3 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Thu 2nd Jul 2020 : 05:23

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गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) का समय किसी भी महिला के लिए बहुत खास होता है। न सिर्फ गर्भवती महिला बल्कि उसका पूरा परिवार आने वाले मेहमान का बेसब्री से इंतजार कर रहा होता है। ऐसे में इस अवधि में गर्भवती का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। खासतौर पर उसके खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। यह उसके साथ-साथ पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी जरूरी होता है। इस ब्लॉग में हम आज आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के तीसरे महीने में किस तरह का डाइट चार्ट होना चाहिए। गर्भवती को क्या खाना चाहिए और किससे परहेज करना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने के दौरान क्या खाना चाहिए / 3rd Month Of Pregnancy Diet - Which Foods To Eat In Hindi

यूं तो प्रेग्नेंसी के हर महीने महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन शुरुआती तीन महीने बहुत मायने रखते हैं। दरअसल इस दौरान भ्रूण आकार ले रहा होता है। उसके दिल, किडनी, आंखों, गुप्तांग व अन्य अंगों का निर्णाण इस महीने में आकर होने लगता है। ऐसे में संतुलित खान-पान से बच्चे की ग्रोथ ठीक से होती है और वह हेल्दी पैदा होता है।
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दुग्ध उत्पाद - तीसरे महीने में गर्भवती महिला के लिए दूध व दूध से बने उत्पाद सबसे उत्तम आहार है। दरअसल पेट के अंदर भ्रूण को कैल्शियम और खनिजों की आवश्यकता होती है, जो दूध व इससे बने उत्पादों से प्रचूर मात्रा में मिलता है। ऐसे में आपको दूध, दही, पनीर, घी आदि का सेवन करना चाहिए।

कार्बोहाइड्रेट्स – इस अवधि में आपको ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इससे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और भ्रूण का विकास होता है। इसे बनाए रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट काफी कारगर है। ऐसे में आप अपनी डाइट में ब्रेड, चावल, चपाती, फलियां, शकरकंदी और आलू को शामिल करें। हालांकि शर्करा युक्त पदार्थ खाने से वजन बढ़ सकता है। अतः थोड़ी सावधानी बरतने की भी जरूरत है।

विटामिन बी-6 - गर्भावस्था के तीसरे महीने में थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन आम बात है। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए विटामिन बी-6 युक्त आहार काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप विटामिन बी-6 के लिए केला, दूध, ब्राउन राइस, अंडे, दलिया, सोयाबीन, आलू, खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकती हैं। ये सभी चीजें हीमोग्लोबिन भी बनाती हैं।

आयरन और फोलेट युक्त आहार - गर्भ में पल रहे बच्चे के बेहतर विकास के लिए आयरन और फोलेट से युक्त आहार की काफी आवश्यकता होती है। इसकी कमी से बच्चे में शारीरिक विकार हो सकता है। इसलिए अगर आप तीसरे महीने में हैं तो इसे अपने आहार में जरूर शामिल करें। चुकंदर, चीकू, बींस, संतरा, आलू, ओटमील, ब्रोकोली, अंडे और हरी सब्जियां आयरन और फोलेट के अच्छे स्त्रोत हैं।

फलों का सेवन करें - इस अवस्था में खाने के अलावा ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करें। अपनी डाइट में रोजाना कम से कम दो फलों को शामिल करें। दरअसल फलों में विटामिन्स की मात्रा काफी होती है। ये पानी, प्राकृतिक शुगर (चीनी), फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्त्रोत है।

मीट भी देगा फायदा - अगर मांसाहारी हैं, तो गर्भावस्था के तीसरे महीने में मीट और मछली का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि मीट पूरी तरह से पका हो।

ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं – प्रग्नेंसी के दौरान आपको ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी न होने दें। आप दिन में कम से कम 8 गिलास पानी और जूस पीने की कोशिश करें।

प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने में क्या नहीं खाएं / Third Month Pregnancy Diet Chart - What not to Eat In Hindi

1. कॉफी व चाय – गर्भावस्था के तीसरे महीने में चाय, कॉफी का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। इससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं अधिक मात्रा में चाय व कॉफी पीने से भ्रूण में जन्म दोष होने की आशंका भी रहती है।

2. जंक फूड – इस समय में आपको जंक फूड के सेवन से भी बचना चाहिए। जंक फूड में चीनी, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, वसा और शरीर को प्रबावित करने वाले कई तत्व होते हैं।

3. समुद्री भोजन – प्रेग्नेंसी के इस महीने में समुद्री भोजन खाने से बचना चाहिए। दरअसल इनमें उच्च मरकरी होती है, जो भ्रूण के लिए नुकसानदायक होता है।

4. शराब व तंबाकू – इस अवस्था में आपको शराब व तंबाकू से भी दूर रहना चाहिए। इनमें भी आपके भ्रूण को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व होते हैं। इसके अलावा चॉकलेट से भी बचना चाहिए।

5. डिब्बाबंद खाना – गर्भावस्था के तीसरे महीने में आपको डिब्बाबंद चीजों से भी दूर रहना चाहिए। जैसे अचार व जूस। इनमें कुछ केमिकल मिलाए जाते हैं, जो आपके व पेट में पल रहे बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

6. कच्चा मांस और कच्चे अंडे – इस दौरान आपको कच्चा मांस और कच्चे अंडे भी नहीं खाने चाहिएं। इनमें साल्मोनेला व लिस्टेरिया नामक बैक्टीरिया होता है, जो भ्रूण पर नकारात्मक असर डालता है।

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