क्या मैं 2 महीने के बच्चे को भाप दे सकती हूं?pregnancytips.in

Posted on Mon 17th Oct 2022 : 15:09

नवजात शिशु को भाप किस तरह दिया जाये?

शिशु अपने जीवन के पहले दो साल में करीब आठ से दस बार सर्दी और जुकाम का शिकार होता है। इसमें सबसे ज्यादा शिशु बंद नाक के कारण परेशान होता है। नवजात शिशु को भाप देने से उसका नाक खुल जाता है और उसे साँस लेने में आसानी होती है।

मगर
नवजात शिशु को भाप दिलाना खतरनाक हो सकता है। उसकी त्वचा बहुत नाजुक होती है और जल सकती है। इसीलिए नवजात शिशु को भाप बड़े बच्चों की तरह नहीं दिया जा सकता है।
नवजोत शिशु को सुरक्षित तरीके से भाप दिलाने के तरीके

नवजात शिशु को कभी भी कटोरे में गरम पानी कर के भाप न दिलाएं - यह बहुत खतरनाक है। नवजात शिशु को भाप दिलाने के और भी बेहतर तरीके मौजूद हैं।
पहला तरीका - कमरे में ह्यूमिडिफायर (Humidifier) का इस्तेमाल कीजिये

नवजात शिशु को भाप देने के लिए ह्यूमिडिफायर (Humidifier) का इस्तेमाल करना सबसे सुरक्षित रहता है। इससे शिशु को गरम भाप का सामना नहीं करना पड़ता है। ह्यूमिडिफायर (Humidifier) से मिलने वाली भाप से उसके छाती में जमी बलगम भी समाप्त हो जाती है, कफ (mucus) के ढीले होने से श्वसन तंत्र खुल जाता है (respiratory system clears up), शिशु आरामदायक नींद सो पाता है, और उसकी सर्दी और जुकाम जल्द ठीक हो जाती है।

बच्चों के लिए ह्यूमिडिफायर (Humidifier) इस्तेमाल करने का तरीका

ह्यूमिडिफायर (Humidifier) को शिशु के कमरे में ऐसी जगह पे रखिये की जहाँ पे छोटे बच्चे नहीं पहुँच सके। ह्यूमिडिफायर (Humidifier) के इस्तेमाल से शिशु के कमरे में नमी का स्तर बढ़ जाता है। ठण्ड के दिनों में कमरों के अंदर नमी का स्तर बहुत घाट जाता है - इससे बच्चे को सर्दी और जुकाम में सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है, उसे बार-बार खांसी आती है और बंद नाक का भी सामना करना पड़ता है।
दूसरा तरीका - स्नान घर (bathroom) को कुछ समय के लिए भाप घर बना दीजिये

अगर आप के घर के स्नान घर (bathroom) में नल से गरम पानी आने की सुविधा है तो जब शिशु को भाप देना हो तो स्नान घर (bathroom) में कुछ देर के लिए गरम पानी चला के छोड़ दीजिये। आप इसके लिए चाहें तो शावर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। जब स्नान घर (bathroom) भाप से भर जाये तो अपने नवजात बच्चे को गोद में लेके पंद्रह मिनट के लिए स्नान घर (bathroom) में बैठ जाएँ। ध्यान रहें:

आप और आप के बच्चे पे पानी के छींटे न
अपने स्मार्ट फ़ोन पे बच्चे को कुछ गाने दिखा दें ताकि बच्चे का मन लगा रहे
आप अपने बच्चे को कुछ कहानियां भी सुना सकती हैं।
अगर जरुरत महसूस हो तो आप अपने बच्चे को कुछ देर के लिए और स्नान घर (bathroom) में रख सकती हैं।
बच्चे को पर्याप्त गरम कपडे पहनाये ताकि शिशु को ठण्ड न लगे।
आप चाहें तो बच्चे को गोद में लिए-लिए उसे हलके हातों से मसाज भी दे सकती हैं।

स्नान घर (bathroom) में बिताये गए समय में शिशु कमरे में मौजूद भाप साँस के दुवारा अंदर लेते है। इससे उसे सर्दी और जुकाम में भाप के सारे फायदे मिलते हैं।

तीसरा तरीका - वेपोराइजर (Vaporizer) के इस्तेमाल के दुवारा

नवजात शिशु को भाप देने के लिए आप वेपोराइजर (Vaporizer) का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह भी एक बेहतर तरीका है शिशु के छाती में जमी बलगम को दूर करने का। बिस्तर पे जब आप का शिशु आराम से सो रहा हो तो उसके निकट (मगर एक फुट की दुरी पे) वेपोराइजर (Vaporizer) का इस्तेमाल कीजिये। वेपोराइजर (Vaporizer) का इस्तेमाल करते वक्त हर समय शिशु के निकट ही रहिये ताकि शिशु और वेपोराइजर (Vaporizer) हर वक्त सुरक्षित दुरी पे बने रहें। अब आप कम्बल को इस तरह ओढ़ लें ताकि कम्बल के अंदर आप, आप का शिशु और वेपोराइजर (Vaporizer) हों। इससे वेपोराइजर (Vaporizer) से निकलने वाली भाप कम्बल के अंदर ही रह जाएगी। करीब 45 minutes तक समय बिताने से शिशु का बहुत आराम पहुँचता है।

किन स्थितियों में डॉक्टर से मिला चाहिए

आप हमेशा इस बात का ध्यान रखें की बच्चों की रोग प्रतिरोधक तंत्र (immune system) अभी इतनी विकसित नहीं हुई है की बच्चे को हर प्रकार के सर्दी और जुकाम से तुरंत राहत पहुंचा सके। लेकिन फिर भी बच्चों का शरीर इतना सक्षम जरूर होता है की वो 10-14 दिनों में बिना किसी दवा के खुद ही सर्दी और जुकाम का सामना कर सके और ठीक हो सके।

किन स्थितियों में डॉक्टर से मिला चाहिए

तीन महीने से छोटे शिशु को अगर सर्दी और जुकाम लगे तो आप को डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। नवजात शिशु में साधारण सी सर्दी और जुकाम भी निमोनिया का रूप आसानी से ले सकती है - या कोई अन्य गंभीर रूप ले सकती है। तीन महीने से छोटे बच्चों के लिए बहुत सावधानी बरतने की आवशकता है।

तीन महीने से बड़े बच्चे अगर सर्दी और जुकाम के शिकार हों तो डॉक्टर को बताएं

अगर शिशु का तापमान 38°C (102°F) या इससे ज्यादा हो जाये तो।
अगर शिशु में किसी भी कारण से dehydration हो रहा है।
शिशु के कान में दर्द है।
उसकी आंखें लाल हैं
बच्चा बहुत बुरी तरह खांस रहा है।
बच्चे को साँस लेने में कठिनाई हो रही है।
नाक से हरे रंग का नेता (कफ - mucus) निकल रहा हो तो
बच्चा स्तनपान करने से मना कर दे रहा है।
बच्चे के थूक में लालीपन है।

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