क्या मैं नवजात के चेहरे पर साबुन लगा सकती हूं?pregnancytips.in

Posted on Tue 18th Oct 2022 : 11:33

क्या शिशु को नहलाते समय साबुन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?
नीले रंग के टब मे नहाता हुआ शिशु

शिशु को बिना साबुन लगाए केवल पानी से नहलाना, उसकी नाजुक त्वचा को साफ रखने का सबसे सौम्य तरीका लग सकता है, खासकर जब शिशु बहुत छोटा हो। लेकिन, शिशु को नहलाने के लिए आपको केवल सादे पानी का इस्तेमाल काफी है या नहीं, यह कुछ बातों पर निर्भर करता है।

जब बात आपके बच्चे के जननांग और नितंबों की सफाई की आती है, तो इसके लिए केवल पानी पर्याप्त नहीं है। वयस्क मल की तुलना में शिशु के मल में वसा का प्रतिशत ज्यादा होता है। शिशु की त्वचा से चिपकी हुई चिकनाई हटाने और उसे नैपी रैश से बचाने के लिए आपको सौम्य क्लींजर या बेबी वाइप्स से उसकी त्वचा साफ करनी होगी। इसके बाद में पानी से धोकर क्लींजर हटा दें।

यदि आप शिशु को नहलाने से पहले उसकी तेल मालिश करती हैं, तो केवल सादा पानी त्वचा से तेल की परत नहीं हटा सकता। त्वचा पर तेल के अवशेष हटाने के लिए आपको साबुन या क्लींजर की आवश्यकता होगी।

यदि आपके परिवार में एक्जिमा (छाजन) का इतिहास रहा है या फिर आपके शिशु की त्वचा रुखी है, तो इन बातों पर भी आपको ध्यान देना होगा। साथ ही, इस बात का भी फर्क पड़ता है कि आपके क्षेत्र में मृदु जल (सॉफ्ट वॉटर) आता है या कठोर जल (हार्ड वाटर)।

जन्म के कुछ हफ्तों में आपके शिशु की त्वचा की सतह न्यूट्रल पीएच से अम्लीय (एसिड) पीएच में बदल जाती है। त्वचा की सतह पर मौजूद इस अम्लीय परत को अंग्रेजी में 'एसिड मेंटल' कहा जाता है। यह शिशु की त्वचा में सुरक्षात्मक परत (बैरियर) के तौर पर काम करता है। यदि आपके क्षेत्र में मृदु जल आता है, तो शिशु को केवल पानी से नहलाना काफी है, क्योंकि पानी में भी अम्लीय पीएच होता है।

कठोर जल में एल्कलाइन पीएच होता है। ऐसे में बच्चे को केवल पानी से नहलाने से उसकी त्वचा के एसिड मेंटल पर असर पड़ता है और त्वचा शुष्क हो जाती है। मृदु जल वाले क्षेत्रों की तुलना में कठोर जल वाले क्षेत्रों में शिशुओं में एक्जिमा की दर ज्यादा मानी जाती है। विशेष रूप से शिशुओं के लिए तैयार बेबी क्लींजर बच्चे की त्वचा के प्राकृतिक रासायनिक संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

आपके क्षेत्र में मृदु जल आता है या कठोर जल, यह जानने के लिए देखें कि साबुन में आसानी से झाग बनता है या नहीं। यदि थोड़े से साबुन के इस्तेमाल से बहुत सारा झाग बन जाता है तो आपके क्षेत्र का पानी सॉफ्ट है। यदि पानी कठोर हो तो आपको झाग बनाने के लिए बहुत ज्यादा साबुन का इस्तेमाल करना होगा। कठोर जल जब सूखता है ​तो धुले हुए शीशे, बाथरूम की टाइल्स या शावर के पर्दे पर निशान छोड़ जाता है।

यदि शिशु की त्वचा शुष्क लगे, तो आप पानी में अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए बाथ एमोलिएंट को मिला सकती हैं। एमोलिएंट त्वचा को नरम व मुलायम बनाते हैं और त्वचा को पानी अवशोषित रखने में मदद करते हैं। वे सूखी त्वचा को मॉइस्चराइज करते हैं, पपड़ी कम निकलती है, त्वचा की दरारें नरम होती हैं और खुजलाहट को कम करते हैं।

आप नहलाने के बाद शिशु को बेबी मॉइस्चराइजिंग लोशन या मालिश का तेल लगा सकती हैं। मगर ध्यान रखें कि सभी तरह के तेल शिशु की नाजुक त्वचा के लिए उचित नहीं होते। आप ऐसा तेल चुनें जो अच्छी तरह अवशोषित हो जाए और त्वचा की प्राकृतिक सुरक्षा परत को हटाने की बजाय इसकी रक्षा करे। आपके बच्चे के लिए मालिश का कौन सा तेल उचित है इसके बारे में अधिक जानने के लिए मालिश के तेलों के बारे में हमारा लेख पढ़ें।

यहां आपके बच्चे की त्वचा की सुरक्षा के लिए कुछ अन्य उपाय दिए गए हैं:

हमेशा उन उत्पादों का इस्तेमाल करें जो विशेष रूप से शिशुओं के लिए बनाए गए हैं। शिशुओं की त्वचा वयस्कों की त्वचा की तुलना में बहुत ज्यादा नाजुक होती है, इसलिए इसकी विशेष देखभाल की जरुरत होती है। विशेषतौर पर शिशुओं के लिए आने वाले साबुन, क्लींजर, शैंपू या लोशन साधारण स्किन केयर उत्पादों की तुलना में काफी सौम्य होते हैं। यदि आपके शिशु की त्वचा शुष्क है, तो एल्कोहॉल या सुगंध वाले उत्पाद या बेबी वाइप्स इस्तेमाल न करें।
हालांकि बच्चे को रोजाना नहलाना एक आम प्रथा है, मगर आप चाहें तो शिशु को कम बार नहला सकती हैं। नवजात शिशु ज्यादा गंदे नहीं होते हैं क्योंकि वे लेटे ही रहते हैं और बहुत ज्यादा हिलते-डुलते नहीं हैं। जिस दिन आप उसे नहलाएं ना या मालिश न करें, उस दिन आप उसे स्पंज स्नान करा सकती हैं। बहरहाल, हर बार डायपर बदलते समय आपको उसके नैपी क्षेत्र को साफ करना होगा। जब भी शिशु मुंह से दूध निकाले तो आपको उसकी गर्दन की त्वचा की सिलवटों को भी साफ करना होगा।
अगर आप शिशु की तेल मालिश करती हैं या मौसम गर्म हो तो शायद आप उसे रोजाना नहलाना चाहेंगी। ऐसे में उसे कम समय के लिए नहलाएं। त्वचा शुष्क होने से बचाने के लिए शिशु को करीब पांच से 10 मिनट का स्नान करवाना ही काफी है।
हमेशा बच्चे की त्वचा के छोटे हिस्से पर उत्पाद का परीक्षण करके देखें कि क्या इससे कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। यदि आपको चकत्ते या त्वचा की कोई समस्या दिखाई दे, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपको उस उत्पाद का इस्तेमाल बंद करके कोई अन्य उत्पाद उपयोग करने की सलाह दे सकती हैं।

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