क्या भूख गर्भ में बच्चे को प्रभावित कर सकती है?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 09:49

प्रेगनेंसी में बार-बार भूख लगने की आदत से न हों परेशान, बहुत जरूरी है ये आदत

गर्भावस्‍था में बार-बार भूख लगना कोई परेशानी की बात नहीं है बल्कि इससे आपके बच्‍चे को ही पोषण मिल रहा है लेकिन अगर इसकी वजह से आपका वजन बढ़ रहा है तो आपको प्रेगनेंसी डायट की मदद से इसे कंट्रोल करना चाहिए, वरना डिलीवरी के दौरान और बाद में वजन घटाने में बहुत दिक्‍कत हो सकती है।


कभी कभी प्रेगनेंसी में पेट एक कुएं की तरह हो जाता है, आप कितना भी खा लें लेकिन पेट भरता ही नहीं है। प्रेगनेंसी में बार बार भूख लगती है और पेट जल्‍दी भरता भी नहीं है। अगर आपको भी प्रेगनेंट होने पर बार-बार भूख लग रही है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि ये सब नॉर्मल बात है।


प्रेगनेंसी में भूख ज्यादा क्यों लगती है
गर्भावस्‍था के दौरान आपके शरीर को दोगुने से भी ज्‍यादा काम करना पड़ता है। इस समय ब्‍लड वॉल्‍यूम भी डबल हो जाता है और गर्भाशय का साइज भी बढ़ने लगता है। शिशु के विकास के लिए और शरीर में आए बदलावों एवं शरीर को एनर्जी देने के लिए प्रेगनेंट महिला को अधिक कैलोरी की जरूरत होती है जिससे नैचुरली ही भूख बढ़ जाती है।


हार्मोंस में बदलाव की वजह से भी भूख कम या ज्‍यादा लग सकती है। एक रिसर्च के मुताबिक, एस्‍ट्रोजन और प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन में उतार चढ़ाव के कारण भूख बढ़ सकती है।
अनुष्‍का‐करीना की तरह प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में कितने घंटे की नींद लेना है जरूरी


कई महिलाओं को इन तीन महीनों में ज्‍यादा अच्‍छी नींद आती है क्‍योंकि इस समय न तो मॉर्निंग सिकनेस होती है और न ही बेबी बंप इतना बड़ा होता है कि सोने में दिक्‍कत हो।

गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही में आपको बहुत ज्‍यादा थकान महसूस हो सकती है इसलिए दूसरी तिमाही में जितना हो सके आराम करने की कोशिश करें और अपनी एनर्जी को आने वाले महीनों के लिए स्‍टोर कर के रखें।
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आमतौर पर सेकंड ट्राइमेस्‍टर में महिलाओं को लगभग 7.5 घंटे की नींद रोज रात को लेनी ही चाहिए। आपको इस समय को समझदारी से इस्‍तेमाल करना है। आने वाले आखिरी तीन महीने बहुत मुश्किल होंगे इसलिए इस समय अपनी एनर्जी को बचाएं और पर्याप्‍त नींद लें।

विज्ञान में इस बात को साबित किया गया है कि शरीर के सभी महत्‍वपूर्ण कार्यों के लिए नींद बहुत जरूरी है। इससे एनर्जी स्‍टोर होती है और दिमाग को नई जानकारी को प्रोसेस करने का समय मिल जाता है।

पर्याप्‍त नींद के बिना आप स्‍पष्‍ट सोच नहीं सकते, तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दे सकते, फोकस नहीं कर सकते हैं और अपनी भावनाओं को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। बहुत ज्‍यादा नींद की कमी के कारण कोई गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या हो सकती है।


एक पुराने अध्‍ययन में पाया गया था कि जो महिलाएं प्रेगनेंसी के आखिरी महीनों में रात में छह घंटे से कम नींद लेती थीं, उनका लेबर ज्‍यादा देर तक चला और इनमें सिजेरियन डिलीवरी का खतरा 4.5 गुना ज्‍यादा था। इसके अलावा जिन महिलाओं की नींद बार-बार टूटती थी, उनका लेबर कई घंटों तक चला और उनमें सिजेरियन ऑपरेशन की संभावना 5.2 थी।
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योग, मेडिटेशन की मदद से आप अनिद्रा से छुटकारा पा सकती हैं। वहीं, प्रेगनेंसी से संबंधी स्‍लीप स्थितियों को ठीक तरह से नियंत्रित करके भी अच्‍छी नींद ली जा सकती है। इसके लिए आपको एक ऐसी पोजीशन में सोना है जो आपके और आपके बच्‍चे दोनों के लिए ठीक हो।


गर्भावस्‍था के इस चरण से लेकर आखिरी महीनों तक बाईं करवट लेकर सोना सबसे सही माना जाता है क्‍योंकि इससे भ्रूण और किडनी तक रक्‍त प्रवाह ठीक तरह से होता है। हालांकि, आपको दूसरी तिमाही शुरू होते ही इस पोजीशन में सोने की जरूरत नहीं है लेकिन आप बाईं करवट सोने की आदत जरूर अभी से शुरू कर सकती हैं।


गर्भावस्‍था में कब शुरू होती है ज्‍यादा भूख लगना
आमतौर पर गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही में भूख लगना शुरू होता है लेकिन कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी की पहली तिमाही शुरू होते ही अधिक भूख लगने की शिकायत हो सकती है। दूसरी तिमाही तक मॉर्निंग सिकनेस ठीक हो जाती है इसलिए इस समय महिलाओं का ध्‍यान खाने पर ज्‍यादा रहता है और पहली तिमाही में घटा वजन भी दूसरी तिमाही में बढ़ सकता है।


हर वक्‍त क्‍यों लगती है भूख
गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही में भूख बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है कि इस समय शिशु का सबसे ज्‍यादा विकास होता है और उसे अभी विकास के लिए पोषण की जरूरत होती है। शिशु को यह पोषण मां के आहार से ही मिलता है। इसके अलावा शरीर में हाई ब्‍लड लेवल को नियंत्रित करने के लिए शरीर अधिक कैलोरी की मांग करता है।
गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही के दौरान और दूसरी तिमाही के अंत में ब्रेस्‍ट में दूध बनने की वजह से अधिक भूख लग सकती है।


गर्भावस्‍था के इस चरण से लेकर आखिरी महीनों तक बाईं करवट लेकर सोना सबसे सही माना जाता है क्‍योंकि इससे भ्रूण और किडनी तक रक्‍त प्रवाह ठीक तरह से होता है। हालांकि, आपको दूसरी तिमाही शुरू होते ही इस पोजीशन में सोने की जरूरत नहीं है लेकिन आप बाईं करवट सोने की आदत जरूर अभी से शुरू कर सकती हैं।



प्रेगनेंसी में भूख ज्‍यादा लगने पर क्‍या करें
यदि आप बार-बार लगने वाली आदत से परेशान हो रही हैं तो कुछ आसान तरीकों से इसे कंट्रोल कर सकती हैं।

खूब पानी पिएं : आपको दिन में 7 से 10 गिलास पानी जरूर पीना है। सोडा और कैफीन वाली ड्रिंक न पिएं।
कैलोरी पर नजर : कई महिलाओं को पहली तिमाही में अधिक कैलोरी की जरूरत नहीं होती है। दूसरी तिमाही में ही महिलाओं को रोजाना 350 से ज्‍यादा कैलोरी की जरूरत होती है। वहीं, तीसरी तिमाही में यह 500 तक बढ़ जाती है। आपको एक गर्भस्‍थ शिशु के लिए दिन में लगभग 300 कैलोरी की जरूरत होती है।
स्‍नैक्‍स रखें : अपने साथ हेल्‍दी स्‍नैक्‍स रखें, इससे आपकी भूख भी शांत होगी और वजन भी नहीं बढ़ेगा। आप सूखे मेवों या सूरजमुखी के बीज खा सकती हैं।

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