7 सप्ताह गर्भावस्था लक्षण?pregnancytips.in

Posted on Sun 13th Oct 2019 : 02:47

Pregnancy symptoms week 7: सातवें हफ्ते में हो सकती है मनपसंद खाने से ही नफरत

Pregnancy symptoms week 7: प्रेग्‍नेंसी के सातवें हफ्ते में तेज गर्मी और सिर दर्द की समस्‍या सताने लगती है। लेकिन धैर्य और सूझबूझ के साथ इनका सामना करना चाहिए।

आप अपनी प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही के आधे हिस्‍से को पूरा कर चुकी हैं। जी मिचलाने जैसे लक्षण पहली तिमाही में ही सबसे ज्‍यादा परेशान करते हैं। इस लिहाज से आप की परेशानियों के अब कम दिन बचे हैं। आइए देखते हैं कि अब कौन से लक्षण आपको परेशान कर रहे हैं:

बच्‍चे का आकार
आपकी परेशानियों पर चर्चा करने से पहले यह जान लेते हैं कि आपका बच्‍चा इस समय कैसा होगा। सातवें हफ्ते तक आते-आते बच्‍चे का आकार एक काबुली चने के बराबर हो जाता है। आपके गर्भाशय का साइज इस समय एक मध्‍यम आकार के संतरे जितना हो गया होगा। पर अभी आपको बच्‍चे की हलचल नहीं महसूस हो रही होगी।
इस सप्‍ताह शिशु ¼ इंच तक लंबा होगा और अभी भी उसे भ्रूण ही कहा जाएगा। अब शिशु का सिर और चेहरा विकसित होगा। नथुने दिखने लगेंगें और आंखों के लैंस बनने शुरू होंगें। हाथ और पैर बनने की शुरुआत होगी।
न्‍यूरल ट्यूब बंद हो जाएगी। ये मस्तिष्‍क और स्‍पाइनल कॉर्ड बन जाती है। भ्रूण में अब एक ऑप्ट्रिक वेंट्रिकल होती है जो बाद में आंख बनती है। नाक, कान और ठोड़ी भी शेप लेना शुरू करती हैं। पाचन, प्रजनन और मूत्राशय तंत्र भी इस समय विकास के शुरुआती चरण में होते हैं।

अभी तक आपको जी मिचलाने, थकान, कब्‍ज, सीने में जलन से शुरुआती लक्षण तो महसूस हो ही रहे होंगे सातवें हफ्ते से कुछ नई परेशानियों से भी दो-चार हो जाइए।
प्रेगनेंसी में घी खाने से होती है नॉर्मल डिलीवरी, जानें क्‍या है सच्‍चाई

घी में रेचक गुण होते हैं जो प्रसव लाने में मदद करते हैं। ये योनि को चिकना करने और फिर आराम से डिलीवरी करवाने का गुण रखता है। घी पाचन को दुरुस्‍त कर प्रेगनेंसी में कब्‍ज से बचाता है। घी खाने से शिशु के मस्तिष्‍क के विकास को बढ़ावा मिलता है। इससे प्रेगनेंट महिला का शरीर मजबूत, गर्म और पोषित रहता है।

इस बात में कोई शक नहीं है कि घी खाने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घी खाने से नॉर्मल डिलीवरी की गारंटी मिलती है। एक रिसर्च के मुताबिक, महिला के वजन के आधार पर प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में 200 से 300 कैलोरी की जरूरत होती है।

चूंकि, हर महिला की प्रेगनेंसी और स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति अलग होती है, इसलिए डॉक्‍टर ही आपको बता पाएंगे कि आपको कितनी कैलोरी की जरूरत है। घी में भी कैलोरी और फैट होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन के कारण मोटापा हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही घी खाएं।

अगर आप ऐसा करती हैं तो डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए आपको ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ेगी और आहार में अधिक घी लेने की वजह से मतली और कमजोरी महसूस हो सकती है।

डॉक्‍टरों की मानें तो प्रेगनेंट महिलाओं को एक दिन में पांच से आठ चम्‍मच से ज्‍यादा टोटल फैट नहीं लेना चाहिए। हालांकि, डॉक्‍टर कुछ स्थितियों में फैट के सेवन की मात्रा में बदलाव कर सकते हैं। इन स्थितियों में मोटापा और पथरी होना शामिल है।

फूड एवरजन और मतली
प्रेगनेंसी में कई बार अपनी पसंद की चीजें ही नापसंद होने लगती हैं। इस स्थिति को फूड एवरजन कहते हैं। इस सप्‍ताह आपको फूड क्रेविंग और एवरजन दोनों होगा। पहले जिस गंध से फर्क नहीं पड़ता था, अब उससे आपको मतली महसूस हो सकती है।

अधिक लार का बनना
आप महसूस करेंगी कि आपके मुंह में अब पहले से ज्‍यादा लार बन रही है। इसकी वजह क्‍या है य‍ह तो किसी को नहीं पता। हो सकता है कि बार-बार उबकाई आने की वजह से ऐसा हो रहा हो। या फिर सीने में होने वाली जलन इसका कारण हो। कारण जो भी हो आपको पानी खूब पीना है। लार को कंट्रोल करने के लिए आप चुइंग गम वगैरह चबा सकती हैं।

अचानक तेज गर्मी लगना
आपको अचानक तेज गर्मी लगती होगी। मन करता होगा कि शरीर पर मौजूद साारे कपड़े उतार कर पानी में कूद जाएं। ऐसा हॉर्मोनों की अधिकता और शरीर में ज्‍यादा ब्‍लड सर्कुलेशन की वजह से हो रहा होगा। इसका उपाय यही है कि ज्‍यादा चटपटे, तेल मसाले वाले खाने से बचें, हल्‍के और ढीले कपड़े पहनें, गर्मी का मौसम हो दोनों समय नहा लें। पानी जरूर पीती रहें।
प्रेगनेंसी में घी खाने से होती है नॉर्मल डिलीवरी, जानें क्‍या है सच्‍चाई

घी में रेचक गुण होते हैं जो प्रसव लाने में मदद करते हैं। ये योनि को चिकना करने और फिर आराम से डिलीवरी करवाने का गुण रखता है। घी पाचन को दुरुस्‍त कर प्रेगनेंसी में कब्‍ज से बचाता है। घी खाने से शिशु के मस्तिष्‍क के विकास को बढ़ावा मिलता है। इससे प्रेगनेंट महिला का शरीर मजबूत, गर्म और पोषित रहता है।

इस बात में कोई शक नहीं है कि घी खाने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घी खाने से नॉर्मल डिलीवरी की गारंटी मिलती है। एक रिसर्च के मुताबिक, महिला के वजन के आधार पर प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में 200 से 300 कैलोरी की जरूरत होती है।

चूंकि, हर महिला की प्रेगनेंसी और स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति अलग होती है, इसलिए डॉक्‍टर ही आपको बता पाएंगे कि आपको कितनी कैलोरी की जरूरत है। घी में भी कैलोरी और फैट होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन के कारण मोटापा हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही घी खाएं।

अगर आप ऐसा करती हैं तो डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए आपको ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ेगी और आहार में अधिक घी लेने की वजह से मतली और कमजोरी महसूस हो सकती है।

डॉक्‍टरों की मानें तो प्रेगनेंट महिलाओं को एक दिन में पांच से आठ चम्‍मच से ज्‍यादा टोटल फैट नहीं लेना चाहिए। हालांकि, डॉक्‍टर कुछ स्थितियों में फैट के सेवन की मात्रा में बदलाव कर सकते हैं। इन स्थितियों में मोटापा और पथरी होना शामिल है।

सिरदर्द की समस्‍या
मॉर्निंग सिकनेस या सुबह उठते ही जी मिचलाना, थकान, भूख से आपको अब जल्‍दी-जल्‍दी और तेज सिरदर्द की समस्‍या हो रही होगी। इस समय आप डॉक्‍टर की सलाह के बिना पेनकिलर भी नहीं ले सकतीं। इसलिए परेशान मत होइए, पर्याप्‍त आराम कीजिए, ज्‍यादा समय खाली पेट मत रहिए।

गर्भावस्‍था की पहली तिमाही में एक्‍टोपिक प्रेगनेंसी या मिसकैरेज हो सकता है। अगर आपको ब्‍लीडिंग, लो ब्‍लड प्रेशर, कंधे में दर्द और पेल्विक हिस्‍से में अचानक तेज चुभने वाला दर्द हो रहा है तो डॉक्‍टर को जरूर दिखाएं।
गर्भावस्‍था में सातवां सप्‍ताह बहुत महत्‍वपूर्ण और उत्‍साहित होता है। इस समय आपका शरीर शिशु को पोषण देने के लिए तैयार हो रहा होता है। आपको कुछ लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं और अधिक थकान भी महसूस हो सकती है।
बेहतर होगा कि आप आने वाले महीनों के लिए खुद को तैयार करें और समय समय पर डॉक्‍टर से जांच करवाती रहें। योग और एक्‍सरसाइज करें एवं धूम्रपान से दूर रहें।

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