20 सप्ताह के गर्भवती होने पर मेरे ऊपरी पेट में दर्द क्यों होता है?pregnancytips.in

Posted on Wed 19th Oct 2022 : 11:35

गर्भावस्था में पेट दर्द (एब्डोमिनल पेन)

क्या गर्भावस्था में पेट दर्द महसूस होना सामान्य है?
गर्भावस्था के दौरान पेट में दर्द, पीड़ा और मरोड़ होना सामान्य बात है। अधिकांश गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कभी न कभी पेट दर्द होता ही है। अगर आपकी गर्भावस्था एकदम स्वस्थ चल रही है, तो पेट दर्द आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होते। गर्भ में शिशु के होने की वजह से आपकी मांसपेशियों, जोड़ों और नसों पर काफी दबाव पड़ता है। इससे आपको पेट के आसपास के क्षेत्र में काफी असहजता महसूस हो सकती है।

हड्डियों को जोड़ने वाले मजबूत उत्तक व अस्थि-बंध (लिगामेंट्स) आपके गर्भस्थ शिशु को सहारा ​देते हैं। इसलिए पूरी गर्भावस्था के दौरान इनमें खिंचाव रहता है। इसकी वजह से हिलने-डुलने पर आपको शरीर में एक या दोनों तरफ हल्का दर्द महसूस हो सकता है।जैसे-जैसे आपका शिशु बढ़ता है, आपके गर्भाशय का झुकाव दाईं तरफ होने लगता है और ऐसे में आपके अस्थि-बंध (लिगामेंट) में ऐंठन या संकुचन हो सकता है। इसलिए आपको मरोड़ का दर्द दाईं तरफ ज्यादा महसूस हो सकता है।
प्रेगनेंसी में पेट दर्द किस वजह से होता है?
पेट दर्द होने के बहुत से संभावित कारण हैं। कई बार यह केवल गैस या कब्ज की वजह से भी हो सकता है। मगर कभी-कभी यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।

आपका दर्द सामान्य है या गंभीर, यह पता लगाने के लिए डॉक्टर जानना चाहेंगी कि वास्तव में दर्द कैसा महसूस हो रहा है। इसलिए निम्न बातों को लिखकर रखें:

दर्द कितने बजे शुरु हुआ?
दर्द कितनी देर तक रहा और कितना प्रबल था?
क्या यह तीक्ष्ण दर्द था या फिर हल्का दर्द था?
क्या आपके हिलने-डुलने पर दर्द आ-जा रहा था या फिर लगातार बना हुआ था?

आप कैसा महसूस कर रही हैं, यह भी लिखकर रखें, ताकि आप डॉक्टर को पूरा विवरण दे सकें। काफी देर आराम करने के बाद भी यदि दर्द ठीक न हो या फिर आपको निम्न लक्षणों के साथ संकुचन भी हों, तो देर न करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

पेशाब में खून आना
पेशाब करते समय दर्द या जलन होना
असामान्य योनिस्त्राव
खून के धब्बे या रक्तस्त्राव होना
संवेदनशीलता और दर्द
उल्टी होना
बुखार
कंपकंपी होना
कई बार आपका पेट दर्द किसी ऐसी समस्या का संकेत हो सकता है, जो गर्भावस्था से जुड़ी न हो, जैसे कि:

एपेंडिसाइटिस
अंडाशय में गांठ (ओवेरियन सिस्ट)

गुर्दों से जुड़ी समस्या
मूत्रमार्ग संक्रमण (यूटीआई) या पथरी
पित्त की थैली से जुड़ी परेशानी


यह भी संभव है कि आपकी प्रेगनेंसी की वजह से कोई समस्या हुई हो। गर्भाशय में फाइब्राइड्स हो तो ये गर्भधारण से पहले परेशान नहीं करते, मगर गर्भवती होने पर इनके कारण असहजता हो सकती है।

कई बार संभोग करने और चरमोत्कर्ष पर पहुंचने से आपको संकुचन और हल्का पीठ दर्द हो सकता है। चरमोत्कर्ष पर पहुंचने से आपकी योनि और गर्भाशय से स्पंदन ऊपर की तरफ पहुंच जाता है, जिससे आपको बाद में मरोड़ जैसा महसूस हो सकता है।

तीसरी तिमाही में चरमोत्कर्ष या संभोग की वजह से अभ्यास संकुचन (ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन) शुरु हो सकते हैं। मगर चिंता न करें, चरमोत्कर्ष पर पहुंचने से प्रसव शुरु नहीं होता, फिर चाहे आपकी ड्यू डेट नजदीक ही क्यों न हो।
गर्भावस्था में एब्डोमिनल पेन से राहत के लिए क्या कर सकती हूं?
आराम करने से आमतौर पर मरोड़ से राहत मिल जाती है, इसलिए यदि हो सके तो बैठ जाएं और कुछ समय आराम करें। अस्थि-बंधों का दर्द दूर करने के लिए निम्न उपाय आजमाएं:

जिस तरफ दर्द हो रहा हो, उसके दूसरी तरफ होकर लेट जाएं।
हल्के गर्म पानी से नहाएं।
जहां दर्द हो रहा हो उस क्षेत्र में गर्म पानी की बोतल, हीटिंग पैड या कपड़े की छोटी पोटली में गेहूं की हल्की गर्म भूसी भरकर सिकाई करें।
धीमी गति से बैठने और उठने की आदत डालें, अचानक तेजी से उठे या बैठे नहीं। इससे मरोड़ कम होने में मदद मिलेगी।

हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जैसे कि योग आदि से आराम मिल सकता है। पहली तिमाही गुजर जाने के बाद योग करना उचित रहता है। अपने क्षेत्र में प्रसवपूर्व व्यायाम कक्षाओं के बारे में डॉक्टर से पता करें।

ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। यदि आपको इसमें असहजता हो, तो संकुचन पूरा होने तक बिना हिले-डुले लेटी रहें या फिर रिलैक्सेशन तकनीक आजमाएं। संभोग के बाद पीठ की हल्की मालिश भी आपको आराम दे सकती है।
पहली तिमाही में पेट दर्द कब चिंता का कारण होता है?
गर्भावस्था की शुरुआत में आमतौर पर पेट दर्द चिंता का कारण नहीं होते हैं। मगर, यदि साथ में अन्य लक्षण भी हों, तो आपको मदद कि जरुरत हो सकती है।

गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भपात
गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भपात हो जाना काफी आम है। दुर्भाग्यवश, पांच में से एक गर्भावस्था शुरुआत में ही समाप्त हो जाती है, क्योंकि शिशु उचित ढंग से विकसित नहीं हो रहा होता।

गर्भावस्था की शुरुआत में गर्भपात होने का सबसे आम संकेत रक्तस्त्राव होना है। यह रक्तस्त्राव कई दिनों तक रुक-रुककर हो सकता है। आपको शायद पेट में मरोड़, और योनि से तरल और उत्तक का स्त्राव भी हो सकता है। इस बारे में डॉक्टर को बताएं। आपकी स्थिति को समझते हुए वे आपको अस्पताल या क्लिनिक आने से पहले लेटने या फिर आराम से बैठने की सलाह दे सकती हैं।हालांकि, यदि आपको रक्तस्त्राव हो रहा हो या असहनीय दर्द हो रहा हो, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल के आपाताकाल विभाग में जाएं।

अस्थानिक (एक्टोपिक) गर्भावस्था
अस्थानिक गर्भावस्था गर्भाशय से बाहर विकसित होती है। दुर्भाग्यवश, ऐसी गर्भावस्था को बचाया नहीं जा सकता। यह एक गंभीर स्थिति है, और आपको तुरंत उपचार की जरुरत होगी।

अस्थानिक गर्भावस्था का पता अधिकांशत: अक्सर चार से आठ सप्ताह की गर्भावस्था के बीच चलता है, मगर इनका पता पहली तिमाही में कभी भी चल सकता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी काफी गंभीर हो सकती है, इसलिए निम्नांकित लक्षण होने पर तुरंत अपनी डॉक्टर से संपर्क करें:

पेट के निचले हिस्से में दर्द, जो कि सिर्फ एक ही तरफ हो
योनि से रक्तस्त्राव या खून के धब्बे आना, जो कि सामान्य माहवारी से गहरे रंग का हो

निम्नांकित लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी अस्तपताल के आपातकाल विभाग में जाएं:

आपको पेट में बहुत प्रबल व तीक्ष्ण दर्द हो और
आप बीमार महसूस करें, चक्कर आएं या बेहोश हो जाएं और
आपके चेहरे की रंगत उड़ी-उड़ी सी और आप कांतिहीन लग रही हों

ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम (ओएचएसएस)
यदि आपने गर्भधारण करने के लिए प्रजनन उपचार लिए थे, खासकर कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ), तो हो सकता है आपको पेट दर्द प्रजनन दवाओं द्वारा अंडाशयों को अति-उत्तेजित करने की वजह से हो। आईवीएफ करवाने वाली एक तिहाई महिलाओं को ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम (ओएचएसएस) की वजह से डिंब एकत्रित करने के कुछ दिनों बाद हल्की असहजता महसूस होती है। यह असहजता गर्भावस्था में कई हफ्तों तक रह सकती है। यदि दर्द कम न हो रहा हो, तो डॉक्टर से बात करें।

यदि आपको उल्टी होने लगे या पेशाब संबंधी समस्याएं या छाती में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दूसरी तिमाही में पेट दर्द कब चिंता का कारण होता है?
दूसरी तिमाही में पेट दर्द अपने आप में शायद चिंता का कारण नहीं होता। मगर कुछ स्थितियों में तुरंत चिकित्सकीय देखभाल की जरुरत होती है।

गर्भावस्था के बाद के चरण में गर्भपात (लेट मिस्कैरिज)
इस बात की थोड़ी बहुत संभावना रहती है कि यह दर्द गर्भावस्था में देर से गर्भपात होने का संकेत हो सकता है। मगर ऐसी स्थिति में साथ में रक्तस्त्राव भी होता है।

गर्भावस्था में लेट मिस्कैरिज की संभावना शुरुआत में गर्भपात होने की तुलना में काफी कम होती है। और ऐसा 12 से 24 सप्ताह की गर्भावस्था के बीच होता है।

देर से गर्भपात होने के सबसे आम संकेत हैं मरोड़ और भारी रक्तस्त्राव होना। यदि आपको ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं या नजदीकी अस्पताल के आपातकाल विभाग में जाएं।

यदि आपको गर्भावस्था के दौरान हल्का रक्तस्त्राव या असामान्य योनिस्त्राव हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।

अपरा का खंडन (प्लेसेंटल एबरप्शन)
यदि रक्तस्त्राव के साथ-साथ पेट और पीठ में दर्द भी हो तो यह अपरा के खंडित होने का संकेत हो सकता है। ऐसा तीसरी तिमाही में होना अधिक आम है, मगर 20 सप्ताह के बाद यह कभी भी हो सकता है।

अपरा का खंडन तब होता है जब अपरा शिशु के जन्म के पहले ही गर्भाशय की दीवार से हटने लगती है। इसकी वजह से काफी ज्यादा रक्तस्त्राव हो सकता है।

प्लेसेंटल एबरप्शन आपके और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए गंभीर स्थिति हो सकती है। ऐसा होने पर शिशु तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व की सप्लाई बंद हो सकती है। बहुत अधिक खून बहने से आपको भी खतरा हो सकता है।

यदि गर्भावस्था की दूसरी या तीसरी तिमाही में आपको अपरा के खंडन के कोई संकेत महसूस हों, तो आपको पूरी जांच के लिए तुरंत अस्पताल जाना होगा।

यदि आपकी अपरा का खंडन हुआ है तो आपकी पूरी निगरानी की जाएगी क्योंकि इससे शिशु के समय से पहले जन्म लेने का खतरा बढ़ जाता है। यदि खंडन का पता न चले तो हो सकता है शिशु का उचित विकास न हो।

तीसरी तिमाही में पेट दर्द कब चिंता का कारण होता है?
तीसरी तिमाही में दर्द और असहजता शिशु के अवस्था बदलने, शिशु के बढ़ने के साथ गर्भाशय के बड़ा होने या ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन होने की वजह से हो सकती है। हालांकि, यह निम्नांकित स्थितियों का भी संकेत हो सकता है:

प्री-एक्लेमप्सिया
यदि आपको अपनी पसली के ठीक नीचे तेज दर्द हो, तो तुरंत डॅक्टर से बात करें। यह प्री-एक्लेमप्सिया का लक्षण हो सकता है। यदि आपको प्री-एक्लेमप्सिया हो, तो आपको साथ में अन्य लक्षण भी होंगे, जैसे कि तेज सिरदर्द, तबियत ज्यादा खराब लगना और अचानक से सूजन बढ़ जाना (इडिमा)।

समय से पहले प्रसव
तीसरी तिमाही में पहुंचने पर पेट दर्द होने का मतलब यह हो सकता है कि आपका शरीर प्रसव के लिए काफी पहले से तैयार हो रहा है। समय से पहले प्रसव पीड़ा होने का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि आपके शिशु का जन्म अभी होने वाला है। कई बार, जब तक आपके पानी की थैली नहीं फटती, तब तक ये केवल गलत संकेत हो सकते हैं।

समय से पहले प्रसव 24 से 37 सप्ताह की गर्भावस्था के बीच कभी भी हो सकता है। आपको श्रोणि या पेट के निचले हिस्से में संकुचनों की वजह से दर्द महसूस होगा। गर्भाशय के मुख को बंद रखने वाला श्लेम डाट (म्यूकस प्लग) भी बाहर आ सकता है। आपको ऐसा भी महसूस हो सकता है कि आपकी पानी की थैली फट गई है।

यदि आपको ऐसा लगे, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें और अपने मैटरनिटी अस्पताल जाएं।
प्रसव के शुरुआती चरण
37 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद यदि आपको मरोड़ महसूस हो, तो इसका मतलब हो सकता है कि आप प्रसव के शुरुआती चरण में हैं। इस समय तक आपकी गर्भावस्था पूर्ण समय पर पहुंच गई है, इसलिए मरोड़ होना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो बताती है कि आपका शरीर प्रसव के लिए तैयार हो रहा है।



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