आपको कैसे पता चलेगा कि बच्चा कब गिरता है?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 09:45

गर्भपात हो जाना एक बेहद दुखद घटना है। शिशु को खो देने के गम के साथ-साथ आपको अपराधबोध या क्रोध के भाव भी महसूस हो रहे होंगे। साथ ही शारीरिक तौर पर भी इससे सहन कर पाना आपके लिए काफी पीड़ादाई और मुश्किल होगा।

यदि आप गर्भपात को समझ जाए तो इससे उबरने में मदद मिल सकती है। यहां पढ़ें कि गर्भपात क्यों होते हैं और इससे उबरने के लिए आप क्या कर सकती हैं।
गर्भपात क्या है?
24 सप्ताह की गर्भावस्था से पहले शिशु की मृत्यु हो जाना गर्भपात कहलाता है। कई बार इसे स्वत: गर्भपात होना भी कहा जाता है। वैसे दुर्भाग्यवश गर्भावस्था के किसी भी चरण में गर्भपात हो सकता है:

अर्ली मिसकैरेज: यदि शिशु की मृत्यु गर्भावस्था के शुरुआती 12 हफ्तों में हो जाए तो इसे शुरुआती गर्भपात (अर्ली मिसकैरिज) कहा जाता है।

लेट मिसकैरेज: यदि गर्भस्थ शिशु की मृत्यु 12 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद हो तो इसे गर्भावस्था के बाद के चरण में हुआ गर्भपात (लेट मिसकैरिज) कहा जाता है।

मिस्ड मिसकैरेज: कई बार, गर्भाधान के बाद भ्रूण विकसित होना शुरु कर देता है, मगर कुछ गड़बड़ होती है और इसका विकास रुक जाता है। इसे चूका हुआ गर्भपात (मिस्ड मिसकैरेज) या साइलेंट मिसकैरेज कहा जाता है। इसे मिस्ड मिसकैरेज इसलिए कहा जाता है क्योंकि आपको पता ही नहीं चलेगा कि कुछ गड़बड़ हुई है। शायद पहले अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान ही आपको इसका पता चले।

रीकरंट मिसकैरेज: यदि लगातार तीन या इससे ज्यादा बार गर्भपात हुआ हो, तो डॉक्टर इसे अंग्रेजी में रिकरंट मिस्कैरिज कहते हैं।
गर्भपात होने के क्या लक्षण हैं?
गर्भपात का पहला लक्षण जो आप पहचान पाएंगी वह शायद रक्तस्त्राव (ब्लीडिंग) और माहवारी के जैसे मरोड़ और दर्द होना होगा।

यदि आपका गर्भावस्था के शुरुआती चरण में गर्भपात हो रहा है, तो रक्तस्त्राव हल्का या फिर काफी ज्यादा हो सकता है और इसमें खून के थक्के भी आ सकते हैं। कुछ दिनों तक ये आते-जाते रह सकते हैं।

बहुत सी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था की शुरुआत में हल्के खून के धब्बे आते हैं, जो जरुरी नहीं है कि अंत में गर्भपात ही हो। इस तरह का रक्तस्त्राव हल्का होता है और तीन दिन से ज्यादा नहीं चलता और आमतौर पर इसमें दर्द भी नहीं होता।

यदि आपको खून के धब्बे आ रहे हों या बहुत ज्यादा रक्तस्त्राव हो और साथ में दर्द भी हो रहा हो तो गर्भावस्था जारी रहने की संभावना काफी कम रहती है।

गर्भावस्था की शुरुआत में योनि से रक्तस्त्राव, खून के धब्बे आना या दर्द होना अस्थानिक (एक्टोपिक) गर्भावस्था या मोलर गर्भावस्था के संकेत हो सकते हैं। इसलिए यह जरुरी है कि जब भी आपको खून के धब्बे या रक्तस्त्राव हों तो हमेशा डॉक्टर से बात करें।

कई बार, गर्भपात हो जाता है और आपको इसके कोई लक्षण महसूस नहीं होते। इस बारे में आपको गर्भावस्था के नियमित स्कैन के दौरान चलता है। मिस्ड मिस्कैरिज की स्थिति में ऐसा होता है।

यदि स्कैन में गर्भावस्था थैली खाली दिखाई दे और भ्रूण की मौजूदगी न दिखे (ब्लाइटेड ओवम), भ्रूण का विकास बंद हो गया हो या दिल की धड़कन न दिखाई दे तो डॉक्टर आपको बताएंगी कि आपका गर्भपात हो गया है। ध्यान रखें कि आपके शिशु का दिल छह हफ्ते की गर्भावस्था में धड़कना शुरु कर देता है इसलिए यदि आप इससे पहले या छठे हफ्ते के दौरान स्कैन करवाएं तो शायद धड़कन न दिख पाए।

गर्भावस्था के बाद के चरण में गर्भपात आमतौर पर शुरुआती गर्भपात की तुलना में अधिक पीड़ादाई होता है। आपकी पानी की थैली फट जाएगी (आपको इसका पता चल भी सकता है या नहीं भी), आपको बहुत ज्यादा रक्तस्त्राव होगा और दर्दभरे संकुचन होंगे। आपको शायद दर्दनिवारक दवा लेने की जरुरत भी पड़ सकती है। हालांकि, सभी को इतना दर्द हो यह जरुरी नहीं। कमजोर ग्रीवा की वजह से होने वाले गर्भपात में संभव है कि आपको दर्द न हो।
गर्भपात किस वजह से होता है?
पहली तिमाही में गर्भपात लगभग हमेशा गुणसूत्रीय असामान्यताओं के कारण भ्रूण का उचित विकास रुक जाने की वजह से होता है।

आमतौर पर शिशु को मॉं के डिंब से 23 गुणसूत्र और पिता के शुक्राणु से 23 गुणसूत्र मिलते हैं। कई बार डिंब या शुक्राणु से बहुत ज्यादा या बहुत कम गुणसूत्र मिल जाते हैं या गुणसूत्र की संरचना में बदलाव होते हैं। इस तरह की असामान्यताएं होने का मतलब है कि भ्रूण शिशु के रूप में विकसित नहीं हो सकता और इसलिए गर्भावस्था स्वत: बढ़ना बंद हो जाती है।

कई बार शुरुआती विकास की नाजुक प्रक्रिया के दौरान होने वाली समस्याओं की वजह से भी गर्भपात हो जाता है। इन समस्याओं में शामिल हैंं डिंब का गर्भाशय में उचित ढंग से प्रत्यारोपित न हो पाना या भ्रूण में संरचनात्मक विकार होना, जिसकी वजह से वह विकसित नहीं हो पाता।

प्रेगनेंसी के बाद के चरण में गर्भपात की वजह शिशु या होने वाली मॉं के साथ कोई स्वास्थ्य समस्या होना है। कई बार कुछ स्वास्थ्य जटिलताओं की वजह से भी गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है और इस वजह से हुए गर्भपात को सहन कर पाना आसान नहीं होता। हालांकि यदि पहले से स्थिति का पता हो तो आपको बेहतर देखभाल मिल सकती है ताकि गर्भपात के खतरे को जितना संभव हो कम किया जा सके।

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