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थैलिडोमाइड को पहली बार के दशक में दर्दनिवारक के रूप में बाज़ार में उतारा गया था.
इसे गर्भवती महिलाओं को सुबह की कमजोरी दूर करने के लिए दिया जाता है. लेकिन यह गर्भ में पल रहे बच्चे को नुक़सान पहुँचाती है. इससे बच्चे के पैर और हाथों का विकास रुक जाता है.
बाज़ार से इसे में वापस ले लिया गया. तब तक ऐसे दसियों हज़ार बच्चों का दुनिया भर में जन्म हो चुका था. अधिकांश देशों में ये 'थैलिडोमाइड बच्चे' अब 'थैलिडोमाइड वयस्क' बन चुके हैं. वे अब अपने जीवन के पाँचवे दशक में हैं.
लेकिन ब्राज़ील में इस दवा को में एक बार फिर लाइसेंस मिल गया था. इससे त्वचा के ज़ख्मों का इलाज होता है. यह कुष्ठ रोग का ही एक प्रकार है.
कुष्ठ रोगियों की बढ़ती संख्या
ब्राजील में कुष्ठ रोग भारत को छोड़ किसी अन्य देश की तुलना में अधिक है. यहाँ हर साल कुष्ठ रोग के 30 हज़ार नए मामलों का इलाज होता है. इसके लिए थैलिडोमाइड की लाखों गोलियां बांटी जाती हैं.
शोधकर्ताओं ने अब कहा है कि ब्राजील के 100 बच्चों में ठीक उसी तरह के घाव हैं, जैसे थैलिडोमाइड की वजह से होते हैं.
ब्राज़ील के एक विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर लावीनिया शुलर फ़ाचिनी कहते हैं, ''ब्राजील में एक त्रासदी होने वाली है. यह एक ऐसा लक्षण है जिससे पूरी तरह बचा जा सकता है.''
लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों और कुष्ठ रोगियों का कहना है कि यह दवा महत्वपूर्ण है. उनका मानना है कि इससे ख़तरा कम होता है. प्रोफ़ेसर लावीनिया शुलर फ़ाचिनी और अन्य शोधकर्ता के बीच पैदा हुए एक करोड़ 70 लाख बच्चों के रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं.
प्रोफ़ेसर लावीनिया शुलर फ़ाचिनी ने बताया, ''हमने सभी बच्चों के पैरों में विकृति देखी. ये अंगदोष थैलिडोमाइड से होने वाले अंगदोष जैसी ही हैं.''
उन्होंने कहा, ''हमने थैलिडोमाइड टैबलेट वितरण और पैरों में विकृति की तुलना की तो, दोनों में सीधा संबंध पाया गया.''
वे बताते हैं, ''जिन राज्यों में थैलिडोमाइड के टैबलेट अधिक बांटे गए, वहाँ पैरों में विकृति अधिक थी.''
मामलों का मूल्यांकन
ब्राज़ील में बीच 58 लाख थैलिडोमाइड की गोलियां बांटी गईं.
इस शोध दल की एक दूसरी सदस्य डॉक्टर फ्रेनांदा वियाना कहती हैं, ''इन छह सालों में हमें सौ मामले मिले जो थैलिडोमाइड के लक्षण की तरह थे.''
वे कहती हैं, ''हम सभी मामलों का मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं. हम यह भी नहीं कह सकते हैं कि सभी मामले थैलिडोमाइड सिंड्रोम के हैं. लेकिन इस तरह की विकृति बहुत ही दुर्लभ है.''
थैलिडोमाइड से पीड़ित एलन
वे कहती हैं कि ख़राब स्वास्थ्य शिक्षा और बड़े पैमाने पर दवाओं को साझा करने को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है.
मध्य ब्राज़ील के छोटे से कस्बे में हमारी मुलाक़ात एलन से हुई. वह अपने घावों के बारे में नहीं जानते हैं, उनका परिवार पहचान जाहिर नहीं करना चाहता है. एलन में पैदा हुए थे. उनके न पैर थे, न हाथ. उनके हाथ कंधे से शुरू होते हैं और पैर कुल्हे के पास हैं.
वह काफी हंसते हैं और अपने भाई के साथ कंप्यूटर पर गेम खेलते हैं. वह अपने घर के आसपास अपने शरीर को लुढ़काते रहते हैं. वे बाहर जाने के लिए व्हील चेयर का सहारा लेते हैं.
उनकी अच्छी देखभाल की जाती है और वे स्कूल में पढ़ाई भी करते हैं. लेकिन उन्हें हर हफ्ते दो घंटे बस में यात्रा कर पास के एक कस्बे में फिजियोथैरेपी के लिए जाना पड़ता है.
उनकी माँ गिलवाने ने गलती से थैलिडोमाइड की गोली खा ली थी. उनके पति ने उन्हें इसे कुष्ठ रोग के लिए दिया था. लेकिन उन्होंने अन्य गोलियों के साथ मिला दिया.
गर्भवती महिलाएं
वे कहती हैं, ''इन गोलियों को तब लिया जब मैंने अच्छा महसूस नहीं किया. इसलिए इस गोली को लिया. यह जाने बिना कि मैं गर्भवती हूं, मैंने ख़ुद को स्वस्थ महसूस करने के लिए पैरासीटामाल जैसी दवाएँ भी लीं.''
वे कहती हैं, ''उसके पिता ने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें यह नहीं कहा है कि महिलाएं इस दवा को नहीं ले सकती हैं. उन्होंने कहा कि उसने उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया है.''
यहाँ दवाओं के लिए सख्त नियम हैं. इसे केवल उसी महिला को लेने की इजाजत दी जाती है, जो दो तरह के गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करती हो और जो नियमित तौर पर गर्भावस्था का परीक्षण कराती हो.
इसके पैकेट पर साफ़ तौर पर एक चेतावनी लिखी हुई है. उस पर थैलिडोमाइड से विकृत हुए एक बच्चे का चित्र भी बना है.
लेकिन कुष्ठ रोग ग़रीबों की बीमारी है, यह उन इलाक़ों में ज्यादा होती है जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत ख़राब हैं और शिक्षा अपर्याप्त. ब्राजील में ऐसे लोगों की पर्याप्त संख्या है जिनका मानना है कि थैलिडोमाइड का उपयोग होते रहना चाहिए.
एक सरकारी दवा कंपनी फ्यूनेड की उत्पादन नियंत्रक मारियाना जनकुनास कहती हैं, ''आजकल यहाँ थैलिडोमाइड के बार में एक मिथक है.''
वह कहती हैं,''मुझे लगता है कि थैलिडोमाइड से रोगियों को होने वाले फ़ायदे के बारे में सूचनाओं और प्रचार से बने मिथक को दूर किया जा सकता है, क्योंकि इसके फ़ायदे ख़तरों पर भारी पड़ रहे हैं.''
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