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जी हां, गर्भवती महिलाएं इमली खा सकती हैं। इसमें विटामिन ए और सी एवं कैल्शियम होता है और प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी शुगर भी पाए जाते हैं।
प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे – Benefits of Eating Imli During Pregnancy In Hindi
गर्भावस्था में इमली का सेवन करने से होने वाले फायदों के बारे में हम आगे वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर जानकारी दे रहे हैं। बस प्रेगनेंसी में इमली के फायदे जानने के बाद इसका सेवन अधिक मात्रा में करने न लगें। हर खाद्य पदार्थ का सेवन सीमित मात्रा में करने पर ही उसके लाभ मिलते हैं। चलिए, अब प्रेगनेंसी में इमली खाने के फायदे पढ़ते हैं।
1. मधुमेह से बचाव
प्रेगनेंसी में इमली का सेवन करने से डायबीटिज की परेशानी कम हो सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स में एंटीऑक्सीडेंट क्षमता होती है। इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाली समस्या कम हो सकती, जिसमें डायबिटीज भी शामिल है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी में इमली खाने से मधुमेह की शिकायत दूर हो सकती है (3)।
2. उच्च रक्तचाप की समस्या
गर्भावस्था के दौरान होने वाले उच्च रक्तचाप यानी जेस्टेशनल हाइपरटेंशन से बचाव में भी इमली मददगार साबित हो सकती है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च में भी कहा गया है कि हाई बीपी की समस्या को इमली कम कर सकती है (4)। साथ ही इसके बीज के अर्क में मौजूद पोलिफिनोलिक भी रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है (5)।
3. फोलेट युक्त
प्रेगनेंसी में फोलेट भी जरूरी है, जो इमली में भरपूर मात्रा में होता है (6)। रिसर्च के दौरान पाया गया है कि फोलेट और फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ को आहार में शामिल करने वाली गर्भवतियों के गर्भस्थ शिशु को तंत्रिका तंत्र से संबंधित दोष यानी न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का जोखिम कम होता है (7)। साथ ही यह पोषक तत्व गर्भवती को मिसकैरेज के खतरे, जन्म से पहले प्रसव और लो बर्थ वेट की परेशानी से बचा सकता है (8)।
4. विटामिन सी से भरपूर
विटामिन सी की पूर्ति व इसकी संतुलित मात्रा को बनाए रखने में भी इमली सहायक हो सकती है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इमली में मौजूद विटामिन सी गर्भावस्था के लिए अच्छा होता है (2)। एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक रिसर्च पेपर में भी गर्भावस्था में विटामिन सी के फायदों का जिक्र मिलता है। शोध के अनुसार, गर्भावस्था में विटामिन सी का सेवन करने करने से प्री-एक्लेमप्सिया (उच्च रक्तचाप) से बचाव हो सकता है (9)।
यही नहीं, शिशु के अंतर्गर्भाशयी विकास में आने वाली बाधा को दूर करने और मेटरनल एनीमिया के जोखिम को कम करने में भी मदद मिल सकती है (9)। एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, प्रसव से पहले व बाद में होने वाले जच्चा-बच्चा की मृत्यु से बचाव में भी विटामिन सी अहम भूमिका निभा सकता है (10)।
5. कब्ज के लिए
प्रेगनेंसी में कब्ज की शिकायत होना आम है (11)। इससे राहत पाने के लिए इमली का सेवन किया जा सकता है (12)। रिसर्च बताती हैं कि इसमें टाट्रिक और मैलिक एसिड के साथ ही पोटेशियम भी होता है, जो लैग्जेटिव प्रभाव दिखाते हैं। इससे मल निकासी में आसानी होती है, जिससे कब्ज की शिकायत दूर हो सकती है। (13)। साथ ही इमली में फाइबर की भी कुछ मात्रा होती है, जो कब्ज की परेशानी को कम कर सकता है (2)। इसी वजह से प्रेगनेंसी में गाजर खाने के फायदे में कब्ज को भी गिना जाता है।
6. एनीमिया
महिलाओं में गर्भावस्था के समय खून की कमी यानी एनीमिया होने का जोखिम बना रहता है। रिसर्च बताती हैं कि 32 से 62 प्रतिशत प्रगनेंसी एनीमिया से प्रभावित होती हैं (14)। इससे बचाव में इमली मदद कर सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर में आयरन को अवशोषित करता है। इससे आयरन की कमी के कारण होने वाले एनीमिया से बचाव हो सकता है। इसके लिए इमली को सीधे या इससे बने पेय पदार्थ को पी सकते हैं (1)।
अब हम बताएंगे कि इमली को किस तरह से प्रेगनेंसी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
गर्भावस्था में इमली को अपने आहार में कैसे शामिल करें
इमली को डाइट में कई तरीकों से शामिल किया जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं।
इमली का सेवन सीधे कर सकते हैं।
गर्भावस्था में इमली का आचार बनाकर खाया जा सकता है।
इमली की स्वादिष्ट चटनी बनाकर भी खा सकते हैं।
शरबत में इमली डालकर सेवन कर सकते हैं।
प्रेगनेंसी में इमली खाने के नुकसान – Side Effects of Eating Imli While Pregnant In Hindi
गर्भावस्था में इमली खाने के फायदे तो होते ही हैं, लेकिन इसकी अधिकता होने पर इमली के नुकसान भी हो सकते हैं। ये दुष्प्रभाव कुछ इस प्रकार हैं।
इमली में मौजूद टैनिन की वजह से पाचन की समस्या हो सकती है (6)।
एसिडिक नेचर के कारण दांंत की बाहरी परत खराब हो सकती है (6)।
इमली के सेवन के दौरान एस्पिरिन और आइबूप्रोफेन बिल्कुल न लें। इससे दवाओं का असर कम हो सकता है (6)।
गर्म खाद्यों में इमली का नाम शामिल है, जो शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है, जिससे भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है (15)।
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