क्या एंडोमेट्रियोसिस जन्म दोष पैदा कर सकता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसा विकार है जिसमें गर्भाशय की लाइनिंग बनाने वाले ऊतक से मिलता हुआ ऊतक गर्भाशय की गुहा के बाहर विकसित होने लगता है। गर्भाशय की लाइनिंग को एंडोमेट्रियम कहते हैं। जब ओवरी, बाउल और पेल्विस की लाइनिंग के ऊतकों पर एंडोमेट्रियल टिश्‍यू विकसित होने लगते हैं, तब एंडोमेट्रियोसिस की समस्‍या उत्‍पन्‍न होती है।

लगभग 40 फीसदी महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस की वजह से गर्भधारण करने में दिक्‍कत आती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि सूजन से स्‍पर्म या एग को नुकसान पहुंचता या स्‍कार टिश्‍यू फैलोपियन ट्यूब को ब्‍लॉक कर सकता है। सर्जरी से इस स्थिति में महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

क्यों होती है एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रॉएड की दिक्कत

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
हर महिला में एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण अलग होते हैं। कुछ महिलाओं में हल्‍के तो कुछ में गंभीर लक्षण देखने को मिल सकते हैं। एंडोमेट्रियोसिस में पेल्विक हिस्‍से में दर्द होना सबसे सामान्‍य बात है। इसमें आपको निम्‍न लक्षण दिख सकते हैं

मासिक धर्म के दौरान दर्द होना, मासिक धर्म से पहले और दौरान पेट के निचले हिस्‍से में दर्द होना, माहवारी के एक या दो हफ्ते के आसपास ऐंठन महसूस होना, माहवारी के बीच में ब्‍लीडिंग या पीरियड्स में ज्‍यादा ब्‍लीडिंग होना, इनफर्टिलिटी, सेक्‍स के दौरान दर्द होना, मल त्‍याग करने में असहज महसूस होना, मासिक धर्म के दौरान कभी भी कमर के निचले हिस्‍से में दर्द होना।

शिशु काे जन्‍मदोष से बचाने के लिए प्रेग्‍नेंसी में इस समय से लेना शुरू करें फोलिक एसिड

फोलिक एसिड फोलेट नामक विटामिन बी का एक मानव निर्मित रूप है जो कि लाल रक्‍त कोशिकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। ये शिशु के मस्तिष्‍क और स्‍पाइनल कॉर्ड ममें न्‍यूरल ट्यूब के विकास में मदद करता है।
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न्‍यूरल ट्यूब डिफेक्‍ट : फोलिक एसिड भ्रूण में नसों के विकास में मदद करता है। भ्रूण की न्‍यूरल ट्यूब बाद में शिशु के मस्तिष्‍क और स्‍पाइनल कॉर्ड में विकसित होती है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के शुरुआती गठन के दौरान किसी भी प्रकार के जन्मदोष को रोकने के लिए फोलिक एसिड जरूरी होता है।लाल रक्‍त कोशिकाओ का निर्माण : यदि प्रेग्‍नेंसी में आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया हो तो फोलिक एसिड बहुत जरूरी होता है। य लाल रक्‍त कोशिकाएं बनाता है।जटिलताओं से सुरक्षा : फोलिक एसिड शिशु में क्‍लेफ्ट लिप और पैलेट के खतरे को कम करता है। ये प्रीमैच्‍योर बर्थ, मिसकैरेज, भ्रूण में शिशु के खराब विकास और जन्‍म के समय शिशु का वजन कम होने जैसी जटिलताओं से सुरक्षा मिलती है।मां को मिलता है लाभ : यदि प्रेगनेंट महिला रोज फोलिक एसिड ले तो इससे उनमें प्रीक्‍लैंपसिया, हार्ट स्‍ट्रोक, हार्ट डिजीज, कैंसर और अल्‍जाइमर रोग से बचाव होता है।अन्‍य आवश्‍यक कार्य : डीएनए के उत्‍पादन, रिपेयर और कार्यशीलता के लिए फोलिक एसिड जरूरी होता है। ये शिशु और प्‍लेसेंटा के जल्‍द विकास में भी जरूरी होता है।

गर्भावस्‍था के तीसरे से चौथे हफ्ते में जन्‍म दोष उत्‍पन्‍न होते हैं इसलिए इस दौरान शरीर में फोलेट होना बहुत जरूरी है। प्रेग्‍नेंसी के शुरुआती चरणों में शिशु के मस्तिष्‍क और स्‍पाइनल कॉर्ड का विकास होता है।

अगर आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं तो डॉक्‍टर गर्भधारण से पहले ही प्रीनैटल विटामिन के साथ फोलिक एसिड लेने की सलाह देंगे।

एक अध्‍ययन में सामने आया है कि जो महिलाएं कंसीव करने से लगभग एक साल पहने से ही फोलिक एसिड लेना शुरू कर देती हैं उनमें प्रीमैच्‍योर लेबर का खतरा 50 फीसदी कम हो जाता है।

प्रजनन की उम्र की सभी महिलाओं को प्रतिदिन 400 माइक्रोग्राम फोलेट की जरूरत होती है। अगर आप रोज मल्‍टीविटामिन लेती हैं तो इस बात का ध्‍यान रखें कि आप उसकी पर्याप्‍त मात्रा ले रही हैं या नहीं। यदि किसी वजह से आप मल्‍टीविटामिन नहीं लेना चाहती हैं तो फोलिक एसिड सप्‍लीमेंट ले सकती हैं।

प्रेग्‍नेंसी के हर चरण में कितना फोलेट लेना चाहिए :
कंसीव करने की कोशिश के दौरान : 400 माइक्रोग्रामप्रेग्‍नेंसी के पहले तीन महीने : 400 माइक्रोग्रामगर्भावस्‍था के चार से नौ महीने : 600 माइक्रोग्रामस्‍तनपान करवाने के दौरान : 500 माइक्रोग्राम
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प्रेग्‍नेंसी से तीन महीने पहले फोलिक एसिड लेना शुरू कर सकती हैं और गर्भावस्‍था के पूरे नौ महीने तक लें। इससे उन महिलाओं को ज्‍यादा फायदा होता है जिनमें जन्‍म दोष विकारों का खतरा अधिक होता है।

प्रेग्‍नेंसी के 12वें हफ्ते तक शिशु की रीढ़ की हड्डी का पूरा विकास हो चुका होता है इसलिए 12वें हफ्ते के बाद आप फोलिक एसिड लेना बंद कर सकती हैं। हालांकि, 12वें हफ्ते के बाद भी फोलिक एसिड ले सकती हैं क्‍योंकि इससे शिशु या मां को कोई नुकसान नहीं होगा।

अगर आप गर्भधारण करने की सोच रही हैं या गर्भवती हैं तो डॉक्‍टर की सलाह पर जल्‍द ही फोलिक एसिड लेना शुरू कर दें। ये आपके शिशु के स्‍वास्‍थ्‍य और विकास के लिए बहुत जरूरी है।

मां बनने से रोक सकता है
अगर आपकी कंसीव करने की कोशिश बार-बार नाकाम हो रही है तो इसकी वजह एंडोमेट्रियोसिस हो सकता है। इसमें महिलाओं की प्रजनन क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है। प्रेग्‍नेंसी के लिए महिलाओं की ओवरी में एक अंडा रिलीज होता है जो कि फैलोपियन ट्यूब के जरिए स्‍पर्म की कोशिका से फर्टिलाइज होता है और विकसित होने के लिए अपने आप ही यूट्राइन दीवार से जुड़ जाता है।

एंडोमेट्रियोसिस ट्यूब में रुकावट पैदा कर सकती है और अंडे एवं स्‍पर्म को एकसाथ जोड़कर रख सकती है। हल्‍के से सामान्‍य एंडोमेट्रियोसिस के मामलों में महिलाएं फिर भी गर्भधारण कर सकती हैं। एंडोमेट्रियोसिस से ग्रस्‍त महिलाओं को डॉक्‍टर सलाह देते हैं कि इन्‍हें जल्‍द से जल्‍द गर्भधारण कर लेना चाहिए क्‍योंकि समय के साथ इसकी स्थिति और खराब होती चली जाती है।
शिशु काे जन्‍मदोष से बचाने के लिए प्रेग्‍नेंसी में इस समय से लेना शुरू करें फोलिक एसिड

फोलिक एसिड फोलेट नामक विटामिन बी का एक मानव निर्मित रूप है जो कि लाल रक्‍त कोशिकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। ये शिशु के मस्तिष्‍क और स्‍पाइनल कॉर्ड ममें न्‍यूरल ट्यूब के विकास में मदद करता है।
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न्‍यूरल ट्यूब डिफेक्‍ट : फोलिक एसिड भ्रूण में नसों के विकास में मदद करता है। भ्रूण की न्‍यूरल ट्यूब बाद में शिशु के मस्तिष्‍क और स्‍पाइनल कॉर्ड में विकसित होती है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के शुरुआती गठन के दौरान किसी भी प्रकार के जन्मदोष को रोकने के लिए फोलिक एसिड जरूरी होता है।लाल रक्‍त कोशिकाओ का निर्माण : यदि प्रेग्‍नेंसी में आयरन डेफिशिएंसी एनीमिया हो तो फोलिक एसिड बहुत जरूरी होता है। य लाल रक्‍त कोशिकाएं बनाता है।जटिलताओं से सुरक्षा : फोलिक एसिड शिशु में क्‍लेफ्ट लिप और पैलेट के खतरे को कम करता है। ये प्रीमैच्‍योर बर्थ, मिसकैरेज, भ्रूण में शिशु के खराब विकास और जन्‍म के समय शिशु का वजन कम होने जैसी जटिलताओं से सुरक्षा मिलती है।मां को मिलता है लाभ : यदि प्रेगनेंट महिला रोज फोलिक एसिड ले तो इससे उनमें प्रीक्‍लैंपसिया, हार्ट स्‍ट्रोक, हार्ट डिजीज, कैंसर और अल्‍जाइमर रोग से बचाव होता है।अन्‍य आवश्‍यक कार्य : डीएनए के उत्‍पादन, रिपेयर और कार्यशीलता के लिए फोलिक एसिड जरूरी होता है। ये शिशु और प्‍लेसेंटा के जल्‍द विकास में भी जरूरी होता है।

गर्भावस्‍था के तीसरे से चौथे हफ्ते में जन्‍म दोष उत्‍पन्‍न होते हैं इसलिए इस दौरान शरीर में फोलेट होना बहुत जरूरी है। प्रेग्‍नेंसी के शुरुआती चरणों में शिशु के मस्तिष्‍क और स्‍पाइनल कॉर्ड का विकास होता है।

अगर आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं तो डॉक्‍टर गर्भधारण से पहले ही प्रीनैटल विटामिन के साथ फोलिक एसिड लेने की सलाह देंगे।

एक अध्‍ययन में सामने आया है कि जो महिलाएं कंसीव करने से लगभग एक साल पहने से ही फोलिक एसिड लेना शुरू कर देती हैं उनमें प्रीमैच्‍योर लेबर का खतरा 50 फीसदी कम हो जाता है।

प्रजनन की उम्र की सभी महिलाओं को प्रतिदिन 400 माइक्रोग्राम फोलेट की जरूरत होती है। अगर आप रोज मल्‍टीविटामिन लेती हैं तो इस बात का ध्‍यान रखें कि आप उसकी पर्याप्‍त मात्रा ले रही हैं या नहीं। यदि किसी वजह से आप मल्‍टीविटामिन नहीं लेना चाहती हैं तो फोलिक एसिड सप्‍लीमेंट ले सकती हैं।
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प्रेग्‍नेंसी से तीन महीने पहले फोलिक एसिड लेना शुरू कर सकती हैं और गर्भावस्‍था के पूरे नौ महीने तक लें। इससे उन महिलाओं को ज्‍यादा फायदा होता है जिनमें जन्‍म दोष विकारों का खतरा अधिक होता है

प्रेग्‍नेंसी के 12वें हफ्ते तक शिशु की रीढ़ की हड्डी का पूरा विकास हो चुका होता है इसलिए 12वें हफ्ते के बाद आप फोलिक एसिड लेना बंद कर सकती हैं। हालांकि, 12वें हफ्ते के बाद भी फोलिक एसिड ले सकती हैं क्‍योंकि इससे शिशु या मां को कोई नुकसान नहीं होगा।

अगर आप गर्भधारण करने की सोच रही हैं या गर्भवती हैं तो डॉक्‍टर की सलाह पर जल्‍द ही फोलिक एसिड लेना शुरू कर दें। ये आपके शिशु के स्‍वास्‍थ्‍य और विकास के लिए बहुत जरूरी है।

एंडोमेट्रियोसिस का इलाज
एंडोमेट्रियोसिस का उपचार नहीं है। आमतौर पर दवाओं या सर्जरी से इलाज किया जाता है। डॉक्‍टर इबूप्रोफेन या नैप्रोक्‍सेन जैसी दर्द निवारक दवा लेने के लिए कह सकते हैं। अगर इन दवाओं से दर्द कम नहीं होता है तो डॉक्‍टर से अन्‍य विकल्‍पों के बारे में पूछें।

कभी-कभी गर्म पानी से नहाने, पेट की गर्म सिकाई या नियमित व्‍यायाम से भी आराम मिल जाता है।
हार्मोनल थेरेपी शरीर द्वारा बनने वाले एस्‍ट्रोजन की मात्रा को कम और पीरियड्स को रोक सकती है। इससे घाव से खून कम निकलता है और आपको ज्‍यादा सूजन, स्‍कार और सिस्‍ट नहीं बनती।

कई बार प्रभावित टिश्‍यू को निकालने के लिए डॉक्‍टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। कुछ मामलों में सर्जरी लक्षणों को कम कर प्रेगनेंट होने की संभावना को बढ़ा सकती है। डॉक्‍टर लैप्रो‍स्‍कोपिक या ओपन सर्जरी कर सकते हैं। हालांकि, कभी-कभी सर्जरी के बाद दर्द वापस आ जाता है।

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