क्या प्रेगनेंसी में मेथी भाजी खा सकते हैं?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:34

मेथी उन जड़ी-बूटियों में शामिल है, जिन्हें गर्भाशय उत्तेजक माना जाता है. इनका सेवन गर्भावस्था के अंतिम चरण में प्रसव यानी लेबर को प्रेरित करने के लिए किया जाता है. – प्रेगनेंसी में मेथी का अधिक मात्रा में सेवन करना गर्भवती के पाचन तंत्र पर असर कर सकता है.

क्या गर्भावस्था के दौरान मेथी का सेवन करना सुरक्षित है?

अगर गर्भावस्था के दौरान मेथी को संतुलित मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका उपयोग गर्भवती को पेट दर्द, पेट में ऐंठन, जकड़न, बुखार और तनाव जैसी कई समस्याओं से निजात दिला सकता है। साथ ही इसका उपयोग ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रही गर्भवती महिलाओं के लिए भी लाभदायक माना गया है, क्योंकि इसमें हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) गुण पाया जाता है (1)।


गर्भावस्था में कितनी मात्रा में मेथी के पत्ते व दाने खाना सुरक्षित है?

खाना पकाने में इस्तेमाल किए जाने वाले एक से दो चुटकी मेथी दाने अपने आप में पर्याप्त है। वहीं, अगर आप अलग से मेथी के दाने उपयोग कर रही हैं, तो दिन में 5 या 6 ग्राम से ज्यादा मेथी दानों का उपयोग न करें। मेथी के दाने को रात में पानी में भिगोकर रख दे। दूसरे दिन इसका सेवन करे। अब अगर बात करें मेथी के साग की, तो एक बार में एक कप कटे हुए मेथी के साग को खाने की सलाह दी जाती है। इसके बावजूद हम स्पष्ट कर दें कि गर्भावस्था में मेथी दाना और साग की मात्रा को लेकर कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।


गर्भावस्था में मेथी खाने का सबसे अच्छा समय कब है?

मेथी को गर्भावस्था के प्रथम चरण से लेकर अंतिम चरण तक कभी भी खाया जा सकता है (1)। वहीं, अगर आप इसके नियमित सेवन के बारे में सोच रही हैं, तो इसका इस्तेमाल शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

मेथी के पोषक तत्व

नीचे दिए गए चार्ट की मदद से आप मेथी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं (2)।

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम

पानी 8.84 g
एनर्जी 323 Kcal
प्रोटीन 23 g
टोटल लिपिड (फैट) 6.41 g
कार्बोहाइड्रेट 58.35 g
फाइबर (टोटल डाइटरी) 24.6 g

मिनरल
कैल्शियम 176 mg
आयरन 33.53 mg
मैग्नीशियम 191 mg
फास्फोरस 296 mg
पोटैशियम 770 mg
सोडियम 67 mg
जिंक 2.5 mg
कॉपर 1.11 mg
मैंगनीज 1.228 mg
सेलेनियम 6.3 µg

विटामिन
विटामिन सी 3 mg
थियामिन 0.322 mg
राइबोफ्लेविन 0.366 mg
नियासिन 1.64 mg
विटामिन बी-6 0.6 mg
फोलेट (डीएफई) 57 µg
विटामिन ए (आरएई) 3 µg
विटामिन ए (आईयू) 60 IU

लिपिड
फैटी एसिड (सैचुरेटेड) 1.46 g

पोषक तत्वों के बाद अब हम गर्भावस्था के दौरान मिलने वाले मेथी के फायदों के बारे में जानेंगे।

गर्भावस्था के दौरान मेथी के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Me Methi Khane Ke Fayde

मेथी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
1. गर्भावस्था के दौरान शुगर

अगर आप शुगर की समस्या से ग्रस्त हैं, तो गर्भावस्था के दौरान मेथी आपकी इस समस्या को दूर कर सकती है। दरअसल, मेथी में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (1)। इस कारण इसका सेवन इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर बढ़ी हुई शुगर की मात्रा को कम कर सकता है। इसके अलावा मेथी में फोलिक एसिड होता है जो भ्रूण के मानिसक विकास में मदद कर सकता है। इससे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट होने की संभावना भी कम हो सकती है।
2. स्तनपान में करे सुधार

जिन महिलाओं में दूध न बनने की शिकायत होती है, उनके लिए भी मेथी एक कमाल की औषधि साबित हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मेथी दूध उत्पादन के लिए जरूरी हार्मोन्स को बढ़ावा देती है। सिजेरियन डिलीवरी वाली महिलाओं या जिनको ट्विन्स हुए हो उनके लिए यह फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे गर्भवती महिला में दूध बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और स्तनपान में सुधार होता है, जो कि बच्चे की सेहत के लिए बहुत जरूरी माना गया है (3)।
3. प्रसव के समय को कम करे

मेथी के गुणों में से एक यह भी है कि यह गर्भाशय में संकुचन को बढ़ाकर प्रसव पीड़ा को प्रेरित करता है। साथ ही प्रसव के दौरान लगने वाले समय को भी कम कर सकता है। इससे महिलाओं को प्रसव प्रक्रिया के दौरान कम पीड़ा का सामना करना पड़ता है (3)।
4. स्तन वृद्धि में मददगार

कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण स्तनों की वृद्धि रुक जाती है या उनमें सूजन आ जाती है। इस कारण महिलाओं को काफी कष्ट का अनुभव होता है। इस समस्या में भी मेथी का उपयोग लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस संबंध में किए गए एक शोध के माध्यम से इस बात की पुष्टि की गई है कि स्तन ग्रंथियों के विकास में मेथी के सकारात्मक प्रभाव दिख सकते हैं (4)।

मेथी के स्वास्थ्य लाभ जानने के बाद अब हम इससे होने वाले कुछ नुकसान भी जान लेते हैं।
गर्भावस्था के दौरान मेथी खाने के साइड इफेक्ट

मेथी का अधिक मात्रा में सेवन कुछ दुष्परिणाम भी प्रदर्शित कर सकता है। आइए, कुछ बिंदुओं के माध्यम से इससे होने वाले नुकसान को समझने की कोशिश करते हैं-

मेथी का सेवन गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता है। इस कारण बच्चे के पूर्ण विकसित होने से पहले आपको इसके सेवन को लेकर सजग रहना चाहिए, नहीं तो गर्भपात होने की आशंका ज्यादा रहती है (5)।

मेथी का अधिक सेवन करने से होने वाले बच्चे में जन्म दोष, हाइड्रोसेफलस (एक मानसिक विकार), एनेंसेफेली (अविकसित दिमाग के साथ बच्चे का जन्म) और स्पाइना बिफिडा (जिसमें रीढ़ पूर्ण विकसित नहीं होती) जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं (6)।

इसकी अधिक मात्रा कुछ मामलों में एलर्जिक रिएक्शन भी पैदा कर सकती है, जैसे – सांस लेने में तकलीफ, छाती या गले में जकड़न, सीने में दर्द, त्वचा पर छाले, दाने, खुजली और त्वचा पर सूजन (7)।

गर्भावस्था के अंतिम चरम में इसका अधिक सेवन बदबूदार पसीने और मूत्र का कारण बन सकता है (8)।

मेथी प्राकृतिक रूप से एक एंटी-डिप्रेसेंट (अवसाद को कम करने वाला) की तरह काम करती है। इस कारण अगर आप ऐसे समय में डिप्रेशन कम करने वाली दावों का इस्तेमाल कर रही हैं, तो मेथी को उपयोग न करें। इससे मनोदशा में बदलाव (Mood Change), कंपकंपी और बेचैनी जैसी समस्याएं हो सकती हैं (9)।


मेथी को अपने आहार में कैसे शामिल करें

निम्न बिंदुओं के माध्यम से हम मेथी को आहार में शामिल करने के कुछ आसान तरीके जानेंगे –

मेथी दाना– आप मेथी दानों को सब्जी पकाते वक्त मसाले के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

मेथी का लड्डू– मेथी के दानों को पीसकर सूखे मेवे के साथ आप इसके लड्डू बनाकर भी उपयोग में ला सकती हैं।

मेथी का साग– आप मेथी के साग को पकाकर भी खाने के लिए इस्तेमाल में ला सकती हैं।

मेथी का पराठा– मेथी का साग पकाकर आप इसे पराठे में फिलिंग के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

मेथी की सब्जी– मेथी के साथ आप आलू और सोया साग मिलाकर इसकी सब्जी भी तैयार कर खाने के लिए इस्तेमाल में ला सकती हैं।

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