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गर्भावस्था के दौरान सही पोजीशन में लेटना क्यों जरूरी है?
जिन गर्भवती महिलाओं को अपने बड़े पेट के साथ सोने में पहले से ही दिक्क्तें हो रही हैं, उन्हें एक पोजीशन में सोना ज्यादा कठिन लग सकता है। जब तक आपका बेबी बंप दिखना शुरू नहीं होता है तब तक आप अपनी पीठ के बल या करवट बदल कर सो सकती हैं पर बेबी बंप दिखना शुरू होते ही आप एक साइड पर सोना शुरू करें। यह जानना बहुत जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान थोड़ी देर के लिए पीठ के बल सोना हानिकारक नहीं है। हालांकि यदि आप बहुत देर तक इस तरह से सोती हैं तो इससे बच्चे तक खून पहुँचने में समस्या हो सकती है और इससे आपकी पीठ में दर्द हो सकता है, आपको बवासीर हो सकता है और आपको पाचन से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान एक साइड करवट करके सोना ही सबसे सही है। इस समय आपके लिए दाएं ओर या पीठ के बल सोने से ज्यादा अच्छा है कि आप बाएं ओर लेटें क्योंकि ऐसे लेटने से आपके गर्भाशय और गर्भ में पल रहे बच्चे तक खून पहुँचने में मदद मिलती है। इस पोजीशन में लेटने से आपकी किडनी का फंक्शन भी ठीक रहता है – अर्थात इससे सूजन व असुविधाएं कम होती हैं और अच्छी नींद आती है।
क्या गर्भवती महिला दाएं ओर लेट सकती है?
गर्भावस्था के 20वें सप्ताह में पहुँचने तक अधिक वजन बढ़ने से आपको सोने में बहुत ज्यादा कठिनाई हो सकती है। यदि आप सोचती हैं कि गर्भावस्था के दौरान दाहिने करवट पर सोने से समस्याएं हो सकती हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इस पोजीशन में सोने से आपकी इन्फीरियर वेना कावा (आई.वी.सी.) पर हल्का सा दबाव पड़ सकता है पर इससे कोई भी गंभीर समस्या नहीं होगी। आपके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान सीधे सोने से आईवीसी पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ सकता है।
गर्भवती महिलाओं को बाईं ओर लेटने के लिए इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि ऐसे सोने से आईवीसी पर कोई भी दबाव नहीं पड़ता है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर रहता है। कई स्टडीज के अनुसार भी दाएं तरफ सोने से ज्यादा अच्छा बाएं करवट से सोना या लेटना होता है। ऐसा माना गया है कि बाईं ओर करवट से सोने वाली गर्भवती महिलाओं में बच्चे तक खून न पहुँचने का खतरा कम होता है और दाहिने करवट से या पीठ के बल सीधे लेटने वाली महिलाओं की तुलना में दाएं तरफ लेटने वाली महिलाओं में मृत बच्चे का जन्म होने की संभावना कम होती है।
लेकिन जब कोई व्यक्ति जल्दबाजी में सोता है तो उसे तब तक इस बात का ध्यान नहीं होता है कि वह किस पोजीशन में सो रहा है जब तक कोई असुविधा न हो। गर्भवती महिलाएं भी सोते समय अपनी पोजीशन बदलकर दाहिने ओर सो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान सोते समय पोजीशन बदलने से क्या होगा?
यह संभव है कि गर्भावस्था के दौरान पेट बढ़ने की वजह से सोते समय यदि आपको असुविधा होती है तो आप पोजीशन बदल सकती हैं। यदि आप पोजीशन बदलती हैं और बाएं ओर सोने के बजाय दाहिने ओर सो भी जाती हैं तो इसमें चिंता की कोई भी बात नहीं है। आप दोबारा से बाईं ओर करवट करके सो जाएं और इससे आपको आराम मिलेगा। इस समय पीठ के बल सोने से आपकी आई.वी.सी. (वेन्स) पर दबाव पड़ सकता है। यदि आप सोते समय सीधे न लेटे तो इससे आपके शरीर में दबाव नहीं पड़ेगा। दाहिने ओर लेटने से बच्चे को कोई भी नुकसान नहीं होता है परंतु सीधे लेटने से आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को समस्याएं हो सकती हैं।
आप प्रेगनेंसी पिलो का उपयोग करके भी एक पोजीशन में सो सकती हैं इससे आप सोते समय कम हिलेंगी और आपको लेटने में सुविधा महसूस होगी।
यह बहुत जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान आप किसी भी प्रकार का स्ट्रेस या तनाव लेने से बचें। वैज्ञानिकों के अनुसार बाएं करवट में लेटने से गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि नहीं होती है इसलिए इस समय आप ज्यादातर बाएं करवट पर ही लेटने का प्रयास करें। हालांकि यदि कुछ देर के लिए पीठ के बल लेटने से आपको सुविधा महसूस होती है तो आप यह भी कर सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि यदि आपकी गर्भावस्था में खतरा है तो लेटने या सोने की बेस्ट पोजीशन जानने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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