क्या 36 वीक प्रेगनेंट में उल्टी होना नॉर्मल है?pregnancytips.in

Posted on Fri 21st Oct 2022 : 12:59

गर्भावस्था में सुबह की मिचली (मॉनिंग सिकनेस) क्या है?

सुबह की मिचली (मॉनिंग सिकनेस) का मतलब उबकाई आने से है, जिसमें कभी-कभार उल्टी भी आ जाती है। गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाओं को ऐसा महसूस होता है, आमतौर पर पहली तिमाही में।

प्रेगनेंसी में मिचली होना काफी आम है और यदि स्थिति गंभीर न हो तो इससे आपको और आपके गर्भस्थ शिशु को कोई खतरा नहीं होता। कुछ महिलाओं को केवल मिचली व उबकाई ही होती है, वहीं कुछ अन्य को मिचली और उल्टी दोनों होती है। लेकिन कुछ भाग्यशाली महिलाओं को दोनों में से कुछ भी महसूस नहीं होता!

सुबह की मिचली यानि मॉर्निंग सिकनेस एक भ्रामक शब्द है। इसे यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि गर्भवती महिलाओं में मिचली अक्सर सुबह के समय ज्यादा होती है और दिन में थोड़ी राहत रहती है। मगर वैसे यह कभी भी हो सकती है और बहुत सी महिलाओं में यह पूरा दिन बनी रहती है। कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस रात को महसूस होती है।

प्रेगनेंसी में मतली के क्या लक्षण हैं?
​गर्भावस्था में मॉनिंग सिकनेस होने पर अक्सर निम्न लक्षण महसूस होते हैं:

जी मिचलाना (उल्टी की इच्छा होना)
उल्टी होना
उबकाई आना, मगर उल्टी नहीं आना
बहुत ज्यादा लार बनना (जब सामान्य से ज्यादा लार आए)

गर्भावस्था में जी मिचलाने और उल्टी होने के क्या कारण हैं?
गर्भावस्था के दौरान मिचली किस वजह सेहोती है, यह कोई नहीं जानता। मगर गर्भावस्था की शुरुआत में शरीर में होने वाले बहुत से बदलाव शायद एक साथ मिलकर इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके कुछ संभावित कारण हैं:

ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रॉफिन (एचसीजी)। प्रेगनेंसी की शुरुआत में यह हॉर्मोन तेजी से आपके शरीर में बढ़ता है। एचसीजी का उचित स्तर यह सुनिश्चित करता है कि जब तक अपरा गर्भावस्था को संभालने के लिए तैयार नहीं हो जाती, तब तक आपकी गर्भावस्था जारी रहे और विकसित होती रहे। अभी तक एचसीजी और मिचली के बीच संबंध का संबंध स्पष्ट नहीं है, मगर जब 16 से 20 हफ्ते की गर्भावस्था के आसपास एचसीजी का स्तर कम होने लगता है, तो आमतौर पर मिचली भी इसी समय समाप्त हो जाती है। साथ ही जिन स्थितियों में शरीर में एचसीजी का स्तर ज्यादा होता है जैसे कि गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु होने पर, तो इन मामलों में मिचली और उल्टी होने की दर भी काफी ज्यादा होती है।

ईस्ट्रोजेन। ईस्ट्रोजेन एक अन्य हॉर्मोन है जिसका स्तर गर्भावस्था के शुरुआती चरण तेजी से बढ़ता है। हो सकता है कि इसकी वजह से गर्भवती महिलाएं गंध और स्वाद के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है, जिससे कुछ भोजनों के प्रति उनकी रुचि कम या समाप्त हो जाती है।
पेट में गड़बड़। कुछ महिलाओं का पाचन तंत्र गर्भावस्था के शुरुआती चरण में होने वाले बदलावों के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। इसलिए वे जो भी भोजन खाती हैं, उन्हें मिचली या उल्टी महसूस होती है।
आनुवांशिक। अगर घर की अन्य महिलाओं को उनकी गर्भावस्था के समय मॉनिंग सिकनेस रहती थी, तो आपको भी इसके होने की संभावना रहती है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था में अत्याधिक उल्टी होती थी (हाइपरेमेसिस ग्रेविडेरम) उनमें विशेषतौर पर दो वंशाणु (जीडीएफ15 और आईजीएफबीपी7) पाए गए, जो इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। हाइपरेमेसिस ग्रेविडेरम, मॉनिंग सिकनेसक का सबसे गंभी रूप है।
गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु होना। अगर आपके पेट में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु पल रहे हैं तो आपको गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाने और उल्टी होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसा शरीर में एचसीजी, ईस्ट्रोजेन और अन्य हॉर्मोनों के स्तर बढ़ने की वजह से हो सकता है। गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु हो तो मिचली की स्थिति गंभीर होने की भी संभावना रहती है। बहरहाल, यह जरुरी नहीं कि सभी महिलाओं के साथ ऐसा हो - कुछ महिलाएं जिनके गर्भ में जुड़वा शिशु हों, उन्हें मिचली बहुत कम या बिल्कुल महसूस नहीं होती।
आपको सफर के दौरान अक्सर मिचली या माइग्रेन होता है। हालांकि, इसके बीच का संबंध स्पष्ट नहीं है मगर जिन महिलाओं को सफर के दौरान मिचली (मोशन सिकनेस) या माइग्रेन रहता है उन्हें गर्भावस्था में मॉनिंग सिकने होने की ज्यादा संभावना होती है। इसलिए अगर आप गर्भावस्था की शुरुआ में कार से सफर करने की योजना बना रही हैं, तो याद रखें कि आपकी मिचली की स्थिति सामान्य से और ज्यादा बदतर हो सकती है।
आपका वजन। जिन महिलाओं का वजन गर्भावस्था की शुरुआत में सामान्य से ज्यादा (बीएमआई 23 से ज्यादा) या कम (बीएमआई 18.5 से कम) हो तो आपको मॉनिंग सिकनेस और उल्टी होने की आशंका ज्यादा रहती है। हालांकि, प्रेगनेंसी में जी मिचलाने का कारण सीधे वजन से संबंधित नहीं है, मगर बीएमआई स्वस्थ स्तर पर न हो तो आपको मिचली और उल्टी होने की संभावना ज्यादा रहती है।

प्रेगनेंसी में मतली व उल्टी कब शुरु होती है?
मतली और उल्टी आमतौर पर गर्भावस्था के पांचवे या छठे सप्ताह से शुरु होती है एक-दो महीने तक यह काफी ज्यादा हो सकती है।

माहवारी चूकने के बाद यह गर्भवती होने के शुरुआती लक्षणों में से एक है, जो महिलाओं महसूस करती हैं।
क्या पूरी गर्भावस्था के दौरान मिचली रहना सामान्य है?
सुबह की मिचली आमतौर पर पहली तिमाही के अंत में कम होने लगती है और 16 से 20 हफ्ते की गर्भावस्था तक बहुत सी महिलाओं में यह पूरी तरह समाप्त हो जाती है।

दुर्भाग्यवश कुछ महिलाओं में उबकाई की यह समस्या पूरी गर्भावस्था में बनी रहती है। हालांकि, ऐसा होना दुर्लभ है। यदि पहली तिमाही के बाद आपकी मिचली की स्थिति बेहतर न हो, तो शायद आपको लगेगा कि आप अपनी गर्भावस्था का आनंद कभी नहीं ले पाएंगी। आपको मिचली रहे तो इसका असर आपके कामकाज और सामाजिक जीवन पर भी पड़ सकता है। आपके लिए अपने परिवार और बड़े बच्चों की देखभाल करना भी मुश्किल हो सकता है।

इससे उबरने के लिए जरुरी है कि आप परेशानियों के बारे में परिजनों और डॉक्टर को बताएं। इससे आपको इस चरण से गुजरने का सहयोग मिल सकेगा।

यदि आपको पूरी गर्भावस्था के दौरान मिचली हो रही हो तो कई बार डॉक्टर लीवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) करवाने की सलाह दे सकती हैं। यह एक खून की जांच होती है, जिससे पता चलता है कि यकृत (लीवर) सही ढंग से काम कर रहा है या नहीं।

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