क्या 38 की उम्र में रजोनिवृत्ति हो सकती है?pregnancytips.in

Posted on Fri 14th Oct 2022 : 11:34

पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं को बड़ी बीमारियों का खतरा

रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के कारण महिलाओं की हड्डियां कमजोर (आस्टियोपोरोसिस) हो सकता है। यही नहीं लापरवाही से दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। महिलाओं के अंडाशय में प्राकृतिक रूप से एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रान हार्मोन बनना बंद होने से मासिक धर्म बंद हो जाता है।


ऐसे में गर्भधारण नहीं होता लेकिन उम्र बढ़ते-बढ़ते हड्डियां कमजोर, हृदय रोग, धमनियां, मस्तिष्क और जननेंद्रियों के प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाती है। इन सब दिक्कतों से निजात का तरीका सिर्फ एक है कि व्यायाम और नियंत्रित खान-पान।


केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ प्रो. एसपी जायसवार ने ये जानकारी दी। प्रो. जायसवार ने बताया कि मासिक धर्म के स्थाई रूप से बंद हो जाने की अवस्था को रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) कहा जाता है।

स्त्रियों में आमतौर यह अवस्था 45 से 50 वर्ष की आयु के बाद आती है। जिसमें डिम्ब ग्रंथि में परिपक्व अंडाणुओं का निकलना बंद हो जाता है। डिम्ब ग्रंथि के सक्रिय जीवनकाल का अंत होने पर स्त्रियों में मासिक धर्म बंद हो जाता है और प्राकृतिक गर्भधारण करने की क्षमता खत्म हो जाती है।

पी‌रियड्स बंद होने के बाद परेशान रहने लगती हैं महिलाएं

रजोनिवृत्ति होने पर स्त्रियों में शारीरिक व मानसिक बदलाव होते हैं। कुछ महिलाएं ऐसे परिवर्तनों में ज्यादा परेशान नहीं होतीं लेकिन कई महिलाएं इसमें दिक्कत महसूस करने लगती हैं। मेनोपॉज तीन चरणों में होता है, माहवारी बंद होने के एक-दो वर्ष पूर्व माहवारी में असंतुलन की स्थिति को प्री-मेनोपॉज कहते हैं।

बाद की स्थिति को पोस्ट मेनोपॉज कहा जाता है। मध्य में मेनोपॉज की वास्तविक स्थिति होती है। एक वर्ष तक लगातार माहवारी बंद रहने की स्थिति को ही मेनोपॉज माना जाता है। उन्होंने बताया कि मेनोपॉज यदि कम आयु में हो जाए तो बीमारियों की आशंका उतनी ही बढ़ जाती है।

एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में जनन क्षमता के साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है। इस हार्मोन की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनका बोन मास डेंसिटी (बीएमडी) कम हो जाती है। यही ऑस्टियोपोरोसिस का कारण है।

मेनोपॉज के लक्षण
-चित्त में निरुत्साह (डिप्रेशन)
-शरीर की शिथिलता व कमजोरी
-नींद न आना
-सिर, पैर, जोड़ों तथा शरीर के अन्य भागों में दर्द
-बेचैनी होना
-मानसिक विकार व कभी-कभी पागलपन
-त्वचा का सूखना व खुजली होना
-यौन संबंधों में अरुचि

ऐसे करें बचाव

केजीएमयू के लेक्चरर व फिजियोथेरेपी यूनिट इंचार्ज डॉ. अरविंद सोनकर ने बताया कि रजोनिवृत्ति के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए व्यायाम और एरोबिक्स उपयोगी है। हड्डी व अन्य ऊतकों में मजबूती आती है। साथ ही हृदय रोग के खतरे कम होते हैं। व्यायाम और धूप में टहलना फायदेमंद है। सुबह की पहली धूप में बाहर जरूर निकलें। विटमिन डी के लिए मछली, दूध व उससे बने खाद्य पदार्थ, अंडे आदि आहार में शामिल करें।

ऐरोबिक्स जोड़ों की गति बनाये रखने एवं मांशपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक है। इससे पाचन तंत्र सुदृढ़ होता है। रोजाना कम से कम 1500 एमजी कैल्शियम का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है।

solved 5
wordpress 1 year ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info