थोड़े अलग हो सकते हैं। सुबह उठकर थकान, उल्टी, जी मिचलाना, सिरदर्द आदि कॉमन प्रेग्नेंसी के लक्षण (Pregnancy symptoms in Hindi) हैं। दूसरे महीने से गर्भ में पल रहे भ्रूण को भी अल्ट्रासाउंड करवाते समय देखा जा सकता है। विस्तार से जानते हैं प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में नजर आने वाले लक्षण (2 months pregnant symptoms), शारीरिक बदलाव, सावधानियां और डाइट टिप्स....
दूसरे महीने में शरीर में होने वाले बदलाव

प्रेग्नेंसी के दूसरे महीने में शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं। खासकर, एचसीजी हार्मोंस का स्तर बढ़ जाता है। इससे ये पता चलता है कि आप प्रेग्नेंट हैं। इस हार्मोंस के बढ़ने से ही शरीर में बदलाव आते हैं और आपको अनियंत्रित महसूस होता है। दरअसल, दूसरे महीने में पेट बढ़ा हुआ नजर नहीं आता है, इसलिए भी लोगों को पता नहीं चलता कि आप प्रेग्नेंट हैं। धीरे-धीरे पेट पर दबाव बढ़ने लगता है, जिससे आपको महसूस होता है कि आपको आराम करना चाहिए।
दूसरे महीने में शिशु का विकास

दूसरे महीने में शिशु का विकास लगभग 1-5 मिमी तक हो जाता है। शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे- दिल, हड्डी, मांसपेशियों, तंत्रिका तंत्र विकास होना शुरू हो जाता है। हड्डियां अपना आकार लेने लगती हैं। शिशु के दिल का विकास जल्दी होता है। हार्ट चार चैम्बर में विभाजित हो जाता है। खून पंप करना शुरू कर देता है। प्लेसेंटा यानी नाल और एम्बिलिकल कॉर्ड यानी गर्भनाल का विकास हो जाता है और इसी के जरिए शिशु को भोजन प्राप्त होता है। धीरे-धीरे नाक, मुंह, कान, आंख, उंगुलियां दिखाई देने लगती हैं।

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