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हाँ! पतली एंडोमेट्रियम लाइनिंग के साथ गर्भधारण करना संभव है, लेकिन डॉक्टर उससे पहले गर्भाशय की लाइनिंग को मोटा करने के लिए उपचार करते हैं। जिससे सफल गर्भधारण की संभावना बढ़ सके।
बच्चेदानी यानि गर्भाशय की एंडोमेट्रियम लेयर का पतला होना बांझपन के मुख्य कारणों में से है। जिन महिलाओं की बच्चेदानी की लाइनिंग पतली होती है, उन्हें गर्भधारण करने में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गर्भधारण के लिए अच्छी क्वालिटी के अंडे और शुक्राणु के साथ-साथ अच्छी एंडोमेट्रियम (Endometrium in Hindi) लाइनिंग का होना भी बहुत ज़रूरी होता है। क्योंकि अच्छी क्वालिटी का भ्रूण होने के बाद भी अगर वह गर्भाशय में इम्प्लांट नहीं होता है तो गर्भधारण नहीं होगा।
एंडोमेट्रियम क्या है? (What is Endometrium in Hindi?)
गर्भाशय की तीन लेयर होती है। बाहरी लेयर को सेरोसा, बीच वाली लेयर को मायोमेट्रियम और गर्भाशय के सबसे भीतरी लेयर को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। पीरियड्स के दौरान एंडोमेट्रियम की लेयर बदलती रहती है। एक भ्रूण के लिए एंडोमेट्रियम पर प्रत्यारोपित यानि इम्प्लांट होने के लिए, इसका उचित स्थिति में होना ज़रूरी होता है,यानि एंडोमेट्रियम लेयर मोटी (Endometrial Thickness in Hindi) होनी चाहिए।
बच्चेदानी की लाइनिंग यानि एंडोमेट्रियम के पतला (Thin Endometrium in Hindi) होने पर एम्ब्र्यो इम्प्लांट नहीं हो पाता है। एम्ब्र्यो के इम्प्लांट होने यानि प्रेगनेंसी के लिए एंडोमेट्रियम की लाइनिंग की मोटाई (Endometrium Size for Pregnancy in Hindi) 7 मिलीमीटर होनी चाहिए।
एंडोमेट्रियम का पतला होने का मतलब क्या है?
गर्भाशय की लाइनिंग यानि एंडोमेट्रियम भ्रूण के इम्प्लांट होने के जिम्मेदार होती है। अगर किसी कारण से यह लाइनिंग पतली हो जाती है तो इसे थिन एंडोमेट्रियम (Thin Endometrium in Hindi) के नाम से जाना जाता है।
एंडोमेट्रियम की लाइनिंग के पतले होने के लक्षण क्या है?
बच्चेदानी की पतली लाइनिंग वाली महिलाओं में कुछ समस्याएं हो सकती हैं जो पतली एंडोमेट्रियम लाइनिंग के लक्षण होती है, जैसे -
बांझपन - प्रयास के बावजूद भी अगर माहिला का गर्भधारण नहीं हो रहा है।
अनियमित पीरियड्स - पीरियड्स का अनियमित समय से होना, पीरियड्स के दौरान ज़्यादा दर्द और ब्लीडिंग का कम होना।
इनके अलावा ज़्यादातर इसके लक्षण नज़र नहीं आते हैं।
एंडोमेट्रियम की लाइनिंग के पतले होने के कारण क्या है?
एस्ट्रोजन में कमी - एंडोमेट्रियम के लाइनिंग को मोटा करने के लिए एस्ट्रोजन हॉर्मोन आवश्यक है। इस हॉर्मोन की कमी के कारण एंडोमेट्रियम लाइनिंग पतली हो सकती है।
रक्त का प्रवाह ठीक न होना - गर्भाशय में रक्त प्रवाह न होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे फाइब्रॉएड, पॉलीप्स, सेप्टम।
एंडोमेट्रियल टिशू का ख़राब होना - यह टिशू कई कारण से ख़राब हो सकते है जैसे इन्फेक्शन, टीबी, यौन संचारित रोग और पैल्विक सूजन संबंधी बीमारियां आदि।
सर्जरी - कई बार इलाज के दौरान एंडोमेट्रियम की बेसल लेयर (बेसलिस) को हटा दिया जाता है। जिस कारण से नई एंडोमेट्रियल लाइनिंग नहीं बढ़ती है। इसे एशरमन सिंड्रोम कहा जाता है।
गर्भनिरोधक दवाइयां - जो महिलाएं लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं, उनकी एंडोमेट्रियल लाइनिंग पतली हो सकती है। गर्भनिरोधक दवाइयां एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का एक संयोजन होती हैं, जिनके ज़्यादा प्रयोग करने से एस्ट्रोजन स्तर में परिवर्तन हो सकते हैं।
क्लोमीफीन साइट्रेट - इन दवाओं को ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। क्लोमिड के अत्यधिक उपयोग से एस्ट्रोजेन की मात्रा में कमी हो सकती है।
पतली एंडोमेट्रियम की लाइनिंग का इलाज कैसे किया जा सकता है?
पतली एंडोमेट्रियम लाइनिंग का इलाज उसके पीछे के कारण के आधार पर किया जाता है।
एस्ट्रोजन थेरेपी - एस्ट्रोजन की कमी में एस्ट्रोजन हॉर्मोन युक्त दवाइयां और इंजेक्शन देने से एंडोमेट्रियम की लाइनिंग मोटी हो सकती है। साथ ही जो महिलाएं गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, उन्हें ह्यूमन मेनोपॉज़ल गोनैडोट्रोपिन (एचएमजी) दिया जा सकता है, ताकि यह पिट्यूटरी ग्लैंड से गोनैडोट्रोपिन हार्मोन रिलीज़ हो सके। इससे प्रजनन अंगों में एस्ट्रोजन हॉर्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है और गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है।
ग्रैनुलोसाइट कॉलोनी स्टिमुलेटिंग फैक्टर (जी-सीएसएफ) - जी-सीएसएफ एक ग्रोथ हॉर्मोन है, जिसकी मदद से एंडोमेट्रियम की लाइनिंग मोटी होने में मदद मिलती है।
हिस्टेरोस्कोपी - फाइब्रॉइड, पोलिप्स और स्कार टिशू की हिस्टेरोस्कोपी से हटाया जाता है।
फ्रोज़न एम्ब्र्यो के साथ आई वी एफ - आई वी एफ के दौरान एम्ब्र्यो को फ्रीज करके जब महिला की ऐंडोमेट्रियम उचित स्थिति में होती है यानि मोटी हो जाने पर एम्ब्र्यो ट्रांसफर किया जाता है।
सरोगेसी - ज़्यादा गंभीर मामलों में डॉक्टर आपको सरोगेसी की सलाह दे सकते है।
पतली एंडोमेट्रियम की लाइनिंग के बावजूद गर्भधारण के लिए मेडिकवर फर्टिलिटी एक अच्छा विकल्प है।
मेडिकवर फर्टिलिटी एक अंतराष्ट्रीय फर्टिलिटी क्लिनिक हैं। यहाँ एडवांस्ड तकनीकों और उपकरणों के प्रयोग से जाँच की जाती है। मेडिकवर फर्टिलिटी ने अनगिनत निःसंतान दम्पत्तिओं के माता-पिता बनने का सपना पूरा हुआ है। यहाँ के फर्टिलिटी डॉक्टर और एम्ब्रियोलॉजिस्ट बहुत ही अनुभवी और उच्च सफलता दर के ट्रीटमेंट देने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
मेडिकवर फर्टिलिटी में आर आई विटनेस (RI Witness) का प्रयोग किया जाता है। आई वी एफ लैब में होने वाली संभावित किसी भी प्रकार की गलतियों को रोकने में आरआई विटनेस से मदद मिलती है। इससे यह सुनिश्चित होता है की एम्ब्र्यो के लिए आपका ही सैंपल (एग और स्पर्म) का प्रयोग किया गया है। लोगों में आजकल इसके बारे में फिल्मों को देखने के बाद काफी जागरूकता बढ़ गई है। मेडिकवर फर्टिलटी में यह सुविधा पहले से ही उपलबध है, जिसका लाभ कई दम्पत्तियों को मिला है।
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