Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
अल्ट्रासाउंड में कौन कौन सी बीमारी का पता चलता है?
विषयसूची [hide]
1 अल्ट्रासाउंड में कौन कौन सी बीमारी का पता चलता है?
2 USG जांच क्या है?
3 अल्ट्रासाउंड का रिपोर्ट कैसे देखें?
4 गले का अल्ट्रासाउंड कैसे होता है?
5 थायराइड को कैसे चेक करते हैं?
6 सोनोग्राफी रिपोर्ट कैसे समझे?
7 अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बच्चे की लंबाई पता है कि कैसे?
8 अल्ट्रासाउंड कितने टाइप का होता है?
अल्ट्रासाउंड में कौन कौन सी बीमारी का पता चलता है?
इसे सुनेंरोकेंअल्ट्रासाउंड-स्कैन्स का उपयोग दिल की परेशानियों का पता लगाने, साथ ही शरीर के अन्य हिस्सों जैसे लिवर, किडनी और पेट की जांच करने में भी किया जाता है और कुछ प्रकार की बायोप्सी (biopsy) करते वक्त सर्जन का मार्गदर्शन करने में भी किया जाता है। अल्ट्रासाउंड-स्कैन(Ultrasound-scan) किस काम में आता है, इस बारे में और जानें।
इसे सुनेंरोकेंUSG (Ultrasonography) एक तरह का अल्ट्रासाउंड है, जो शरीर के आंतरिक अंगों जैसे लीवर, किडनी, प्रजनन अंग आदि को स्कैन करने के लिए उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है। USG शरीर में बिना कोई चीरा लगाए आंतरिक अंगों, वाहिकाओं (नसों) और ऊतकों की समस्याओं को देखने और पहचानने में डॉक्टर की मदद करता है।
अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट कैसे देखते हैं?
इसे सुनेंरोकेंअल्ट्रासाउंड परिक्षण से प्राप्त तस्वीर में हड्डी जैसे ठोस उत्तक सफेद और सौम्य उत्तक स्लेटी (ग्रे) और चितकबरे दिखाई देते हैं। तरल पदार्थ (जैसे एमनियोटिक द्रव्य, जिसमें शिशु रहता है), तरंगों के प्रति कोई प्रतिध्वनि नहीं करता, इसलिए तस्वीर में काला दिखाई देता है।
अल्ट्रासाउंड का रिपोर्ट कैसे देखें?
इसे सुनेंरोकेंअपने वोम्ब (womb) या कोख का पता लगाएं: आप अल्ट्रासाउंड इमेज के किनारों में वाइट या लाइट ग्रे लाइन से अपने गर्भाशय की आउटलाइन का पता लगा सकते हैं। इस एरिया के अंदर एक काला एरिया होगा। ये एमनियोटिक फ्लूइड (amniotic fluid) है। ये ध्यान रहे कि वोम्ब के किनारे शायद पूरी इमेज में न आएं।
गले का अल्ट्रासाउंड कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंमरीज को लोकल एनेस्थीसिया देने के बाद एक विशेष प्रकार के टेलिस्कोप को उसके मुंह के जरिए श्वास नलियों तक पहुंचाया जाता है और उस हिस्से की सोनोग्राफी की जाती है। गांठ की स्थिति दिखने पर सुई से सैंपल लेते हैं। जांच में करीब एक घंटे का समय लगता है जिसके बाद मरीज को करीब दो घटों तक डॉक्टरी देखरेख में रखा जाता है।
पेट की सोनोग्राफी से क्या पता चलता है?
इसे सुनेंरोकेंइसके द्वारा महिला के पेट में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है और यह देखा जाता है कि उसका विकास सही प्रकार से हो रहा है या नहीं। सोनोग्राफी टेस्ट में बच्चे का पूरा आकार दिख जाता है। इससे यह पता चल जाता है कि बच्चे की बॉडी के सभी अंग बने हैं अथवा नहीं।
थायराइड को कैसे चेक करते हैं?
इसे सुनेंरोकेंTSH टेस्ट – जबकि TSH टेस्ट आपके ब्लड में थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन्स को मापते हैं। इसमें पता लगाया जाता है कि थायरॉइड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है या नहीं। ये अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव तो नहीं है। क्योंकि ये दोनों ही स्थितियां खतरनाक होती हैं।
सोनोग्राफी रिपोर्ट कैसे समझे?
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कैसे पढ़े?
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बच्चे की लंबाई पता है कि कैसे?
इसे सुनेंरोकेंगर्भावस्था के शुरुआती दिनों से ही भ्रूण का विकास होने लगता है । गर्भावस्था के दौरान नियमित अंतराल पर अल्ट्रासाउंड स्कैन किया जाता है और इससे गर्भस्थ शिशु का अनुमानित वजन और लंबाई पता करने में मदद मिलती है। गर्भ में जैसे-जैसे भ्रूण बढ़ने लगता है वैसे-वैसे आपके पेट के आकार में भी वृद्धि होने लगती है।
पढ़ना: पीलिया में खुजली क्यों होती है?
अल्ट्रासाउंड कितने टाइप का होता है?
इसे सुनेंरोकेंजानकारी के मुताबिक, गर्भावस्था में तीन तरह का अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह आमतौर पर डॉक्टर देती हैं। पहला अल्ट्रासाउंड तीन महीने के बाद होता है, जिसे फीटल वेलवीन कहते हैं। इस अल्ट्रासाउंड से शिशु की धड़कन सहित अन्य मेजरमेंट देखे जाते हैं। इसके बाद 21 से 25 सप्ताह के बीच लेवल-टू अल्ट्रासाउंड की जांच की जाती है।
पेट का अल्ट्रासाउंड कितने रुपए में होता है?
इसे सुनेंरोकेंपहले जहां अल्ट्रासाउंड के लिए 250 रुपये लगते थे, वहीं अब 400 रुपये कर दिए गए हैं। यह फैसला अल्ट्रासाउंड केंद्रों की यूनियन की ओर से लिया गया है। हालांकि सामान्य अस्पताल में भी नई अल्ट्रासाउंड मशीन शुरु कर दी गई है, लेकिन समस्या यह है कि सामान्य अस्पताल की मशीन पर महज एक डॉक्टर है।
--------------------------- | --------------------------- |