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गर्भावस्था की पहली तिमाही में खासतौर पर मॉर्निंग सिकनेस, मतली और उल्टी की परेशानी होती है। इन परेशानियों को दूर या कम करने के लिए अक्सर नींबू या नींबू पानी लेने की सलाह दी जाती है जो कि काफी असरदार भी है। लेकिन प्रेगनेंसी में नींबू पानी लेने से पहले आपको ये जान लेना चाहिए कि गर्भवती महिलाओं के लिए नींबू पानी कितना सुरक्षित होता है।
नींबू का जूस पीने से ताजा महसूस होता है। इसको पीने से पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। गर्भावस्था में महिलाओं को अक्सर मतली और मॉर्निंग सिकनेस की परेशानी होती है जो नींबू के रस से दूर की जा सकती है। नींबू में कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6, नियासिन, फोलेट, विटामिन सी और राइबोफ्लेविन जैसे खनिज पदार्थ और विटामिन उच्च मात्रा में होते हैं। इसमे सभी पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं इसलिए इसको गर्भावस्था में पीने की सलाह दी जाती है।
जानिए प्रेगनेंसी में अचार खाने के फायदे
ऐसा जरूरी नहीं है कि महिलाओं को हर बार प्रेगनेंसी पर एक ही तरह की फूड क्रेविंग हो। जहां सेकंड प्रेगनेंसी में करीना का चटपटा और मसालेदार मिर्च का अचार खाने का मन कर रहा है, वहीं तैमूर के टाइम पर करीना की क्रेविंग इस बार से बिलकुल अलग थी। पहली प्रेगनेंसी के बारे में करीना ने कहा था कि उन्हें करेला खाने का मन सबसे ज्यादा करता था।
गर्भावस्था में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में उतार-चढ़ाव का असर सूंघने और स्वाद की क्षमता पर पड़ता है। इस वजह से महिलाओं को गर्भवती होने पर चीजों का स्वाद अलग आता है या उनका फूड टेस्ट बदल जाता है।
कुछ फूड्स जैसे कि अचार उनके स्वाद की बढ़ चुकी क्षमता को शांत कर सकता है। शायद इसीलिए गर्भवती महिलाओं का अचार खाने का मन करता है।
कई बार प्रेगनेंसी में भावनात्मक तनाव के कारण भी महिलाओं को अचार जैसी खट्टी चीजें खाने का मन कर सकता है।
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आप कुछ मात्रा में अचार खा सकती हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप अपनी प्रेगनेंसी डायट में रोज इसे न लें। गर्भावस्था में अधिक अचार की वजह से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए जब भी अचार खाने का मन तो इसमें कुछ मॉडरेशन करके खाएं।
प्रेगनेंसी में अचार खाने के कई फायदे हो सकते हैं जिनमें से कुछ के बारे में नीचे बताया गया है :
शरीर के लिए सोडियम और पोटैशियम जैसे खनिज पदार्थ जरूरी होते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के विकास की जरूरतों की पूर्ति के लिए अधिक मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स की जरूरत होती है। थोड़ी मात्रा में अचार खाकर आप इसकी पूर्ति कर सकती हैं क्योंकि अचार में सोडियम और पोटैशियम होता है।अचार पाचन में सुधार लाने में मदद करते हैं। इनमें हेल्दी बैक्टीरिया हो सकता है जो पाचन तंत्र की समस्याओं को दूर रख सकता है।सब्जियों के ताजे अचार जैसे कि आंवला में विटामिन ए, सी और के एवं कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम जैसे खनिज पदार्थ होते हैं। ये विटामिन और खनिज पदार्थ इम्यून सिस्टम को मजबूत करके प्रेगनेंसी में बीमारियों की चपेट में आने के खतरे को कम करते हैं।
नींबू के रस के पोषण तत्व
एक कप नींबू के रस में लगभग 0.7 ग्राम डायट्री फाइबर, 6.2 ग्राम शुगर, 0.9 ग्राम प्रोटीन, 54 कैलोरी, 16 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 0.6 ग्राम फैट होता है। यह विटामिन सी, फोलेट और पोटेशियम का उत्तम स्रोत है। यह सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में जरूरी होते है।
नींबू के रस में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, थायमिन, फास्फोरस, राइबोफ्लेविन और पैण्टोथेनिक एसिड जैसे खनिज पदार्थ होते हैं। इसमें विटामिन ए, बी 6 और ई भी मौजूद होता है।
प्रेगनेंसी में नींबू पानी कितना सुरक्षित है
इस समय महिलाओं को अपना विशेष रूप से ध्यान रखने को कहा जाता है। नींबू का रस पीना वैसे तो सेहतमंद होता है और इसे आप दिन में कई बार पी सकती हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा न पिएं। नींबू पानी में मौजूद पोषक तत्व गर्भावस्था में जरूरी होते हैं । नींबू के रस में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, थायमिन, फास्फोरस, राइबोफ्लेविन और पैण्टोथेनिक एसिड जैसे खनिज पदार्थ होते हैं। इसमें विटामिन ए, बी 6 और ई भी मौजूद होता है।
जानिए प्रेगनेंसी में अचार खाने के फायदे
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आपको बता दें कि करीना कपूर का छठा महीना चल रहा है और वो अपनी प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में हैं। आमतौर पर प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही यानी पांचवे महीने से ही प्रेगनेंसी क्रेविंग शुरू होती है।
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ऐसा जरूरी नहीं है कि महिलाओं को हर बार प्रेगनेंसी पर एक ही तरह की फूड क्रेविंग हो। जहां सेकंड प्रेगनेंसी में करीना का चटपटा और मसालेदार मिर्च का अचार खाने का मन कर रहा है, वहीं तैमूर के टाइम पर करीना की क्रेविंग इस बार से बिलकुल अलग थी। पहली प्रेगनेंसी के बारे में करीना ने कहा था कि उन्हें करेला खाने का मन सबसे ज्यादा करता था।
गर्भावस्था में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में उतार-चढ़ाव का असर सूंघने और स्वाद की क्षमता पर पड़ता है। इस वजह से महिलाओं को गर्भवती होने पर चीजों का स्वाद अलग आता है या उनका फूड टेस्ट बदल जाता है।
कुछ फूड्स जैसे कि अचार उनके स्वाद की बढ़ चुकी क्षमता को शांत कर सकता है। शायद इसीलिए गर्भवती महिलाओं का अचार खाने का मन करता है।
कई बार प्रेगनेंसी में भावनात्मक तनाव के कारण भी महिलाओं को अचार जैसी खट्टी चीजें खाने का मन कर सकता है।
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आप कुछ मात्रा में अचार खा सकती हैं, लेकिन बेहतर होगा कि आप अपनी प्रेगनेंसी डायट में रोज इसे न लें। गर्भावस्था में अधिक अचार की वजह से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए जब भी अचार खाने का मन तो इसमें कुछ मॉडरेशन करके खाएं।
प्रेगनेंसी में अचार खाने के कई फायदे हो सकते हैं जिनमें से कुछ के बारे में नीचे बताया गया है :
शरीर के लिए सोडियम और पोटैशियम जैसे खनिज पदार्थ जरूरी होते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के विकास की जरूरतों की पूर्ति के लिए अधिक मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स की जरूरत होती है। थोड़ी मात्रा में अचार खाकर आप इसकी पूर्ति कर सकती हैं क्योंकि अचार में सोडियम और पोटैशियम होता है।अचार पाचन में सुधार लाने में मदद करते हैं। इनमें हेल्दी बैक्टीरिया हो सकता है जो पाचन तंत्र की समस्याओं को दूर रख सकता है।सब्जियों के ताजे अचार जैसे कि आंवला में विटामिन ए, सी और के एवं कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम जैसे खनिज पदार्थ होते हैं। ये विटामिन और खनिज पदार्थ इम्यून सिस्टम को मजबूत करके प्रेगनेंसी में बीमारियों की चपेट में आने के खतरे को कम करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान नींबू के रस के फायदे
गर्भावस्था में अगर आप उचित मात्रा में नींबू के रस का सेवन करती हैं तो इससे आपको कई फायदे मिल सकते हैं, जैसे कि :
मॉर्निंग सिकनेस को दूर करता है : गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं को अक्सर जी मतली होती है। नींबू के रस का सेवन करने से इससे राहत मिल सकती है। यह पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल : नींबू के रस में कई तरह के विटामिन प्रचुरता में होते हैं जो शरीर में बेहतर रक्त प्रवाह में मदद करते हैं। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर सही रहता है।
कब्ज से राहत : गर्भावस्था में कब्ज जैसी परेशानी महिलाओं में अक्सर होती है, इसलिए रोज सुबह खाली पेट एक गिलास नींबू पानी पीने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।
अपच से आराम : नींबू का पानी पीने से अपच को भी ठीक किया जा सकता है। नींबू विटामिन सी का अच्छा स्रोत है। इसे पीने से फ्लू, सर्दी बुखार या अन्य संक्रमणों से बचा जा सकता है। वायरस और बैक्टीरिया से भी बचाव होता है।
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