2 माह के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Tue 18th Oct 2022 : 13:50

दिन में कम से कम 3 से 4 बार आपको बच्चे को दूध पिलाने की जरूरत होती है। अब रात के समय भी आपका बच्चा ज्यादा देर तक चैन से सो पाएगा। ऐसे में रात के समय बच्चे को 4 से 6 घंटे के बीच दूध पिलाने की जरूरत पड़ती है। हालांकि हर बच्चा एक दूसरे से अलग होता है और हो सकता है कि आपके बच्चे को रात में ज्यादा दूध की जरूरत हो।
छह महीने की उम्र में शिशु को क्या खिला सकती हूं?
जब शिशु छह माह का हो जाए, तब आप सैद्धांतिक तौर पर उसे अधिकांश भोजन दे सकती हैं। आप नए भोजन भी काफी जल्दी आजमा सकती हैं। नीचे कुछ ऐसे भोजन दिए गए हैं, जिनके साथ आप शुरुआत कर सकती हैं, जैसे:

गाजर, कद्दू, आलू, मटर, शकरकंदी, तोरी, पेठा कद्दू, हरी गोभी और गोभी आदि सब्जियों का गाढ़ा गूदा (प्यूरी)
फलों की प्यूरी जैसे उबाला हुआ या भाप में पकाया हुआ सेब और नाशपती, आम या पपीता या मसले हुए फल जैसे पका हुआ मक्खनफल या केला, खरबूजा, तरबूज या चीकू।
उम्र के अनुसार बेबी सीरियल्स जैसे कि शिशु जो दूध पीता है उसमें आयरन फोर्टिफाइड बेबी राइस या सीरियल मिलाकर देना।

शुरुआत में प्यूरी आपके शिशु के लिए सबसे आसान भोजन हो सकता है, मगर कुछ शिशु नरम ढेलेदार भोजन भी खा लेते हैं, बशर्ते उन्हें अच्छी तरह मसला हुआ हो। शिशु दांत न होने के बावजूद भी नरम ढेलेदार भोजन चबाना जल्दी सीख सकते हैं।

एक बार जब शिशु चम्मच से स्वेच्छा और खुशी से खाने लगता है, तो आप उसके भोजन में नई चीजें शामिल कर सकती हैं। हमारी ही तरह शिशु भी एक ही चीज बार-बार खाकर ऊब जाते हैं।

इसलिए जब आपका शिशु बहुत सारे अलग-अलग फल और सब्जियां खने लगा हो, तो उसे केवल एक फल या सीरियल से बनी प्यूरी की बजाय निम्नांकित विकल्प देना शुरु करें:

दो या इससे ज्यादा फल या सब्जियों को मिलाकर बनी प्यूरी, ताकि शिशु को नया स्वाद और अतिरिक्त पोषण मिल सके। भाप में पकाए हुए सेब और गाजर की प्यूरी या आम और भाप में पकाई हुई लौकी की प्यूरी शिशु को दे सकते हैं। शिशु के पौष्टिक प्यूरी के विकल्पों के लिए हमारा स्लाइडशो देखें।
चटक स्वाद वाली सब्जियों की प्यूरी जैसे कि मटर, पत्तागोभी, हरी गोभी या पालक आदि को सीरियल्स या मसली हुई दाल के साथ मिलाया जा सकता है।
प्यूरी किया गया या ब्लेंडर में ​पीसा हुआ मांस, मछली या चिकन। भोजन को अच्छी तरह पकाएं और हड्डियां निकाल दें।
प्यूरी की हुई या अच्छी तरह मसली हुई दालें, छोले व अन्य दलहन।
फुल फैट दही, पनीर, कस्टड या फलों की खीर (बिना मीठे की)। मगर, ध्यान रखें कि शिशु को एक साल का होने तक गाय का दूध (या बकरी या भेड़ का दूध) मुख्य पेय के रूप में नहीं देना चाहिए।

कोशिश करें कि शिशु को घर पर बना खाना ही दें। बेहतर है कि पहले से तैयार बेबी फूड के​ डिब्बों या पैक को कभी-कभार या फिर सफर के दौरान ही करें। शिशु के हर भोजन में इन्हें शामिल न करें।

हालांकि, अधिकारिक निर्देशों के अनुसार शिशु के छह महीने का होने के बाद ही उसे ठोस आहार खिलाना शुरु करना चाहिए, मगर आपको चार महीने की उम्र के शिशुओं के लिए भी बाजार में भोजन मिलेंगे। ये उत्पादों की रेंज सामान्यत: चार से सात महीने और सात महीने से अधिक के शिशुओं के लिए होती है।

कोशिश करें कि आप शिशु के चरण और उम्र के अनुसार भोजन चुनें। यदि आप शिशु को चार से छह महीने की उम्र के बीच ठोस आहार खिलाना शुरु कर रही हैं, तो रेडीमेड भोजन खिलाने से पहले डॉक्टर से बात करें।

जब भी आप बाजार से पैकेज्ड बेबी फूड खरीदें, उसका लेबल पढ़ें और वे उत्पाद चुनें जिनमें नमक, चीनी या ऐसी सामग्री न हो, जिससे शिशु को एलर्जी हो।

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