8 महीने का बच्चा पेट में कितना बड़ा हो जाता है?pregnancytips.in

Posted on Thu 13th Oct 2022 : 11:19

शिशु के लिए नई-नई चीजों को खोजने व देखने की एक अलग दुनिया का आगाज़ हो रहा है। बहुत से बच्चे इस उम्र में घुटनों के बल चलना सीखते हैं। चलना-फिरना शुरु करने के साथ-साथ शिशु बहुत बार टकराते व गिरते भी हैं।

शिशु घर में सुरक्षित ढंग से घूम-फिर सके, इसके लिए आपको ऐसी सभी चीजें हटाकर रखनी होंगी, जो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।

आपका शिशु नए लोगों से शर्माना शुरु कर सकता है या फिर उसे परिवार के किसी सदस्य या आया के पास छोड़कर जाने पर वह रोना शुरु कर सकता है। यह जुदाई की चिंता (सैपरेशन एंग्जायटी) की शुरुआत है। जल्द ही शिशु यह समझ जाएगा, कि आप उसे छोड़ कर जाती हैं, तो दोबारा वापिस भी आएंगी।
क्या मेरा शिशु इस महीने घुटनों के बल चलना शुरु करेगा?
अब जब शिशु आठ महीने का हो गया है, वह आराम से घुटनों के बल चल रहा होगा। या फिर हो सकता है वह नितंबों के बल हिलना-डुलना, पेट के बल सरकना (कमांडो क्रॉलिंग) या पलटना शुरु कर रहा हो।

आपका शिशु फर्नीचर को पकड़कर खुद खड़ा होने का प्रयास भी कर सकता है। अगर आप शिशु को सोफे के साथ खड़ा करती हैं, तो वह शायद खड़े होने के लिए इसका सहारा ले सकता है। शिशु गिर न जाए, इसके लिए आपको उसके पीछे ही रहना होगा।

चलने-फिरने की इस नई क्षमता का मतलब है कि अब आपका शिशु काफी बार गिरेगा व टकराएगा। यह सब बचपन का एक अभिन्न हिस्सा है।

हो सकता है आपकी सांस अटकी हो कि कहीं शिशु चलते-चलते गिर न जाए। मगर शिशु को आसपास की चीजों को देखने-समझने दें और आप भी इसका आनंद लेने का प्रयास करें। इससे शिशु के शारीरिक कौशल का विकास हो रहा है।

निस्संदेह, आप शिशु को गिरने से बचाने के लिए सुरक्षा प्रदान करना चाहती हैं, मगर शिशु को खुद प्रयास करने देने से आप उसे सीखने और आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही हैं।

आपका शिशु अब घुटनों के बल चलने लगा है, इसलिए अपने घर को उसके लिए सुरक्षित बनाने के हर संभव प्रयास करें। उदाहरण के तौर पर टूटने वाली वस्तुओं को सुरक्षित स्थान पर हटाकर रख दें या जर्जर हालत वाले फर्नीचर को भी हटा दें, ताकि वह शिशु के ऊपर न गिर जाए।
क्या मेरा बच्चा छोटी-छोटी चीजें, जैसे खाने के टुकड़े उठा सकता है?
आपका शिशु शायद पिंसर ग्रैस्प पर अपनी पकड़ बना रहा है। यह एक बारीकी वाला कौशल होता है, जो शिशु को अपने अंगूठे और पहली व दूसरी उंगलियों से छोटी चीजों को उठाने में मदद करता है।

वह अपनी इस पिंसर ग्रैस्प के इस्तेमाल से फिंगर फूड के छोटे टुकड़ों जैसे कि चावल के दानें आदि उठा सकता है, और उन्हें मुंह में भी ले सकता है। मगर, यह ध्यान रखें कि शिशु की पहुंच में इतना छोटा कुछ न हो, जो कि उसके गले में अटक जाए।

शिशु अपने हाथों और उंगलियों को खोलने का नियंत्रण भी सीख गया है, इसलिए चीजों को गिरा या फेंक सकता है, और इसमें उसे काफी मजा आएगा। गिरी हुई चीजों को देखकर आपका शिशु बहुत खुश होगा और अपनी तर्जनी उंगली से उसकी तरफ इशारा भी करेगा।
क्या मेरा शिशु अपनी भावनाएं और अधिक प्रकट करेगा?
इस समय तक शिशु का मिजाज और भावनाएं अब काफी स्पष्ट होने लगी होंगी, क्योंकि अब वह खुद को अच्छे से अभिव्यक्त कर सकता है। उत्साहित होकर वह ताली बजा सकता है या फिर किसी जाने-पहचाने व्यक्ति को देखकर अगर खुश हो, तो दूर से ही चुंबन दे सकता है। हाथ हिलाकर बाय-बाय भी कर सकता है।

आपका शिशु मनोभावों को समझने और उनका अनुकरण करना सीख रहा है। वह पहली बार समानुभूति की भावनाएं भी दिखा सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर वह किसी अन्य बच्चे को रोता हुआ देखे, तो वह खुद भी रुआंसा हो सकता है।
मेरा शिशु परेशान हो जाता है, जब मैं उसे छोड़कर काम पर जाती हूं। उसे कैसे संभालूं?
आठ महीने की उम्र में शिशु के लिए जुदाई की चिंता (सैपरेशन एंग्जायटी) प्रदर्शित करना एकदम सामान्य है। नए लोगों के बीच में आपका शिशु शर्माना या परेशान होना शुरु हो सकता है, खासकर यदि वह थका हुआ या चिड़चिड़ा हो तो।

अगर आप शिशु के साथ न हो, और शिशु आपको देख भी न पाए, तो वह परेशान होकर रोना शुरु कर सकता है।

मम्मी व पापा कहीं जाते हैं, मगर फिर वापिस आ जाते हैं, यह बात शिशु को समझाने के लिए आप उसके साथ उसके पसंदीदा खिलौने को लेकर ए​क खेल खेल सकते हैं। उसके चहेते टेडी बीयर या गुड़िया को कुछ समय के लिए कंबल के नीचे छिपा दें और फिर उसे खुशी से बाहर निकालें। यह सब शिशु को समझने में मदद करेगा कि यदि हम किसी चीज को न देख पाएं, तो भी वह मौजूद होती है।

हालांकि, अपने शिशु को रोते हुए देखना काफी मुश्किल है, मगर उसे ऐसा अनुभव करवाना जरुरी भी है। जब भी आप उसे छोड़कर जाते हैं और फिर वापिस आते हैं, तो आप उसे यकीन दिला रहे हैं कि आप हमेशा लौटकर आते हैं। साथ ही आप शिशु को विश्वास करना और दूसरे लोगों के प्रति लगाव पैदा करना सिखा रहे हैं।

जब आप शिशु को परिवार के किसी सदस्य के पास या क्रेश में छोड़ें, तो उसे चुंबन दें और गले लगाएं। उसे बताएं कि आप जल्द ही वापस आ जाएंगी।

अगर शिशु डरा हुआ हो, या तेज रोने लगे तो उसे आराम से चुप कराएं और आश्वासन दें। शिशु को रोते देख खुद का रोना रोक पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। अपने आंसूओं को रोकने का प्रयास करें, क्योंकि ये शिशु की वेदना को और लंबा कर देंगे। शिशु को शांत कराने के लिए साथ में दादी या आया का होना भी मददगार हो सकता है।

अगर आपका शिशु रात के समय जुदा होने को लेकर चिंतित हो जाता है, तो उसे सुलाने से पहले कुछ समय उसके साथ किताबें पढ़ें, सीने से लगाएं और मंद स्वर में गाना सुनाएं। आप शिशु की मालिश भी कर सकती हैं, ताकि उसे आपके स्पर्श का आराम मिले।

कुछ बच्चे जुदाई को लेकर परेशान नहीं होते, मगर कुछ होते हैं। यह उनके मिजाज और इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें अपने माता-पिता से अलग रहने की कितनी आदत है।

अगर जन्म से लेकर अब तक आप ही शिशु की देखभाल करती आई हैं, तो शिशु के लिए आपसे अलग होना मुश्किल हो सकता है। वहीं, अगर नानी या दादी ने शिशु की देखभाल की है, तो शायद उसके लिए आपसे जुदा होना इतना मुश्किल नहीं होगा। शिशु को छोड़कर जाते समय शिशु के साथ-साथ आपका भी परेशान होना एकदम सामान्य है।

अगर, आपके शिशु को शांत होने में समय लगता है, तो इसका बुरा न माने या चिंतित न हों कि आप इस प्रक्रिया को ज्याद लंबा खींच रही हैं। आपके शिशु को सबसे बेहतर आप ही जानती हैं, इसलिए आपको जो सही लगे, वह करें।
मेरे बच्चे को क्या नई चीजें करने और खोजने में मजा आएगा?
आपके शिशु को एक ही चीज को नए-नए तरीकों से देखने और समझने में मजा आएगा। वह उस चीज को हिलाकर, जोर से मारकर, गिराकर या मसूढ़ों से चबाकर देखेगा। शिशु अब यह समझ रहा है कि किसी चीज के साथ वह कुछ कर सकता है।

आप अपने घर का एक कोना शिशु के खेलने की जगह बना सकती हैं और वहां बहुत से ऐसे खिलौने रखें जिन्हें जोर से टकराना, मारना, मरोड़ना, पिचकाना, हिलाना, गिराना और खोलना सुरक्षित हो। अगर आप हर बार शिशु को खेलने के लिए उस जगह लेकर आएंगे, तो आप भी निश्चिंत हो सकेंगी कि आपका शिशु सुरक्षित जगह पर खेल रहा है और आपका घर भी साफ रहेगा।

शिशु को किसी चीज को गिराना और फिर आपके द्वारा उसे उठाते हुए देखना बहुत पसंद आएगा। आपका शिशु आपको चिढ़ाने का प्रयास नहीं कर रहा है, मगर उसको ऐसा करने में बड़ा मजा आता है, और स्वाभाविक है कि वह बार-बार ऐसा देखना चाहता है!

आपका शिशु अब यह भी समझता है कि चीजें एक-दूसरे से किस तरह संबंधित होती हैं। जैसे कि वह यह समझता है कि छोटी चीजें बड़ी चीज के अंदर आ सकती हैं। वह आसानी से आपके द्वारा छिपाई गई चीज ढूंढ़ लेगा और आपके द्वारा नाम लेने पर वह सही चीजों की तरफ देखेगा या उनकी तरफ इशारा कर सकता है।

आपके शिशु की तेज होती नजर भी उसके देखने और खोजने के कौशल में मदद कर रही है। वह कमरे में दूर से ही जाने-पहचाने लोगों और चीजों को पहचान सकता है। इसलिए, अगर वह अपनी पसंद की कोई चीज देखता है, तो वह अपनी खुशी जाहिर करने के लए उसकी तरफ इशारा या प्यार भरी आवाज निकालना शुरु कर सकता है। या फिर अगर शिशु घुटनों के बल चलना सीख गया है, तो उस चीज की तरफ चलना शुरु कर सकता है।
क्या मेरा शिशु सामान्य तरीके से बढ़ रहा है?
हर शिशु अलग होता है और शारीरिक क्षमताएं अपनी ही गति से विकसित करता है। यहां सिर्फ साधारण मार्गदर्शक दिए गए हैं, जिन्हें करने की क्षमता आपके शिशु में होती है। अभी नहीं, तो कुछ समय बाद शिशु इन्हें जरुर हासिल कर लेगा।
इस दौरान उसका तेजी से शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा है। प्रेग्‍नेंसी के आठवें महीने में आपके बच्‍चे का आकार अब 15 से 17 इंच के आसपास होगा। उसका वजन भी लगभग 1.6 से 1.8 किलो के बीच होगा। देखने में वह अब एक नवजात शिशु जैसा ही लगेगा।
अगर, आपके शिशु का जन्म समय से पहले (गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले) हुआ है, तो आप देखेंगे कि उसे वे सब चीजें करने में ज्यादा समय लगता है, जो समय से जन्म लेने वाले बच्चे जल्दी करते हैं। यही कारण है कि समय से पहले पैदा होने वाले शिशुओं को उनके डॉक्टरों द्वारा दो उम्र दी जाती हैं:

कालानुक्रमिक (क्रोनोलॉजिकल) उम्र, जिसकी गणना शिशु के जन्म की तारीख से की जाती है

समायोजित उम्र (एडजस्टेड/करेक्टेड ऐज), जिसकी गणना आपके शिशु के पैदा होने की तय तारीख (ड्यू डेट) से की जाती है


आप अपने प्रीमैच्योर शिशु के विकास को उसकी समायोजित उम्र से देखें, उसके जन्म की वास्तविक तिथि से नहीं। अधिकांश डॉक्टर समय से पूर्व जन्म लिए बच्चे का विकास उसकी संभावित जन्म तिथि से आंकलित करते हैं और उसी अनुसार उसकी कुशलता का मूल्यांकन करते हैं।

यदि आपको अपने शिशु के विकास के संबंध में कोई प्रश्न हैं, तो अपनी डॉक्टर से सलाह करें। शिशु के विकास और कौशल के बारे में आप हमारे हिंदी ग्रुप में अपने ही जैसे अन्य माता-पिता से चर्चा कर सकते हैं।

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