6 महीने के बच्चे को संतरा कैसे दें?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 16:00

बच्चों को संतरा खिलाने के फायदे, सावधानियां व रेसिपीज | Orange For Babies In Hindi

IN THIS ARTICLE

क्या बच्चों को संतरा खिला सकते हैं?
बच्चों को संतरा कब खिलाना शुरू करें? | Bachoo Ko Santara Dena Kab Shuru Kare
बच्चों को एसिड फूड्स से होने वाले रिएक्शन
संतरे के पोषण मूल्य
बच्चों के लिए संतरे के स्वास्थ्य लाभ
बच्चों को संतरा खिलाने के नुकसान
बच्चे को संतरा खिलाते समय बरती जाने वाली सावधानियां
बच्चे को संतरा खिलाने के तरीके
बच्चों के लिए संतरे की रेसिपी

जब बच्चे बड़े होने लगते हैं तो उन्हें पूर्ण आहार की जरूरत होती है। 6 माह के बाद शिशु को मां के दूध के अलावा थोड़े-बहुत ठोस आहार देने की शुरुआत की जाती है (1)। इसमें सब्जियों को शामिल करना तो आवश्यक है ही, साथ में फलों को शामिल करना भी जरूरी है। हालांकि, बच्चे को फल देने से जुड़ी दुविधा अक्सर माता-पिता के मन में चलती है। अब बाजार में फल भी तो कई प्रकार के हैं। इन्हीं में एक सामान्य फल है संतरा। अब सवाल यह उठता है कि क्या बच्चों को संतरा दे सकते हैं? ऐसे में मॉमजंक्शन के इस लेख में हम न सिर्फ बच्चों को संतरा खिलाने के फायदे और नुकसान बताएंगे, बल्कि बच्चों को संतरा खिलाने से जुड़ी अन्य कई जानकारियां भी साझा करेंगे। इसलिए अंत तक यह लेख जरूर पढ़ें।

सबसे पहले इसका जवाब जानते हैं कि बच्चों को संतरा खिलाना चाहिए या नहीं।
क्या बच्चों को संतरा खिला सकते हैं?

शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें पोषक तत्वों की जरूरत होती है। साथ ही शिशु को स्वस्थ और मजबूत रहने के लिए विटामिन और मिनरल्स की आवश्यकता होती है। ऐसे में सेहत के साथ-साथ खाने को आकर्षक बनाने के लिए उनके खाने में रंग-बिरंगे सब्जियों और फलों को शामिल करना चाहिए। इसी लिस्ट में संतरे का नाम भी शामिल है। अन्य फलों के साथ शिशु के आहार में संतरे को शामिल किया जा सकता है (2)।

वहीं, संतरा सिट्रस फलों की श्रेणी में आता है, जिसमें विटामिन सी मौजूद होता है (3)। विटामिन सी शरीर में आयरन के अवशोषण में सहायक भूमिका निभा सकता है और आयरन अवशोषण को बेहतर कर सकता है (4)। इस आधार पर माना जा सकता है कि बच्चे को संतरा खिलाना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।


अब लेख के इस भाग में पढ़ें बच्चे को संतरा खिलाने के सही उम्र के बारे में।
बच्चों को संतरा कब खिलाना शुरू करें? | Bachoo Ko Santara Dena Kab Shuru Kare

6 माह का होने के बाद बच्चे के आहार में मां के दूध के साथ अन्य ठोस आहार भी शामिल किया जाना चाहिए (5)। ऐसे में 7 से 8 माह की उम्र का होने पर बच्चों को संतरा खिलाना शुरू कर सकते हैं। दरअसल, जब बच्चा 7 से 8 माह की उम्र का होता है, तो उसके आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करना जरूरी होता है। दरअसल, बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए उनके शरीर को कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है। इसके लिए रंग बिरंगे खाद्य पदार्थों को बच्चे के आहार का हिस्सा बनाया जा सकता है, जिसमें संतरा भी शामिल है (2)।


हालांकि, संतरा जैसे सिट्रिक फ्रूट्स एलर्जी का भी कारण बन सकते हैं (6)। इसलिए अगर बच्चे को संतरे के फल या जूस से एलर्जी की प्रतिक्रिया नहीं है, तो ही बच्चों को संतरा खिलाना शुरू करें। साथ ही लेख में आगे हम बच्चे को संतरा देने से जुड़ी सावधानियों की जानकारी भी पाठकों के साथ साझा करेंगे।

आगे हम बच्चों को एसिड फूड्स से होने वाले रिएक्शन की जानकारी दे रहे हैं।
बच्चों को एसिड फूड्स से होने वाले रिएक्शन

बच्चों को एसिड फूड्स के सेवन से रिएक्शन के लक्षण भी देखे जा सकते हैं, जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैंः

ओरल एलर्जी सिंड्रोम

संतरा सिट्रस व् एसिड फूड्स की श्रेणी में आता है (7)। ऐसे फलों में अम्ल की अधिक मात्रा होती है, जिस वजह से ये एलर्जी का भी कारण बन सकते हैं। बच्चे को ओरल एलर्जी सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। इसमें त्वचा पर रैशेज (Anaphylaxis) हो सकते हैं। वहीं, सिट्रस फ़्रूट के सेवन के रिएक्शन से बच्चों समेत वयस्कों में भी हे फीवर (इसे एलर्जिक राइनाइटिस भी कहते हैं) और अस्थमा की समस्या हो सकती है (6)।

पेरिओरल डर्मेटाइटिस

कुछ मामलों में संतरे जैसा खट्टा फल खाने से बच्चों में त्वचा संबंधी समस्या भी हो सकती है। इस समस्या को पेरिऑरल डर्मेटाइटिस (Perioral Contact Dermatitis) कहा जाता है। ऐसी स्थिति में मुंह के आसपास की त्वचा में सूजन और दाने हो सकते हैं (8)।

लेख के इस भाग में हम संतरे में पाए जाने वाले पोषक तत्व व उनकी मात्रा के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
संतरे के पोषण मूल्य

यहां हम प्रति 100 ग्राम संतरे के पोषक तत्व और उनकी मात्रा के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (9):

प्रति 100 ग्राम संतरा में 86.75 ग्राम पानी, 47 केसीएएल ऊर्जा, 0.94 ग्राम प्रोटीन, 0.12 ग्राम टोटल लिपिड (फैट), 2.4 ग्राम फाइबर (टोटल डायटरी), 9.35 ग्राम शुगर और 11.75 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है।

वहीं मिनरल की बात करें, तो 100 ग्राम संतरा में 40 एमजी कैल्शियम, 0.1 एमजी आयरन, 10 एमजी मैग्नीशियम, 14 एमजी फास्फोरस, 181 एमजी पोटेशियम, 0.07 एमजी जिंक, 0.045 एमजी कॉपर और 0.5 एमजी सिलेनियम होता है।

इसके अलावा 100 ग्राम संतरा में विटामिन भी होते हैं, जिनमें 53.2 एमजी विटामिन सी (टोटल एस्कॉर्बिक एसिड), 0.087 एमजी थियामिन, 0.04 एमजी राइबोफ्लेविन, 0.282 एमजी नियासिन, 0.06 एमजी विटामिन बी6, 0.18 एमजी विटामिन-ई, 11 माइक्रोग्राम विटामिन-ए, 71 माइक्रोग्राम कैरोटीन (बीटा) और 11 माइक्रोग्राम कैरोटीन (अल्फा) शामिल हैं।

साथ ही, संतरा की प्रति 100 ग्राम मात्रा में 30 माइक्रोग्राम फोलेट, 8.4 माइक्रोग्राम कोलिन, 116 माइक्रोग्राम क्रिप्टोजैंथिन , 129 माइक्रोग्राम ल्यूटिन + जियाजैंथिन, 0.023 ग्राम फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड), 0.015 ग्राम फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड) और 0.025 ग्राम फैटी एसिड (पॉलीअनसैचुरेटेड) भी होते हैं।

बच्चों को संतरा खिलाने के फायदे जानने के लिए पढ़ें यह भाग।
बच्चों के लिए संतरे के स्वास्थ्य लाभ

यहां पर बच्चों को संतरा खिलाने के फायदे से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी गई है। हालांकि, ध्यान रखें कि बच्चे को संतरे से एलर्जी न होने पर ही उसे संतरा खिलाएं। अब जानते हैं बच्चों को संतरा खिलाने के फायदे, जो कुछ इस प्रकार हैं:
1.रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

वयस्क के मुकाबले, नवजात व छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है (10)। वहीं, संतरा के साथ ही संतरे के जूस में भी विटामिन सी की मात्रा होती है, जो शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में प्रभावकारी हो सकती है (11)। इसके अलावा, संतरे के जूस में कैरोटीनॉयड (Carotenoids) और फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) होते हैं, जो काफी कम सब्जियों और फलों में पाए जाते हैं। संतरे के जूस में मौजूद ये तत्व कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं (12)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि संतरा या संतरे के जूस का सेवन बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को भी कम कर सकता है।
2.पेट के लिए

बच्चों में कब्ज की परेशानी सामान्य है। सही मात्रा में तरल पदार्थ न लेना या फाइबर युक्त आहार न लेना इसके कारण हो सकते हैं (13)। ऐसे में बच्चे के आहार में फाइबर के लिए संतरे को शामिल किया जा सकता है। कई लोगों को जानकर हैरानी हो सकती है कि संतरा कब्ज से तो राहत दिला ही सकता है, साथ ही साथ दस्त में भी इसका सेवन उपयोगी हो सकता है। पेट के लिए संतरे के फायदे यहीं तक सीमित नहीं, बल्कि संतरे के सेवन से बच्चे की भूख भी बढ़ सकती है (14)। तो बच्चे के पेट को स्वस्थ रखने के लिए संतरे को उनके डाइट में शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, अगर शिशु को कब्ज, दस्त या गैस की समस्या अधिक हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
3.एनीमिया से बचाव

एनीमिया यानी खून की कमी का सबसे आम कारण शरीर में पर्याप्त आयरन नहीं होना होता है (15)। ऐसे में शरीर में पर्याप्त आयरन के अवशोषण के लिए विटामिन सी काफी उपयोगी हो सकता है (4)। इससे जुड़े एक शोध में भी इसकी पुष्टि होती है कि संतरे का जूस अगर बच्चे के आहार में शामिल किया जाए, तो उन्हें आयरन के अवशोषण में मदद मिल सकती है (16)। वहीं, शरीर में बेहतर आयरन अवशोषण के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थ के साथ विटामिन सी युक्त आहार लेना भी आवश्यक है (17)। ऐसे में बच्चे के शरीर में बेहतर आयरन अवशोषण के लिए और उन्हें खून की कमी के जोखिम से बचाने के लिए संतरे को उनकी डाइट में शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
4.शरीर को उचित पोषण दे

अगर बच्चे के शुरुआती वर्षों में उन्हें सही पोषक तत्व युक्त आहार न दिया जाए तो यह कुपोषण का कारण भी बन सकता है। पोषक तत्वों की कमी से उन्हें शारीरिक और मानसिक समस्याओं व कमजोरी का जोखिम हो सकता है (18)। ऐसे में पोषक तत्व युक्त सब्जियों के साथ-साथ फल भी बच्चे के लिए आवश्यक हैं (19)। वहीं, संतरा भी उन्हीं पोषक तत्व युक्त फलों में से एक है। संतरे में विटामिन ए, सी, फोलेट, पोटेशियम, कैल्शियम, फाइबर जैसे कई सारे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं (9)। ऐसे में बच्चे को अन्य पौष्टिक आहार के साथ संतरे का सेवन भी जरूर कराएं।
5.आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए

भारत में लगभग 5.7 फीसदी बच्चे आंखों से जुड़ी समस्या से परेशान है, जिसका मुख्य कारण विटामिन-ए की कमी को माना जा सकता है। वहीं, इस समस्या से बचाव के लिए विटामिन-ए युक्त आहार जैसे – संतरा और अन्य नारंगी फल का सेवन करना लाभकारी हो सकता है (20)। वहीं, संतरे को स्वस्थ आंखों के खाद्य पदार्थ के श्रेणी में भी रखा गया है। दरअसल, इसमें विटामिन सी भी मौजूद होता है, जो आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। वहीं ल्यूटिन और जियाजैंथिन भी आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं (21)। ये दोनों तत्व ही कुछ मात्रा में संतरे में मौजूद होता है (9)। ऐसे में आंखों को स्वस्थ रखने के लिए बच्चे के आहार में संतरे को शामिल किया जा सकता है।
6.कोलेजन बढ़ाने के लिए

संतरे का विटामिन सी शरीर में कोलेजन (Collagen- शरीर में मौजूद एक प्रकार का प्रोटीन) बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। दरअसल, कोलेजन त्वचा, रक्त वाहिकाओं और हड्डी को मजबूत करने के लिए जरूरी होता है। इतना ही नहीं, शरीर के घाव भरने के लिए कोलेजन आवश्यकता होता है (22)। ऐसे में देखा जाए, तो विटामिन सी युक्त संतरे का सेवन बच्चे के शरीर के लिए काफी लाभकारी हो सकता है।
7.डायबिटीज से बचाव

आजकल बच्चों में डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर अगर बच्चे में बढ़ते वजन की समस्या है या परिवार में किसी को मधुमेह है (23)। ऐसे में बच्चे में मधुमेह का जोखिम कम करने के लिए संतरे का सेवन लाभकारी हो सकता है। संतरे में मौजूद एंटी डायबिटिक गुण के कारण इसके सेवन से डायबिटीज का जोखिम कम हो सकता है। वहीं, संतरा मोटापे के उपचार के लिए भी उपयोग किया जाता रहा है (14)। ऐसे में बच्चे के लिए संतरे को एक गुणकारी फल मान सकते हैं।
8.शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए

बच्चों के शरीर में पानी की कमी के मुख्य कारण है उल्टी और दस्त की समस्या (24)। ऐसे में बच्चे को डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाने के लिए पानी के साथ-साथ संतरा या संतरे के जूस का सेवन कराया जा सकता है। जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि संतरे का सेवन दस्त की परेशानी में लाभकारी हो सकता है। इतना ही नहीं यह शरीर को हाइड्रेट रखने में भी सहायक हो सकता है (14)।

ऐसे में बच्चों डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के जोखिम को कम करने के लिए उनकी डाइट में संतरे को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे कि संतरे का सेवन डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाव कर सकता है, इसका इलाज नहीं है इसलिए बच्चे की डिहाइड्रेशन की परेशानी में डॉक्टरी उपचार को प्राथमिकता दें। साथ ही इस दौरान बच्चे के डाइट के बारे में भी डॉक्टर से जानकारी लें।

आगे पढ़ें बच्चों को संतरा खिलाने के नुकसान से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियों के बारे में।
बच्चों को संतरा खिलाने के नुकसान

लगभग हर खाद्य सामग्री के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। इसी तरह संतरा खाने के अगर लाभ हैं, तो इसके अधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे जानकारी दे रहे हैं।

संतरा एक एसिडिक फल (खट्टा या अम्लीय फल) है, जिस वजह से संतरे का अधिक सेवन करने से सीने में जलन की समस्या हो सकती है (25)।

6 माह का होने पर बच्चे को मां के दूध के साथ ही अन्य खाद्य आहार खिलाए जा सकते हैं। हालांकि, 6 माह के बाद मां के दूध के साथ उन्हें अन्य पौष्टिक ठोस आहार देने की भी जरूरत होती है (26)। ऐसे में, इस दौरान थोड़ी सावधानी की भी आवश्यकता है, क्योंकि अधिक मात्रा में अन्य खाद्य पदार्थों या फलों का जूस पिलाने से बच्चे का पेट जल्दी भर सकता है। जिस वजह से वह मां का दूध या फार्मूला दूध पीने से मना कर सकता है (27)।

संतरे में विटामिन-ए भी होता है (9)। वहीं, देखा जाए, तो बच्चे के लिए विटामिन-ए युक्त संतरा या अन्य खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, अधिक मात्रा में विटामिन-ए के सेवन से चक्कर आना, मतली या सिरदर्द की समस्या हो सकती है। साथ ही कुछ मामलों में त्वचा के रंग में भी बदलाव (त्वचा का पीला या नारंगी होना) भी हो सकता है (28)। जिस वजह से बच्चे को विटामिन-ए युक्त संतरा या अन्य खाद्य पदार्थ देने में सावधानी बरतनी चाहिए।

संतरा फाइबर से समृद्ध होता है। वहीं, फाइबर के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। दरअसल, फाइबर का अधिक मात्रा में सेवन अपच, पेट में ऐंठन और दस्त का भी एक कारण बन सकता है (29)। ऐसे में बच्चे को संतरा खिलाते समय उसकी उचित मात्रा का ध्यान रखना चाहिए।

संतरा खाद्य एलर्जी का भी एक कारण हो सकता है (6)। इस वजह से बच्चे में संतरे के सेवन से एलर्जी का भी जोखिम हो सकता है।

लेख में यह पहले ही बता चुके हैं कि प्रति 100 संतरा में 53.2 एमजी विटामिन सी यानी एस्कॉर्बिक एसिड होता है (9)। वहीं, शरीर में विटामिन सी की अधिकता दस्त, मतली, थकान, सिरदर्द, पेट में गैस और सोने में परेशानी जैसी समस्या का भी एक कारण बन सकता है (30)। इसलिए बच्चे को संतरा कितनी मात्रा में देना है, इसके लिए बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। बच्चे की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार इसकी मात्रा में बदलाव हो सकता है।

फायदे और नुकसान जानने के बाद अब संतरे के सेवन से जुड़ी जरूरी सावधानियां भी पढ़ें।
बच्चे को संतरा खिलाते समय बरती जाने वाली सावधानियां

बच्चे को संतरा या संतरे का जूस देते वक्त कुछ सावधानियों का ख्याल रखना आवश्यक है। नीचे हम ऐसी ही कुछ सावधानियों के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं:

बच्चे को हमेशा ताजा और पका हुआ संतरा ही खिलाएं और हरे रंग के कच्चे संतरे खिलाने से बचें।
बच्चे को संतरा खिलाते समय संतरे के छिलके, रेशे और बीज को निकाल दें। इनका स्वाद कड़वा होता है, जिस वजह से बच्चा संतरा खाने से मना भी कर सकता है। वहीं, संतरे के बीज बच्चे के गले में अटक सकते हैं।
बच्चे को अगर संतरा खिला रही हैं, तो इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके खिलाएं, ताकि बच्चे को इन्हें चबाने में आसानी हो और यह उनके गले में भी न अटके।
अगर बच्चे को संतरे के छोटे टुकड़े खाने में परेशानी होती है, तो बच्चे को संतरे का जूस या संतरे का प्यूरी दे सकती हैं।
एक अच्छा संतरा चुनने के लिए खरीदते समय संतरे को हल्का दबाकर देंखे। अगर यह कड़ा है और इसके छिलके पीले या नारंगी है, तो इसे खरीदें। नर्म होने या इसमें दाग होने पर इसे न खरीदें।
बच्चे को संतरा खिलाने से पहले खुद भी उसका एक हिस्सा चख कर देखें। अगर इसका स्वाद मीठा है, तो ही इसे बच्चे के आहार में शामिल करें।
जब बच्चा संतरा खाए तो हमेशा उसके साथ किसी बड़े व्यक्ति को भी होना चाहिए, ताकि वो बच्चे पर खाते वक्त ध्यान रख सके।

आगे हम बच्चे को संतरा खिलाने के तरीकों के बारे में बताने वाले हैं।
बच्चे को संतरा खिलाने के तरीके

अगर आप अपने बच्चे के आहार में संतरा शामिल करना चाहती हैं, तो यहां बताए गए तरीके आपके काम आ सकते हैं।

सबसे पहले बच्चे में संतरे के कारण किसी तरह की एलर्जी है या नहीं इसकी जांच करें। यह जानने के लिए शुरू में बच्चे को संतरे का एक चम्मच जूस पिलाएं। फिर 3 से 4 दिन तक का इंतजार करें। अगर इस दौरान बच्चे में संतरे के जूस से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं होती है, तो ही इसे बच्चे के लिए सुरक्षित माना जा सकता है।
शुरू में बच्चे को 2 से 3 दिनों के अंतराल पर 1 से 2 चम्मच संतरे का जूस पिला सकती हैं।
इसके बाद धीरे-धीरे उनके आहार में संतरे की मात्रा बढ़ा सकती हैं और संतरे के जूस के अलावा, बच्चे को सीधे तौर पर संतरा खाने के लिए भी दे सकते हैं।
साथ ही संतरे से बनी अलग-अलग रेसिपी भी बच्चे के आहार में शामिल कर सकती हैं।
चाहें तो फलों के सलाद में संतर मिलाकर भी बच्चे को खिला सकती हैं।
बच्चे के आहार में नाश्ते या खाना खाने के बाद संतरा शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।

लेख के आखिर में पढ़ें संतरे से बनी कुछ रेसिपी।
बच्चों के लिए संतरे की रेसिपी

छोटे बच्चों के लिए संतरे के जूस के फायदे आपने लेख में पढ़ ही लिए हैं। अब लेख के इस आखिरी भाग में हम बच्चों के लिए संतरे से बनी कुछ लजीज रेसिपी बता रहे हैं। जिसे आप अपने बच्चे के आहार में शामिल कर सकती हैं।
1. संतरे का रस

सामग्री :

1 छोटा संतरा
आधा कप पानी

बनाने की विधि :

संतरे को छीलकर और इसके बीज निकालकर इसे जूसर में डालकर ग्राइंड कर लें।
फिर छन्नी की मदद से इसे छानकर इसका जूस अलग कर लें, ताकि बच्चे के लिए तैयार किए गए संतरे के रस में इसका गूदा या बीज के अंश न रहे।
अब इस जूस में आधा कप ताजा पानी मिलाएं और बच्चे को पीने के लिए दें।

2. संतरा और दही
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सामग्री :

1 छोटा संतरा
आधा कप दही
आधा चम्मच शहद (वैकल्पिक)

बनाने की विधि :

संतरे को छीलकर उसमें से बीज निकाल लें।
अब इसका गूदा मैश करें।
फिर इसे दही में अच्छी तरह से मिला लें।
अगर बच्चा एक साल से बड़ा है तो स्वाद के लिए इसमें आधा चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
अब इसे बच्चे को पीने के लिए दें।

नोट : 1 साल या उससे बड़ी उम्र वाले बच्चे को शहद खिलाएं, क्योंकि 1 साल से छोटी उम्र के बच्चों में शहद बॉटुलिज्म (Botulism- खाद्य पदार्थों से होने वाली दुर्लभ बीमारी) का कारण बन सकता है (31)।
3. केले और संतरे का मैश
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सामग्री :

पका हुआ एक छोटा केला
एक छोटे संतरे का रस
एक कटोरी
एक गिलास

बनाने की विधि :

एक कटोरी में संतरे का रस और केले का गुदा अच्छे से मैश करें।
फिर इसे एक कटोरी या गिलास में निकाल लें।
अब इस तैयार संतरे और केले के मैश को बच्चे को खिलाएं।

नोट: बच्चे के लिए संतरे के साथ अन्य खाद्य सामग्रियों का उपयोग करने से पहले बच्चे में इनसे जुड़ी एलर्जी की प्रतिक्रिया की जांच जरूर करें।

उम्मीद करते हैं कि बच्चों के लिए संतरे के फायदे से जुड़ा यह लेख आपको पसंद आया होगा। साथ ही बच्चे के लिए संतरे से जुड़े स्वास्थ्य लाभ और नुकसान के बारे में भी उचित जानकारी भी मिली होगी। इसके अलावा, इस लेख में बताए गए संतरे से बनी रेसिपीज बनाकर भी बच्चे को खिला सकती हैं। हालांकि, स्वास्थ्य के लिहाज से बच्चे को संतरा खिलाने से पहले इसकी प्रतिक्रिया की जांंच जरूर करें, ताकि इसके स्वास्थ्य जोखिमों से बच्चे को सुरक्षित रख सकें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए व बच्चों के स्वास्थ्य के लिए क्या अच्छा है, इन विषयों के बारे में अहम जानकारी के लिए विजिट करते रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट।

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