2 हफ्ते के बच्चे को क्या करना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 13:05

अब आपका शिशु दो सप्ताह का हो गया है और वह धीरे-धीरे इस वातावरण में अनुकूल होने की कोशिश भी कर रहा होगा। मां के गर्भ से बाहर, इस नई दुनिया में प्रवेश के बाद शिशु को मां की आवाज सबसे ज्यादा राहत पहुंचाती है। भले ही, वे भाषा को न समझ सके, लेकिन अवाज में अपनापन महसूस करता है। इसलिए जितना अधिक आप शिशु के पास रहेंगी, उतना ही बेहतर होगा। 2 हफ्ते के बच्चे (2 week old baby) अपने सिर को थोड़ा उठाने व हिलाने में सक्षम हो चुका होता है। इसलिए ये हमेशा ध्यान रखें कि जब बच्चा लेटा हुआ हो, तब चेहरे के पास के हिस्से को कवर न करें। आपके बच्चे की आंखें अभी भी पफी होंगी।
ये वह समय है, जब आपके शिशु को आस पास का वातावरण समझ में आने लगता है। आप अपने शिशु को कुछ चीजों की पहचान करना सिखाएं। ​​शिशु को स्तनपान कराते समय, अपने सिर को अगल-बगल घुमाएं ताकि शिशु का ध्यान आपकी तरफ जाए। आप देखें कि शिशु आपकी ओर देख रहा है या नहीं। इस तरह के व्यायाम बच्चे की आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और ​दृष्टि को बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि बच्चा सिर्फ आपकी ओर ही देखता है, तो भी चिंता न करें क्योंकि आम तौर पर पहले कुछ महीनों में बच्चे को अस्पष्ट नजर आता है।
2 सप्ताह का शिशु है, तो आप शिशु के साथ संवाद करते रहें, ताकि वो धीरे-धीरे आपकी आवाज से परिचित हो जाए। चाहें वे आपकी बात समझ न पाएं, लेकिन उसमें मौजूद प्यार को वह भली-भांति पहचानते और महसूस करते हैं। इससे आपके शिशु के अंदर सुरक्षा की भावना आती है।
शायद आपको यह लगे कि आपका बच्चा स्वस्थ है और आपको डॉक्टर से मिलने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन 2 हफ्ते के बच्चे (2 week old baby) को आपको अपने डॉक्टर से मिल कर कुछ जांचे करवानी चाहिए, जैसे कि—
शिशु का विकास सही ढ़ग से हो रहा है और उसमें कोई रूकावट तो नहीं आ रही है।
शिशु का टीकाकरण और उस दौरान उसे कैसे स्तनपान करना चाहिए।
बच्चे का वजन और हाइट चैक करवाएं, जिससे उसके विकास का पता चलता रहे।
नवजात शिशु में पीलिया एक सामान्य स्थिति है, विशेष रूप से प्रीटर्म (समय से पहले जन्म लिए शिशु) और कुछ स्तनपान करने वाले शिशुओं में देखने को मिलती है।
पीलिया नवजात शिशु की त्वचा और आंखों में पीला मलिनकिरण होता है। यह आमतौर पर होता है क्योंकि रक्त प्रवाह में मौजूद बिलीरुबिन से छुटकारा पाने के लिए एक बच्चे का लिवर पूरी तरह से तैयार नहीं होता है।
2 हफ्ते के बच्चे (2 week old baby) या शिशु में पीलिया का असर पहले उसके चेहरे, फिर छाती, पेट और अंत में पैरों पर दिखाई देता है। उसकी आंखों में भी पीलापन आ जाता है। गहरे रंग की त्वचा वाले शिशुओं में, आप पीलिया का पता लगाने के लिए शिशु की आंखों और मसूड़ों का निरीक्षण कर सकते हैं। यदि आप अब भी अनिश्चित हैं, तो अपने बच्चे की नाक या माथे की त्वचा को उंगली से धीरे से दबाएं, यदि पीलिया मौजूद है, तो त्वचा दबाते ही त्वचा पीली दिखाई देने लगेगी।
आपका डॉक्टर वैसे तो इस समस्या का निदान आपके शिशु की हरकतों को समझकर या फिर शिशु के रक्त मौजूद बिलीरुबिन का परिक्षण कर के करेगा। वैसे तो नवजात शिशु में पीलिया के अधिकांश मामलों में उपचार की आवश्यकता नहीं होती है और यह 1 या 2 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में, शिशुओं को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। पीलिया के उच्च स्तर को कम करने के लिए फोटोथेरेपी (जो बिलीरुबिन को ख़त्म करने में मदद करता है) का उपयोग किया जा सकता है।


चिंता न करें यदि आपके बच्चे को पीलिया है, तो हमेशा अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें ताकि आपके बच्चे का प्रभावी उपचार किया जा सके।



पहले कुछ सप्ताह में, अधिकांश माताओं को बच्चे से जुड़े कई सवाल परेशान करते हैं, जैसे कि मेरा शिशु इतना कमजोर क्यों है, क्या शिशु कुपोषित है या क्या मेरे शिशु का वजह सही है आदि। लेकिन, आप इन सब की चिंता न करें। शिशु में पाए जाने वाले ऐसे कई संकेत हैं, जिन्हें आप खुद को आश्वस्त करने के लिए देख सकती हैं, जैसे कि


जैसे कि शिशु को दूध पिलाने के बाद आपकी छाती हल्की महसूस होती है। इसके अलावा, जब आप बच्चे की त्वचा को हल्का सा दबाते हैं, तब त्वचा पर चमक और लचक दिखाई देती है।
2 हफ्ते के बच्चे (2 week old baby) में आप ये भी ध्यान दे सकते हैं कि आपका शिशु किस तरह स्तनपान करता है, ताकि आप जान सकें कि वे दूध का आनंद ले रहा है या नहीं। यदि बच्चा नियमित रूप से पीला या काला मल त्याग कर रहा है, तो भी यह एक अच्छा संकेत है। इसके अलावा, यदि आपको प्रति दिन लगभग पांच से आठ बार डायपर बदलना पड़ता है तो यह सभी संकेत इस तरफ इशारा करते हैं कि आपके शिशु को पर्याप्त पोषण मिल रहा है।
चाहें आप ​शिशु को स्तनपान करा रही हों या बॉटल-फीडिंग, याद रखें कि आपके बच्चे की वृद्धि दर हर चरण में भिन्न होगी । यदि आपको अपने बच्चे के वजन के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। डॉक्टर आपके बच्चे के लिए उचित पोषण का सुझाव देंगे।
बच्चे को जन्म के समय यह पता ही नहीं होता है कि उसके हाथ और पैर भी उसके शरीर से ही जुड़े हैं। एक दो हफ्ते निकल जाने के बाद वह समझता है कि उसके शरीर के कई हिस्से हैं जिन्हें वह हिला कर अपनी बात दूसरों तक पहुंचा सकता है। 2 हफ्ते के बच्चे (2 week old baby) अब अपने शरीर को समझने की कोशिश कर रहा होते हैं। ऐसे में 2 हफ्ते के बच्चे को एहसास दिलाने के लिए हाथ उसी के शरीर का हिस्सा हैं उनके हाथों को पकड़कर ऊपर उठाएं। इसके अलावा उसके हाथों को चेहरे के आस-पास लेकर जाएं जिससे वह समझ सके कि ये उसके शरीर का ही हिस्सा हैं। 2 हफ्ते के बच्चे (2 week old baby) में शरीर की गर्मी को कंट्रोल करने की क्षमता नहीं होती है। साथ ही उसके शरीर की गर्मी हाथों और पैरों से ही बाहर निकलती है।

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