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क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मूंगफली का सेवन करना सुरक्षित है? जानें इसके फायदे और नुकसान
क्या नई मां, जो शिशु को ब्रेस्टफीड करा रही हैं, उन्हें मूंगफली नहीं खानी चाहिए? क्या स्तनपान कराने के दौरान मूंगफली खाने के कुछ नुकसान होते हैं?
मूंगफली यानी पीनट प्रोटीन और विटामिन्स का एक अच्छा स्रोत मानी जाती है। कुछ लोग मानते हैं कि दूध पिलाने वाली माताओं को मूंगफली नहीं खानी चाहिए क्योंकि इससे दूध कम बनता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? अगर मां को मूंगफली से एलर्जी है तो बच्चे को भी ऐसी एलर्जी होने का रिस्क बढ़ सकता है। लेकिन अगर मां को मूंगफली खाने से किसी तरह की दिक्कत नहीं है तो इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जा सकता है। आइए जानते हैं ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मूंगफली खाना कितना सुरक्षित है या इसके क्या फायदे-नुकसान हो सकते हैं।
क्या ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान मूंगफली का सेवन सुरक्षित है?
जिन महिलाओं को नट एलर्जी नहीं है वह इस का सेवन आराम से कर सकती हैं हालांकि मात्रा का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। किसी-किसी केस में यह भी देखने को मिला है कि जब मां मूंगफली का सेवन करती है तो बच्चा सेंसिटिव हो सकता है और उसे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर इनका सेवन करने से बच्चे में चिड़चिड़ापन, रैशेज, स्किन पर खुजली जैसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं तो इसका सेवन करना तुरंत बंद कर देना चाहिए। अगर दूध पिलाने के बाद बच्चे का नाक बंद और डायरिया जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएं। अगर ये सारे लक्षण नहीं दिखते हैं तो आराम से मूंगफली का सेवन कर सकती है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मूंगफली के सेवन से मिल सकते हैं ये फायदे
मूंगफली प्रोटीन का एक बहुत अच्छा स्रोत होता है। अन्य प्रोटीन के स्रोत के मुकाबले इसमें एक अच्छी बात है कि इसको कच्चे रूप में भी खाया जा सकता है और यह खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं।
मूंगफली में कैलोरीज़ और हेल्दी फैट ज्यादा पाया जाता है। नई मां को ब्रेस्टफीडिंग के समय इन दोनों की ही बहुत जरूरत होती है। इसलिए इसे खाने से ब्रेस्ट फीडिंग के समय कमजोरी महसूस नहीं होती है, लेकिन मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
पीनट बटर का भी सेवन किया जा सकता है और इसमें हेल्दी फैट, एनर्जी, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं जो इस स्टेज में काफी जरूरी होते हैं।
नियासिन जैसे मिनरल्स का भी मूंगफली एक अच्छा स्रोत हैं।
यह अनसैचुरेटेड फैट्स का एक अच्छा स्रोत होता है।
यह दिल की सेहत के लिए और पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं।
मूंगफली का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल में भी बैलेंस लाया जा सकता है।
इनमें विटामिन ई होता है और सेल हेल्थ और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यह विटामिन काफी जरूरी होता है।
इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी काफी कम पाई जाती है।
यह फोलेट का एक अच्छा स्रोत है जो बच्चे के विकास में लाभदायक रहता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मूंगफली खाने के संभावित नुकसान
आमतौर पर मां को समस्या नहीं है, तो शिशु को भी मूंगफली खाने के बाद ब्रेस्टफीड कराने से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन कई बार कुछ बच्चों को बचपन से ही पीनट एलर्जी हो सकती है। ऐसे में अगर बच्चे को कोई परेशानी हो रही है तो आपको मूंगफली का सेवन बंद करके देखना चाहिए। समस्या के बने रहने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। इसके अलावा मां को ज्यादा मात्रा में मूंगफली नहीं खाने चाहिए। अगर आपको मूंगफली खाना बहुत पसंद है, तो आप चाहें तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें।
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