अगर किसी बच्चे को दौरे पड़ते हैं तो आप क्या करते हैं?pregnancytips.in

Posted on Mon 17th Oct 2022 : 12:16

- बच्चे को पर्याप्त नींद लेने दें, क्योंकि नींद की कमी बच्चों में दौरे का कारण होती है। 2- बच्चे को सिर को चोट से बचाने के लिए उसके सिर पर स्कैट या साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनाएं। 3- बच्चे को रोजाना एक ही समय पर दौरों को कम करने वाली दवा देना ना भूलें।
मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण बार-बार दौरे पड़ने की समस्या हो जाती है। दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है। इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर।
बच्चों में मिर्गी के कारण

1- कुछ बच्चों को मिर्गी की समस्या अनुवांशिक होती है। इन बच्चों के एक या इससे अधिक जीन्स इस समस्या का मुख्य कारण होते हैं। इसमें जीन्स किस तरह से मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं और किस तरह यह मिर्गी की वजह बनते हैं इसका पता नहीं लगाया जा सका है।

2- सिर की चोट के बाद भी बच्चों को दौरे पड़ने लगते हैं।

3- विशेष तरह की स्थितियां जैसे- बुखार, ब्रेन ट्यूमर, इन्फेक्शन आदि की वजह से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचना।

4- बच्चों को धीरे-धीरे बढ़ने वाली समस्याएं जैसे एंगलमैन्स सिंड्रोम, न्यूरोफाईबरोमेटोसिस, डाउन सिंड्रोम और टूबेरौस स्क्लेरोसिस आदि होने पर भी मिर्गी की संभावनाएं बढ़ जाती है।

5- तीन से दस प्रतिशत मामलों में मस्तिष्क के आकार में बदलाव मिर्गी की वजह होता है। जन्म के समय जो बच्चे इस तरह के बदलाव के साथ पैदा होते हैं उनको मिर्गी हो सकती हैं।

6- किसी तरह के जन्मजात विकार या शरीर के रसायनों में असंतुलन होने से भी शिशु को दौरे पड़ने की समस्या हो सकती है।
बच्चों में मिर्गी के लक्षण

1- अचानक मांसपेशियों में झटके लगना

2- ऐंठन होना

3- मांसपेशियों में मरोड़ आना

4- मांसपेशियों में कठोरता

5- मूत्राशय और मल पर नियंत्रण न रहना

6- बोलने में मुश्किल होना

7- मांसपेशियां सुन्न और कमजोर होना

8- बार-बार एक ही गतिविधि करना जैसे- ताली बजाना या हाथों को रगड़ना
बच्चों का मिर्गी से बचाव कैसे करें

1- बच्चे को पर्याप्त नींद लेने दें, क्योंकि नींद की कमी बच्चों में दौरे का कारण होती है।

2- बच्चे को सिर को चोट से बचाने के लिए उसके सिर पर स्कैट या साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनाएं।

3- बच्चे को रोजाना एक ही समय पर दौरों को कम करने वाली दवा देना ना भूलें।

4- बच्चे को गिरने से बचाने के लिए उसको सावधानी से चलने के लिए कहें।

5- किसी तेज रोशनी या अधिक शोर वाली जगह पर बच्चे को ना ले जाएं, क्योंकि ये भी कई बार दौरे पड़ने की वजह बनाते हैं।

solved 5
wordpress 1 year ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info