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आईवीएफ प्रेग्नेंसी भी नॉर्मल प्रेग्नेंसी की तरह ही होती है लेकिन इसके लक्षण दिखने में लगभग दो हफ्ते का समय लग जाता है। अगर आपने भी आईवीएफ ट्रीटमेंट ली है, तो आपको इस ट्रीटमेंट के बाद दिखने वाले प्रेग्नेंसी लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए।यहां हम आपको आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद दिखने वाले प्रेग्नेंसी के कुछ आम लक्षणों के बारे में बता रहे हैं। इन लक्षणों एवं संकेतों की मदद से आप जान सकती हैं कि आपका आईवीएफ इंप्लांट सफल हो चुका है।
आईवीएफ ट्रीटमेंट
अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमिली फिजीशियन में प्रकाशित एक लेख के अनुसार 6 से 12 महीने तक कोशिश करने के बाद भी यदि कोई महिला कंसीव नहीं कर पाती है, तो उस स्थिति को इनफर्टिलिटी कहा जाता है। इसमें आईवीएफ जैसी ट्रीटमेंट की मदद से महिला को गर्भधारण करवाया जा सकता है।
अमेरिकन प्रेग्नेंसी ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार आईवीएफ की प्रक्रिया में महिला के एग को लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है और फिर उसे इंक्यूबेटर में रखा जाता है। कुछ दिनों के बाद भ्रूण को सीधा महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है। अधिकतर मामलों में प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण दिखने में लगभग दो हफ्ते का समय लग जाता है।
भ्रूण के गर्भाशय में इंप्लांट होने के बाद प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखने का इंतजार शुरू हो जाता है। गर्भावस्था में इस बात का ध्यान रखें कि हर महिला की प्रेग्नेंसी अलग होती है और उनमें लक्षण भी अलग हो सकते हैं। यहां हम आपको आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद गर्भवती महिलाओं में दिखने वाले कुछ आम लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि हर प्रेगनेंट महिला के पीरियड मिस नहीं होते हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद इंप्लांट के लगभग दाे हफ्ते बाद भी महिलाओं को अक्सर ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होती है।
इसके अलावा हार्मोंस में उतार-चढ़ाव की वजह से प्रेग्नेंसी में सिरदर्द होना भी आम बात है। अगर आपको आईवीएफ के दो सप्ताह के बाद सिरदर्द की शिकायत होने लगी है, तो यह प्रेग्नेंसी का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
जी मतली और ब्रेस्ट में बदलाव
नॉर्मल तरीके से कंसीव करने पर भी प्रेगनेंट महिलाओं में मतली और ब्रेस्ट में बदलाव आने का लक्षण दिखाई देता है। आईवीएफ के बाद भी प्रेगनेंट होने पर मतली हो सकती है। आपको उल्टी के साथ मतली हो सकती है। चूंकि, हर महिला की प्रेग्नेंसी अलग होती है इसलिए किसी में मतली के हल्के लक्षण दिख सकते हैं, तो किसी को मतली गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
कुछ महिलाओं को ब्रेस्ट को छूने पर दर्द भी महसूस हो सकता है। यह भी गर्भावस्था का शुरुआती और आम लक्षण है। कुछ मामलों में निप्पल के आसपास का हिस्सा यानि एरोला का रंग गहरा हो जाता है और निप्पल पहले से ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं।
थकान और प्यास
गर्भावस्था के दौरान शिशु के लिए शरीर को पहले से दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है जिस कारण महिलाओं को आसानी से थकान महसूस होने लगती है। अगर आपको आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने के कुछ दिनों बाद थकान महसूस हो रही है, तो समझ लें कि यह प्रेग्नेंसी का एक संकेत है।
कंसीव करने के बाद मेटाबोलिक रेट बढ़ जाता है और किडनी अपशिष्ट पदार्थों को अधिक मात्रा में शरीर से बाहर निकालने लगती है। इसकी वजह से ज्यादा प्यास लगने और बार-बार पेशाब आने की शिकायत हो सकती है।
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