अंडकोष मजबूत करने के उपाय?pregnancytips.in

Posted on Fri 6th Sep 2019 : 12:05

एक आसन हर रोज : शरीर के निचले हिस्‍से को मजबूत बनाता है गरुड़ासन

भगवान विष्‍णु का वाहन मानेे जाने वाले गरुड़ पक्षी के समान हो जाती है इस आसन में स्थिति।

अगर आप शरीर के निचले हिस्‍से अर्थात मूत्राशय, अंडकोष, मलाशय या जांघों में किसी तरह की समस्‍या का सामना कर रहे हैं तो आपको गरुड़ासन जरूर करना चाहिए। यह शरीर के निचले हिस्‍से को मजबूत बनाने के साथ ही बाजुओं का लचीलापन भी बढ़ाता है।

गरुड़ासन
कुष्ठ रोग के मरीज़ों के लिए इन योगासनों का अभ्यास है लाभदायक
बेली फैट है आपकी समस्या तो लें योग की मदद, जानें बढ़ी हुई तोंद घटाने वाले फायर फ्लाई योगासन के बारे में
तनाव और एंग्‍जायटी से छुटकारा दिलाता है बालासन, जानें इसकेे फायदे

गरुड़ासन योग खड़े होकर करने वाले योग में एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। यह अंडकोष एवं गुदा के लिए बहुत लाभकारी योगाभ्यास है। इस आसन में हाथ एक-दूसरे में गूंथ लिए जाते हैं और छाती के सामने इस प्रकार रखे जाते हैं, जैसे गरुड़ की चोंच होती है, इसलिए इस आसन को गरुड़ासन कहा जाता है।




दाएं पांव को बाएं पांव के ऊपर से दूसरी ओर ले जाएं। अगर आपकी जांघ मोटी है तो शुरुआत में इसे करने में परेशानी हो सकती है। दूसरी तरफ पतली कमर और पतले जांघ वाले इसको आसानी से कर सकते हैं।

बाहों को रस्सी के समान एक दूसरे में गूंथ दें।

आपस में गुंथे हुए हाथों को गरुड़ की चोंच के समान छाती के आगे रखें। घुटने को मोड़कर संतुलन बनाएं।

बाएं पांव को दाएं पांव के ऊपर से ले जाकर इसे दूसरी ओर भी करें।

यह आधा चक्र हुआ।

फिर दूसरे तरफ से करें।

अब एक चक्र हुआ।

इस तरह से आप तीन से पांच चक्र करें।

गरुड़ासन योग के लाभ

इस आसन के अभ्यास से मन और शरीर के बीच सामंजस्‍य स्‍थापित होता है जिससे मन को अपार शांति मिलती है।

इसके नियमित अभ्यास से अंडकोष (Testicle) को बढ़ने से रोक जा सकता है।

यह पैरों और जांघों को मजबूत बनाता है।

इसका नियमित अभ्यास से गुदा, मलाशय तथा मूत्राशय के रोगियों को आराम पहुंचता है।

यह जोड़ों की सक्रियता बढ़ाता है, घुटनों, पैरों एवं जोड़ों का दर्द दूर करता है।

यह आपके हाथों को मजबूत बनाता है और कोहनी के दर्द से छुटकारा दिलाता है।

गरुड़ासन योग की सावधानी

बहुत गंभीर गठिया में इस आसन को नहीं करनी चाहिए।

नसों में सूजन होने पर इसको करने से बचना चाहिए।

हड्डियों तथा जोड़ों में चोट होने पर यह आसन नहीं करना चाहिए।

solved 5
wordpress 4 years ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info