Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
9 महीने पूरे होने से पहले 36वें हफ्ते में ही हो जाए डिलीवरी, तो आती हैं ये परेशानियां
माना जाता है कि नौ महीने पूरे होने से पहले डिलीवरी हो जाए तो बच्चे का पूरा विकास नहीं हुआ होता है। वहीं, 36वें सप्ताह में शिशु का पैदा होना सही नहीं माना जाता है।
premature delivery symptoms
एक समय पर 37वें हफ्तों को गर्भस्थ शिशु के लिए फुल टर्म (मतलब कि गर्भ में शिशु का पूरा विकास हो चुका है) कहा जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
डॉक्टरों ने जब इस विषय पर रिसर्च किया तो उन्होंने यह परिणाम निकाला कि इस समय डिलीवरी होने से दिक्कतें आ सकती हैं। 37वां सप्ताह शिशु के बाहर आने के लिए सही समय नहीं होता है और अभी कुछ और समय के लिए मां के गर्भ में रहना कई कारणों से उसके लिए जरूरी होता है।
फुल टर्म को समझें
कई बच्चे 37वें सप्ताह में दिक्कतों के साथ पैदा हुए थे। इसके परिणामस्वरूप अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलोजिस्ट ने अपने अधिकारिक दिशा निर्देशों में बदलाव किए।
अब 39 सप्ताह पूरे होने के बाद ही प्रेगनेंसी को फुल टर्म माना जाएगा। जो बच्चे 37 से 38 सप्ताह छह दिन के बीच पैदा हुए हैं, उन्हें अरली टर्म (यानी फुल टर्म से पहले पैदा होने वाले) कहा जाएगा।
हर आम महिला की तरह ऐश का भी डिलीवरी के बाद काफी वजन बढ़ गया था जिसे लेकर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। हालांकि, ऐश ने इसकी परवाह किए बिना अपनी बेटी आराध्या की परवरिश को ज्यादा महत्व दिया था।
एक इंटरव्यू के दौरान डिलीवरी के बाद बढ़े हुए वजन को लेकर ऐश्वर्या बिल्कुल भी परेशान नहीं थीं। लोगों की वजह से वेट घटाने को लेकर वो बिल्कुल भी परेशान नहीं थीं और न ही इसकी वजह से उन्होंने खुद पर कोई दबाव बनाया था।
मां बनने के बाद वो वेट की चिंता करने की बजाय हर एक पल को इंजॉय करना चाहती थीं।
डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए एक्ट्रेस बहुत सिंपल रूटीन और डायट फॉलो करती थीं। सुबह ऐश्वर्या मेटाबोलिज्म को तेज करने के लिए एक गिलास गुनगुना नींबू पानी पीती थीं। इसके थोड़ी देर बाद नाश्ता करती थीं जिसमें ब्राउन ब्रेड टोस्ट और एक कटोरी ओट्स होते थे।
आमतौर पर ऐश्वर्या राय लंच में उबली हुई सब्जियां, एक कटोरी दाल और कुछ रोटियां खाती थीं। ऐश्वर्या ने अपने वजन को घटाने के लिए लंच में काफी सादी चीजों को शामिल किया था।
ऐश्वर्या हल्का डिनर ही लेती थीं जिसमें वो गिल फिश के साथ एक कटोरी ब्राउन राइस खाती थीं। एक इंटरव्यू में ऐश्वर्या ने कहा था कि उन्हें दाल चावल बहुत पसंद हैं और वो हर चीज थोड़ी-थोड़ी देर में कम मात्रा में ही खाती हैं। वो पोर्शन साइज का बहुत ध्यान रखती हैं। तली हुई चीजें, जंक फूड और फैटी चीजों से बिल्कुल दूर रहती हैं।
कम फैट और उच्च फाइबर वाली डायट के साथ ऐश्वर्या ताजा फ्रूट जूस लेती थीं। इसके अलावा ऐश जिम वर्कआउट की जगह योग करती थीं, क्योंकि उन्हें जिम में एक्सरसाइज करना ज्यादा पसंद नहीं है।
नए दिशा निर्देशों के अनुसार, अब बच्चों को अधिक समय तक मां के गर्भ में रहना है। लेकिन अगर पुरानी धारण की ही बात करें तो 37 हफ्ते भी फुल टर्म माने जाते हैं और इसे पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है। ऐसी स्थिति में जो 36 सप्ताह को भी सही माना जाना चाहिए।
अधिकतर मामलों में इसका जवाब हां है, लेकिन 36 हफ्ते में डिलीवरी को लेकर आपको कुछ बातों को जान लेना चाहिए।
36 हफ्ते में डिलीवरी के नुकसान
कई बार शिशु नौ महीने पूरे होने से पहले ही पैदा हो जाते हैं। प्रीक्लैंप्सिया जैसी स्थितियों में जल्दी डिलीवरी करवाने का विकल्प चुना जाता है जो कि सही है, लेकिन फिर भी फुल टर्म से पहले पैदा हुए बच्चों को जोखिम रहता है।
36 सप्ताह के शिशु को लेट प्रीटर्म माना जाता है। इसका मतलब है कि बच्चा प्रीटर्म यानी जल्दी पैदा हुआ, लेकिन प्रीटर्म के महीनों के हिसाब से थोड़ा लेट जन्म हुआ है।
ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी के अनुसार, 34 और 36 सप्ताह के बीच पैदा हुए बच्चे लेट प्रीटर्म वाले होते हैं।
36वें सप्ताह के बाद स्वास्थ्य समस्याएं आने का खतरा कम होता चला जाता है। यहां तक कि 35वें सप्ताह के बाद जन्म लेने वाले बच्चों में भी खतरा कम होता है, लेकिन लेट प्रीटर्म वाले बच्चों में रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम, सेप्सिस, पेटेंट डक्टस आर्टेरीओसस, पीलिया, लो बर्थ वेट, विकास होने में दूरी और मत्यु का खतरा बना रहता है।
डिलीवरी के बाद ऐश्वर्या राय के वजन घटाने के सीक्रेट को जानकर हैरान हो जाएंगे आप
हर आम महिला की तरह ऐश का भी डिलीवरी के बाद काफी वजन बढ़ गया था जिसे लेकर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। हालांकि, ऐश ने इसकी परवाह किए बिना अपनी बेटी आराध्या की परवरिश को ज्यादा महत्व दिया था।
एक इंटरव्यू के दौरान डिलीवरी के बाद बढ़े हुए वजन को लेकर ऐश्वर्या बिल्कुल भी परेशान नहीं थीं। लोगों की वजह से वेट घटाने को लेकर वो बिल्कुल भी परेशान नहीं थीं और न ही इसकी वजह से उन्होंने खुद पर कोई दबाव बनाया था।
मां बनने के बाद वो वेट की चिंता करने की बजाय हर एक पल को इंजॉय करना चाहती थीं।
डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए एक्ट्रेस बहुत सिंपल रूटीन और डायट फॉलो करती थीं। सुबह ऐश्वर्या मेटाबोलिज्म को तेज करने के लिए एक गिलास गुनगुना नींबू पानी पीती थीं। इसके थोड़ी देर बाद नाश्ता करती थीं जिसमें ब्राउन ब्रेड टोस्ट और एक कटोरी ओट्स होते थे।
आमतौर पर ऐश्वर्या राय लंच में उबली हुई सब्जियां, एक कटोरी दाल और कुछ रोटियां खाती थीं। ऐश्वर्या ने अपने वजन को घटाने के लिए लंच में काफी सादी चीजों को शामिल किया था।
ऐश्वर्या हल्का डिनर ही लेती थीं जिसमें वो गिल फिश के साथ एक कटोरी ब्राउन राइस खाती थीं। एक इंटरव्यू में ऐश्वर्या ने कहा था कि उन्हें दाल चावल बहुत पसंद हैं और वो हर चीज थोड़ी-थोड़ी देर में कम मात्रा में ही खाती हैं। वो पोर्शन साइज का बहुत ध्यान रखती हैं। तली हुई चीजें, जंक फूड और फैटी चीजों से बिल्कुल दूर रहती हैं।
कम फैट और उच्च फाइबर वाली डायट के साथ ऐश्वर्या ताजा फ्रूट जूस लेती थीं। इसके अलावा ऐश जिम वर्कआउट की जगह योग करती थीं, क्योंकि उन्हें जिम में एक्सरसाइज करना ज्यादा पसंद नहीं है।
दिक्कतों की वजह से लेट प्रीटर्म बच्चों को निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट या अस्पताल से डिस्चार्ज करने के बाद दोबारा एडमिट करवाने की जरूरत हो सकती है।
36वें सप्ताह में पैदा हुए बच्चों में रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम बहुत बड़ा जोखिम है। इसमें लड़कियों की तुलना में लड़कों को ज्यादा परेशानी होती है।
अधिकतर मामलों में कोई भी 36वें सप्ताह में अपनी मर्जी से डिलीवरी नहीं करवाता है। कई बच्चे प्रीमैच्योर लेबर या पानी की थैली जल्दी फटने के कारण लेट प्रीटर्म में पैदा होते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से पहले ही बात कर लें कि आपके बच्चे को किस तरह का जोखिम हो सकता है।
कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि बच्चा जितना लंबे समय तक मां के गर्भ में रहेगा, उसका विकास उतना ही अच्छे से होगा।
--------------------------- | --------------------------- |