अल्ट्रासाउंड पर ईटी का क्या मतलब है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

डॉक्टर आपकी गर्भावस्था के चरण या गर्भावधि उम्र की गणना आपकी आखिरी बार की माहवारी (पीरियड्स) से करती हैं। वे आपसे पूछेंगी कि आपकी आखिरी माहवारी का पहला दिन कौन सा था और फिर उस दिन से वे गणना करेंगी कि आप कितने सप्ताह की गर्भवती हैं।

इसी तरीके से डॉक्टर आपके प्रसव की अनुमानित तिथि की गणना करती हैं, आपकी आखिरी माहवारी के पहले दिन से लेकर 40 सप्ताह तक। हालांकि, ध्यान रहे कि ड्यू डेट केवल एक अनुमान होता है।

अल्ट्रासाउंड स्कैन से सटीक स्थिति का पता चलता है। स्कैन में शिशु की उम्र की गणना उसके शरीर के अलग-अलग अंगों जैसे सिर, पेट और टांगो आदि के माप के अनुसार की जाती है।

दूसरी और तीसरी तिमाही में, गर्भावधि उम्र और अल्ट्रासाउंड स्कैन उम्र के बीच दो सप्ताह तक का अंतर सामान्य माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी गर्भावधि उम्र गर्भाधान (कंसपेप्शन) के वा​स्तविक दिन से शुरु नहीं होती है, बल्कि आखिरी मासिक चक्र से होती है।

उदाहरण के तौर पर, आपके एनॉमली स्कैन (टिफ्फा या अल्ट्रासाउंड लेवल II स्कैन) में आपके शिशु की उम्र करीब 19 सप्ताह हो सकती है, ज​बकि आपकी डॉक्टर आपको पहले से ही 20 सप्ताह गर्भवती मानती हैं। यदि ऐसा हो, तो भी आपकी डॉक्टर के लिए चिंता की स्थिति नहीं है, हालांकि, डॉक्टर नजर रखेंगी कि आपका शिशु किस तरह बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि उम्र में यह अंतर बढ़े ना।

हो सकता है ​आप पाएं कि आपकी स्कैन रिपोर्ट में शिशु के शरीर के अलग-अलग हिस्सों की उम्र अलग-अलग दी गई है। हो सकता है आपके शिशु की टांगे 21 सप्ताह की गर्भावस्था के अनुरूप बताई गई हों, वहीं उसका सिर 20 सप्ताह की गर्भावस्था की ओर इशारा करता हो। यह एकदम सामान्य है क्योंकि हर शिशु का अलग अनुपात होता है और थोड़ा अलग तरीके से बढ़ता है। अगर सभी शिशु बिल्कुल एक समान तरीके से बढ़ेंगे, तो फिर विश्वभर में सभी बच्चे एक जैसे कद और वजन वाले ही पैदा होंगे!

अगर आपके स्कैन में गर्भावधि उम्र और स्कैन उम्र में दो हफ्तों से ज्यादा का अंतर पता चले, तो डॉक्टर शायद आपको दोबारा स्कैन कराने के लिए कह सकती हैं। आप गर्भावस्था के कौन से चरण में हैं, इसे देखते हुए इस अंतर के कई अलग-अलग मतलब हो सकते हैं:

पहली तिमाही
पहली तिमाही में उम्र का यह अंतर दो चीजों की ओर इशारा कर सकता है:

अगर, आपकी माहवारी अनियमित रही है, तो माहवारी पर आधारित प्रसव की अनुमानित तिथि की गणना भी अक्सर सही नहीं होती। ऐसे मामलों में, स्कैन द्वारा बताई गई उम्र के आधार पर ही आपकी प्रसव की अनुमानित तिथि और आपकी गर्भावस्था के चरण के बारे में पता चलता है।

हो सकता है आपका गर्भाधान देर से हुआ हो, यानि कि मासिक चक्र में आपका डिंबोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) अनुमानित समय से बाद में हुआ हो।

कई बार शिशु के अनुमानित माप और स्कैन में पता चले माप में बड़ा अंतर चूके हुए गर्भपात (मिस्ड मिस्कैरिज) या क्षतिग्रस्त अंडाणु (ब्लाइटेड ओवम) का संकेत हो सकता है।


हालांकि, चूके हुए गर्भपात (मिस्ड मिस्कैरिज) या ब्लाइटेड ओवम के मामलों में भ्रूण की धड़कन भी नहीं होगी। इस बात की पुष्टि के लिए डॉक्टर आपको दूसरा स्कैन करवाने के लिए कहेंगी। इसके बाद वे आपसे मौजूदा विकल्पों पर चर्चा करेंगी। या तो आप प्राकृतिक रूप से भ्रूण के अवशेष बाहर निकलने का इंतजार कर सकती हैं या फिर गर्भाशय के अवयवों को निकलवाने के लिए छोटा ऑपरेशन भी करवा सकती हैं।

दुर्भाग्यवश, पहली तिमाही में गर्भपात काफी आम हैं। यदि आपके साथ ऐसा हो, तो यह काफी दुखदायी अनुभव हो सकता है। मगर चिंता न करें, ऐसा होने का मतलब यह नहीं है कि अगली बार गर्भवती होने पर भी आपके साथ ऐसा होगा।

दूसरी तिमाही
अगर, दूसरी तिमाही के स्कैन में भी दो हफ्तों से ज्यादा का अंतर पता चलता है, तो आपकी डॉक्टर एक महीने बाद दूसरा स्कैन करवाने के लिए कहेंगी।

अगर, आपका शिशु एक से ज्यादा स्कैन करवाने पर भी अपनी गर्भावधि उम्र के अनुसार छोटा है, तो इसका मतलब हो सकता है कि​ शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं मिल रहा है। इसके निम्न कारण हो सकते हैं:

आप अच्छी तरह खा-पी नहीं रही हैं।
गर्भनाल में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं है।
अपरा का समय से पहले काल प्रभावन या कैल्सीकरण


आपका शिशु गर्भनाल के जरिये अपरा (प्लेसेंटा) से जुड़ा होता है। शिशु को जरुरी सभी पोषक तत्व आपके आहार से मिलते हैं, और ये गर्भनाल द्वारा शिशु तक ले जाए जाने वाले रक्त के जरिये उस तक पहुंचते हैं।

अगर, आपके आहार में सभी जरुरी तत्व शामिल हैं, तो आपके शिशु के छोटे होने का कारण यह हो सकता है कि उसतक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच रहा है।

इस स्थिति में आपकी डॉक्टर आपको डॉप्लर स्कैन करवाने के लिए कहेंगी। इस स्कैन में नाभिनाल में रक्त के प्रवाह को मापा जाता है। डॉक्टर प्लेसेंटा के कैल्सीकरण के चरण को भी देखेंगी।

अगर डॉप्लर स्कैन में पता चलता है कि नाभि की धमनियां सही हैं, तो हो सकता है कि आपके गर्भ में छोटा शिशु ही पल रहा है।

अगर, आपका शिशु अनुमानित गर्भावधि उम्र से दो सप्ताह से ज्यादा बड़ा है, तो यह गर्भावधि मधुमेह (जैस्टेशनल डायबिटीज) का संकेत हो सकता है।

मधुमेह आपके शिशु को उसकी उम्र की तुलना में काफी बड़ा बना सकती है। अगर, शर्करा का स्तर ऊँचा पाया जाता है, तो डॉक्टर आपको आहार संबंधी सलाह और उपचार के बारे में बताएंगी। अगर, आपको गर्भावधि मधुमेह हो जाती है, तो यह जानकर आपको तसल्ली होगी कि आमतौर पर यह शिशु के जन्म के बाद चली जाती है।

तीसरी तिमाही
तीसरी तिमाही में आपके शिशु का माप लेना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि अब वह काफी बड़ा हो गया है और गर्भ में सिमटा होता है। हो सकता है वह थोड़ा नीचे की ओर खिसक गया हो, तो स्कैन में डॉक्टर को उसके शरीर के कुछ अंग दिखाई भी नहीं देंगे।

गर्भावस्था के इस स्तर पर, शिशु के आकार का पता लगाने के लिए आमतौर पर उसकी जांघ की हड्डी (फीमर) की लंबाई का इस्तेमाल किया जाता है। आपके शिशु के पेट का घेरा, जिसे अंग्रेजी में एब्डोमिनल सर्कमफेरेंस (एसी) भी कहा जाता है, यह बताता है कि आपके शिशु वजन उम्मीद के अनुसार बढ़ा है या नहीं।

अगर, बार-बार स्कैन कराने पर भी यही पता चलता है कि आपका शिशु गर्भावधि उम्र के अनुसार काफी छोटा या बड़ा है, तो डॉक्टर आपको जल्दी प्रसव करवाने की सलाह दे सकती हैं।

नीचे दिए गए चार्ट में जानें कि आप कितने हफ्तों की गर्भवती हैं और फिर अंदाजा लगाएं कि आपकी गर्भावस्था कितने महीनों की है।







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