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असामान्य गर्भाशय
गर्भाशय महिलाओं का एक अंदरूनी अंग है, जो मोटी मांसपेषीयों की दीवारों से घिरा हुआ है। इसकी बनावट दिखने में सामान्यतः नाशपाति के आकार जैसी होती है, परन्तु सभी महिलाओं मे गर्भाशय का आकार सामान्य नही होता है। इसे गर्भाशय की असामान्यता (abnormal uterus) कहा जाता है।
असामान्य गर्भाशय (Abnormal uterus)
शिशु का विकास माँ के गर्भावस्था के दौरान चलता रहता है| जिस प्रकार उसके दूसरे अंग विकसित हो रहे होते हैं, उसी प्रकार प्रजनन अंग (reproductive organs) भी विकसित होते हैं। गर्भावास्था के समय गर्भावती महिला में शारीरिक कमियों की वजह से शिशु के विकास में अवरोध उत्पन्न होता है। कोई भी अंग जब सही रूप से नहीं बढ़ता है तो उसे जन्मजात असामान्यता कहते हैं। महिलाओं में गर्भाशय की असमानता का पता तब तक नही चलता है जब तक उनका मासिक चक्र (menstrual cycle) न शुरू हो जाए, या फिर वे गर्भ धारण करने का प्रयास नही कर रही हों।
असामान्य गर्भाशय के कारण महिलाओं को मासिक चक्र के दौरान गंभीर पेट-दर्द हो सकता है। महावारी का रक्त गर्भाशय में एकत्रित होना ,एंव समय पर उपचार नही मिलने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता हैं। इसी वजह से गर्भधारण करने में भी परेशानी होती है, गर्भपात (miscarriage) की सम्भावना बढ़ जाती है और कभी-कभी नौ महीने से पहले ही प्रसव हो जाता है।
असामान्य गर्भाशय के प्रकार
असामान्य गर्भाशय के इलाज के लिये बहुत सारी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है जिनसे गर्भाशय के आकार को ठीक किया जा सकता है, जैसे सोनोग्राफी, अल्ट्रासाउंड, एम.आर.आई., लैप्रौस्कोपी, हिस्टेरॉसाल्पिंगोग्राफी, हिस्टेरोस्कोपी व मेट्रोप्लास्टी|
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