कीड़े से तुरंत राहत कैसे मिलती है?pregnancytips.in

Posted on Fri 21st Oct 2022 : 15:31

शिशु में कीड़ों के इनफेक्शन का उपचार कैसे करुं?

सौभाग्यवश, कीड़ों के लगभग सभी संक्रमणों का उपचार मुंह से लेने वाली (ओरल) दवाओं से किया जा सकता है। आपके बच्चे को किस तरह का संक्रमण है, उसके आधार पर डॉक्टर दवाएं या कीड़ों को खत्म करने का उपचार (डीवर्मिंग) शुरु करेंगे। बच्चे को यदि एनीमिया हो तो उसे आयरन अनुपूरक लेने की भी जरुरत होगी।

कीड़ों के संक्रमण के लिए डॉक्टर की पर्ची के बिना मिलने वाली कोई भी दवा या औषधि न लें। कुछ एंटी-वर्म दवाएं दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए उचित नहीं होती हैं।

हो सकता है आप वैकल्पिक उपचारों जैसे कि जड़ी-बूटी या आयुर्वेदिक उपचार अपनाना चाहें। इनकी प्रभावशीलता के बारे मे ज्यादा प्रमाण उपलब्ध नहीं है। बेहतर यही है कि कुछ भी उपचार आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें।

कीड़ों का संक्रमण आसानी से फैलता है और इसका दोबारा हो जाना भी काफी आम है। एहतियात के लिए डॉक्टर शायद आपके पूरे परिवार को कीड़ों को खत्म करने का उपचार करवाने की सलाह दे सकते हैं, चाहे फिर अन्य किसी को कीड़े हों या न हों।
मैं शिशु को कीड़े होने से बचाने के लिए क्या कर सकती हूं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) की सलाह है कि प्रीस्कूल के बच्चों को नियमित रूप से कीड़ों को खत्म करने का उपचार दिया जाए। शिशु के एक साल का हो जाने के बाद से डॉक्टर हर छह महीने में उसे डीवर्मिंग उपचार देने की सलाह देते हैं।

जब आपका नन्हा शिशु चलने लग जाता है, तो उसे कीड़ों का इनफेक्शन होने का खतरा शुरु हो जाता है। अपने बच्चे को नियमित तौर पर डॉक्टर के पास जांच के लिए ले जाएं और नियत समय पर कीड़ों को खत्म करने का उपचार करवाएं।

निम्नांकित सुझावों को अपनाकर आप उसे कीड़ों के संक्रमण से सुरक्षित रख सकती हैं:

शिशु की लंगोट (नैपी) नियमित रूप से बदलती रहें और इसके बाद अपने हाथों को अच्छे से धो लें।

अपने घर को अक्सर अच्छे कीटनाशक से साफ करती रहें

जब आपका शिशु चलना शुरु कर देता है, तो उसे पैरों को ढक लेने वाले जूते पहनाएं। सु​निश्चित करें कि बाहर खेलते समय बच्चा ये जूते अवश्य पहने। घर आने के बाद उसके हाथों और पैरों को अवश्य धो दें।

अपने बच्चे को झीलों, बांधों और कीचड़ से दूर रहकर ही खेलने दें।

शिशु को कीचड़ वाली जगहों, नमी वाले रेत की टीलों और मिट्टी से दूर रखें। मानसून के दिनों में विशेष ध्यान रखें, जब अक्सर पानी जमा हो जाता है। दूषित पानी कहीं से भी आ सकता है।

हमेशा ध्यान रखें कि शिशु साफ और सूखी जगह पर ही खेले।

अपने बच्चे को पानी की जगहों पर जैसे कि कीचड़, गढ्ढ़ों, झीलों या बांधों के आसपास न खेलने दें।

सुनिश्चित करें कि शिशु पेशाब या शौच के लिए स्वच्छ शौचालय का ही इस्तेमाल करे।

अपने शौचालय को साफ रखें। हर बार पेशाब करने या मल त्याग के बाद शिशु के नितंबों को धो दें। इसके बाद अपने हाथों को भी अच्छी तरफ धोएं। यदि आपका शिशु बड़ा है तो आप उसे हर बार शौचालय के इस्तेमाल के बाद हाथ धोने के बारे में सिखाएं।

सुनिश्चित करें कि आपके परिवार के सदस्य खाने से पहले और शौचालय के इस्तेमाल के बाद अपने हाथ साबुन से अवश्य धोएं।

बच्चे के नाखून छोटे और साफ रखें। कीड़ों के अंडे लंबे नाखूनों में फंस सकते हैं और पूरे घर में फैल सकते हैं।

हमेशा साफ पानी पीएं। आप पानी को उबाल सकते हैं या फिर फिल्टर कर सकती है।

फल और सब्जियों को साफ पानी में अच्छे से धोएं। हरी पत्तेदार सब्जियों को धोते समय विशेष सावधानी बरतें, क्योंकि उनमें मिट्टी और धूल लगी रह सकती है।

खाना बनाने से पहले देख लें कि मांस और मछली ताजा हो। मांस और मांस और मछली को अच्छी तरह पकाएं, ताकि वह कच्चा न रहे।

अगर आपके घर में कामवाली या आया शिशु की देखभाल करती है, तो सुनिश्चित करें कि वह साफ-सुथरी रहती हो। परिवार के अन्य सदस्यों ​के साथ-साथ घर में काम करने वाली कामवाली को भी कीड़े खत्म करने की दवाई दिलवाना सही रहता है।

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