क्या खाने से दूध होगा?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 10:05

मां का दूध (ब्रेस्ट मिल्क) बढ़ाने के घरेलू तरीके

बच्चे के जन्म के बाद छह महीने तक उसे सिर्फ मां का दूध पिलाया जाता है, ताकि उसे शुरुआती पोषण ठीक से मिल सके। ऐसे में जरूरी है कि स्तनपान कराने वाली मां अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें, ताकि ब्रेस्ट मिल्क का ठीक से उत्पादन हो सके और बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क से सही पोषण मिलता रहे। ऐसे में कई महिलाओं के मन में यह सवाल जरूर आता है कि क्या उनमें ठीक से ब्रेस्ट मिल्क बन पा रहा है या नहीं?

मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझमें पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क बन रहा है या नहीं?
आप के अंदर पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्ट मिल्क बन रहा है यह इस बात से पता चलेगा कि आपका शिशु इससे कितना संतुष्ट हो पाता है और यह शिशु की सेहत को किस तरह प्रभावित कर रहा है।

उम्र के अनुसार शिशु का वजन बढ़ना, उसका सही विकास होना इस बात का संकेत है कि आप में पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्ट मिल्क बन रहा है। हालांकि, जन्म के पहले सप्ताह में शिशु का वजन घट सकता है, लेकिन बाद में पर्याप्त पोषण के साथ उसका वजन बढ़ने लगता है।

इसके अलावा, आप इससे भी अंदाजा लगा सकती हैं, कि वो दिन में कितनी बार पेशाब कर रहा है (1)। दिन में पांच से छह डायपर गीले करने का मतलब है कि वो ठीक से स्तनपान कर पा रहा है।

आपके बच्चे का अच्छा मूड भी पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क बनने का संकेत हो सकता है। पर्याप्त मात्रा में दूध बनेगा, तो शिशु भी अच्छी तरह स्तनपान कर पाता है, जिससे शिशु खुश रहता है और अच्छे से सोता है।

दूध की आपूर्ति पर्याप्त न होने पर आपको स्तनपान कराते समय दर्द महसूस नहीं होगा। ऐसे में आपको स्तनपान कराने के बाद आपके स्तन खाली और मुलायम महसूस होंगे।

स्तनपान कराने के दौरान बच्चे के दूध निगलने को आप सुन सकेंगी, जो दूध की पर्याप्त मात्रा होने का लक्षण हो सकता है।

लेख के इस भाग में हम ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति कम होने के कारणों के बारे में जानेंगे।
ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति कम होने के कारण

ऐसी कई बातें हैं, जिनकी वजह से नई मां में ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति कम होने लगती है, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं :
1. मानसिक बदलाव :

डिलीवरी के बाद कई महिलाएं विभिन्न तरह के मानसिक बदलावों से जूझती हैं। चिंता व तनाव जैसी समस्याएं ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति को प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में आप जितना हो सके खुद को खुश रखें व तनाव से दूर रहें।
2. चिकित्सीय समस्या :

ब्रेस्ट मिल्क की कमी होने के पीछे चिकित्सीय समस्या भी हो सकती है, जैसे :

जैसे गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की समस्या।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)।

3. कुछ दवाओं का प्रभाव :

साइनस व एलर्जी जैसी दवाओं के प्रभाव और हार्मोनल बर्थ कंट्रोल की दवाओं के कारण भी ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति में कमी आ सकती है।
4. धूम्रपान और एल्कोहल :

धूम्रपान और एल्कोहल के कारण भी ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति पर असर पड़ता है। जो महिलाएं ज्यादा धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन करती हैं, उनमें ब्रेस्ट मिल्क की कमी होने की समस्या हो सकती है।
5. ब्रेस्ट सर्जरी

अगर आपकी पहले कभी ब्रेस्ट सर्जरी हुई है, तो ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति में कमी आ सकती है। आपको बता दें कि ब्रेस्ट सर्जरी से ग्लैंड्यूलर टिश्यू में कमी आ जाती है, जिससे ब्रेस्ट मिल्क आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, निप्पल पियरसिंग भी इसका एक कारण हो सकता है (2)।

ये थे ब्रेस्ट मिल्क आपूर्ति कम होने के कुछ कारण। आइए, अब ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के तरीकों के बारे में चर्चा करते हैं।
मां का दूध बढ़ाने के तरीके

हालांकि, मां का दूध बढ़ाने के कई तरीके अपनाएं जा सकते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बेहतर संतुलित व पौष्टिक खानपान है। एक बेहतर खानपान आपकी दूध की आपूर्ति को काफी प्रभावित करता है। यहां हम बता रहे हैं कि ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए क्या खाएं (3):
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले फूड

ओटमील : ओटमील से भरपूर ऊर्जा मिलती है। इसमें फाइबर होता है, जो आपका पाचन ठीक रखने में मदद करता है। आप रोजाना सुबह नाश्ते में एक बाउल ओटमील खा सकती हैं।

सौंफ : स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध के कम होने पर सौंफ का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। आप चाहें तो सौंफ वाली चाय भी पी सकती हैं या माउथ फ्रेशनर के तौर पर इसका सेवन कर सकती हैं (4)।

मेथी के दाने : मेथी दाने का सेवन करने से भी ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति पर असर पड़ता है (5)। आप डिलीवरी के बाद अंकुरित किए हुए मेथी दाने खा सकती हैं। हालांकि, ये स्वाद में आपको थोड़ी कड़वी लग सकती है, लेकिन इससे ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पपीता : ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में कच्चा पपीता भी मदद करता है (3)। इसके सेवन से शरीर में ऑक्सिटॉसिन का उत्पादन बढ़ता है, जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करता है।

लहसुन : लहसुन भी ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति बढ़ाने में भी सहायक माना गया है। अगर आप लहसुन खाती हैं, तो यह आपके दूध के स्वाद और महक को प्रभावित कर सकता है। एक स्टडी में भी यह पाया गया है कि जिन महिलाओं ने ज्यादा लहसुन खाया है, उनके शिशुओं ने ज्यादा देर तक स्तनपान किया है (6)। वहीं, अगर आपको लगे कि शिशु स्तनपान के दौरान उसके स्वाद से असहज हो रहा है, तो इसका कारण लहसुन हो सकता है। ऐसे में आप लहसुन का सेवन रोक सकती हैं।

काले तिल के बीज : काले तिल को भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद कर सकता है।

गाजर : ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में गाजर भी कमाल का फायदा कर सकती है। इसके लिए आप नाश्ते में या दोपहर में एक गिलास गाजर का जूस पी सकती हैं। गाजर में विटामिन-ए, एल्फा और बीटा-कैरोटीन होता है (7)।

जौ : जौ से न सिर्फ ब्रेस्ट मिल्क बढ़ने में मदद मिलती है, बल्कि यह आपको हाइड्रेट भी रखता है। आप चाहें तो पानी में जौ को उबालकर पी सकती हैं।

शतावरी : नई माताओं के लिए शतावरी काफी फायदेमंद मानी जाती है। इसमें फाइबर, विटामिन-ए और विटामिन-के होता है। यह ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में काफी मदद करती है (8)।

जीरा : जीरा भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। बस आप इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना है (9)।

पालक : हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में काफी मदद करता है। यह आप में दूध की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करने के साथ-साथ खून की कमी को भी पूरा करता है (10)।

ब्राउन राइस : एक रिसर्च के मुताबिक, स्तनपान कराने वाली महिलाओं में ब्राउन राइस दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

साल्मन : साल्मन में प्रचुर मात्रा में ईएफए (एसेंशियल फैटी एसिड) और ओमेगा-3 होता है, जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जरूरी होता है। आप साल्मन को अपने खानपान में शामिल कर सकती हैं।

गाय का दूध : ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए मां को गाय का दूध पीने की भी सलाह दी जाती है। ध्यान रहे कि गाय का दूध वही महिला पिएं, जिसे इससे एलर्जी न हो (11)।

स्तनपान के दौरान किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, इस बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
स्तनपान के दौरान न खाएं ये चीजें

सही खानपान की जरूरत जितनी गर्भावस्था के दौरान होती है, उतनी ही जरूरत स्तनपान के दौरान भी होती है। नीचे हम बताने जा रहे हैं कि स्तनपान के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए :

कॉफी – अगर आप कॉफी पीने की आदी हैं, तो स्तनपान के समय पर इसका सेवन न करें। कैफीन का सेवन करने से ब्रेस्ट मिल्क में आयरन का स्तर कम हो सकता है, जिससे बच्चे के हिमोग्लोबिन पर असर पड़ता है (12)।

खट्टे फल – स्तनपान कराने वाली मांओं को खट्टे फल जैसे संतरा, अंगूर, आम व अनानास जैसी चीजें खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे तत्व शिशु ग्रहण नहीं कर पाता है।

ब्रोकली – स्तनपानी कराने वाली मांओं को ब्रोकली का सेवन करने से बचना चाहिए। इसे खाने से बच्चे को भी गैस की समस्या हो सकती है।

हाई-मरकरी फिश – गर्भावस्था की तरह ही स्तनपान कराने वाली मांओं को उच्च पारे वाली मछली के सेवन से बचना चाहिए। इससे शिशु के मस्तिष्क विकास में बाधा पहुंच सकती है।

एल्कोहल – मां के एल्कोहल लेने से स्तनपान करने वाले शिशु को हानि पहुंच सकती है। हालांकि, कई स्टडी के मुताबिक अगर मां एक या दो बार बहुत कम मात्रा में एल्कोहल का सेवन करे तो बच्चे को नुकसान नहीं होता (13)। फिर भी हम सलाह देंगे कि स्तनपान कराने वाली महिला एल्कोहल का सेवन न करे।

मूंगफली – अगर आपके परिवार में किसी को भी मूंगफली से एलर्जी है, तो स्तनपान कराने वाली महिला को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे को भी एलर्जी हो सकती है (14)।

मसालेदार भोजन – मां का मसालेदार भोजन खाना शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मसालेदार भोजन दूध के जरिए शिशु को प्रभावित कर सकता है।

अंडे और शैलफिश – अगर परिवार में किसी को अंडे या शैलफिश से एलर्जी है, तो स्तनपान कराने वाली मांओं को इससे दूर रहना चाहिए। ऐसे में शिशु को भी एलर्जी हो सकती है (15)।

कॉर्न – बच्चों को कॉर्न से एलर्जी होना आम बात है। फिर चाहे वो इसके सीधे सेवन से हो या फिर स्तनपान से। इसलिए, स्तनपान कराने वाली मांओं को कॉर्न से भी दूर रहना चाहिए।

खानपान के बाद, आइए अब जानते हैं ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने की युक्तियां और कुछ प्राकृतिक उपाय।
ब्रेस्टमिल्क आपूर्ति बढ़ाने के तरीके और प्राकृतिक उपाय
ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराएं : आप ज्यादा से ज्यादा देर तक अपने शिशु को स्तनपान कराएं। जब आपका शिशु दूध पीता है, तो इससे स्तनों में और दूध बनता है। इसलिए, अपने नवजात शिशु को आप दिन में आठ से 10 बार स्तनपान कराएं।

दोनों स्तनों से स्तनपान कराएं : जब भी आप स्तनपान कराएं, तो बारी-बारी से दोनों स्तनों से स्तनपात कराएं। ऐसा करने से शरीर में दूध उत्पादन की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा, आपका बच्चा भी आराम से दूध पी सकेगा। कोशिश करें कि एक बार स्तनपान कराते समय दो से तीन बार दोनों तरफ से बच्चे को दूध पिलाएं।

तनाव से बचें : तनाव के कारण भी ब्रेस्ट मिल्क बनने में कठिनाई होती हैं। आपको बता दें कि तनाव के कारण दूध उत्पादन बढ़ाने वाले हार्मोन ऑक्सीटोसिन के उत्पादन में बाधा पहुंचती है।

एल्कोहल और निकोटीन से दूर रहें : जो महिलाएं ज्यादा मात्रा में एल्कोहल और निकोटीन का सेवन करती हैं, उनमें भी ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन में कमी हो सकती है। इसलिए, एल्कोहल का सेवन करने से बचें।

स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट : जब आपका बच्चा ब्रेस्टफीड कर रहा हो, तो उस समय उसके कपड़े हटाकर खुद से स्पर्श करें। ऐसा करने से शिशु को देर तक स्तनपान करने में मदद मिलेगी और ज्यादा देर स्तनपान करने से ज्यादा दूध निकलेगा (16)।

बच्चे के साथ समय बिताएं : आप जितनी देर अपने बच्चे के साथ समय बिताएंगी, बच्चे को उतनी बार स्तनपान करा सकेंगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मुझे पर्याप्त स्तनपान करने के लिए अधिक खाना चाहिए?

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पौष्टिक खानपान आपके दूध की आपूर्ति पर असर डालेगा। स्तनपान कराने वाली मां को प्रतिदिन 500 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होती है (17), लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको इसके लिए अधिक खाने की जरूरत होगी। बस इस बात का ध्यान रखें कि आप जो भी खाएं हेल्दी खाएं और शिशु के लिए फायदेमंद हो।

क्या स्तनों की मालिश से दूध के उत्पादन में मदद करती है?

नहीं, स्तनों पर मालिश करने से सिर्फ स्तनों के कठोर हुए भाग को नरम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, इससे ब्रेस्ट मिल्क बढ़ता नहीं है, लेकिन दूध का बाहर आना आसान हो जाता है।

बेशक, हर शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है, जो उसे पोषण देता है। ऐसे में जरूरी है कि मां के स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध बने, ताकि शिशु को इसकी कमी न होने पाए। इसलिए, ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए ऊपर बताए गए टिप्स काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके काम आएगा। ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए मॉमजंक्शन के अन्य आर्टिकल भी जरूर पढ़ें।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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