क्या शादी के बाद पीरियड का दर्द नॉर्मल है?pregnancytips.in

Posted on Thu 13th Oct 2022 : 10:17

डिस्मेनोरिया की परेशानी:क्या पीरियड्स का तेज दर्द शादी के बाद खत्म हो जाता है

ऐसी धारणा है कि पीरियड्स में होने वाला तेज दर्द शादी के बाद खत्म हो जाता हैं। गायनोकोलॉजिस्ट इस विषय से जुड़े सच और झूठ का खुलासा करती हैं।

पीरियड्स के साथ वॉमिटिंग हो रही हो, तो
कुछ महिलाओं को पीरियड्स के पहले दिन या पीरियड्स आने के एक-दो दिन पहले से ही पेट के नीचे के हिस्से (पेडू) में तेज दर्द शुरू हो जाता है। कमर और जांघों में भी दर्द का अनुभव होता है। इन मेंस्ट्रुएशन क्रैंप्स को डिस्मेनोरिया कहते हैं। कुछ महिलाओं को इस तेज दर्द का अनुभव 12 से 72 घंटे तक होता है। इस दौरान लड़कियों को वॉमिटिंग और डायरिया शुरू हो जाता है। कमजोरी महसूस होती है और चक्कर तक आते हैं।

तो क्या शादी के बाद यह दर्द नहीं होता
आमतौर पर यह धारणा है कि महिलाओं में माहवारी के दौरान होने वाला तेज पेट दर्द शादी के बाद नहीं होता है। दिल्ली के मणिपाल हॉस्पिटल की ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकोलाजी डिपार्टमेंट की हेड डॉ. यशिका गुडेसर के अनुसार, शादी के बाद यह परेशानी दूर नहीं होती है लेकिन बेबी बर्थ के बाद इस तकलीफ में कमी देखी गई है। कई बार अबॉर्शन के बाद भी इस दर्द में कमी देखने को मिलती है।

वजाइना और सर्विक्स की जांच
जब मेंस्ट्रुएशन क्रैंप्स दो- तीन दिन तक होते रहे, तो गायनोकोलॉजिस्ट से मिलें। महिला चिकित्सक आपसे पीरियड्स के बारे में जानकारी लेने के बाद जरूरत पड़ने पर पेल्विक एग्जामिनेशन करेगी। इस जांच में महिलाओं की वजाइना और सर्विक्स की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में वजाइनल फ्लूइड का सैंपल लेकर उसकी जांच होती है।

तेज मेंस्ट्रुएशन क्रैम्पस की वजहें
कई बार इसके होने की कोई वजह नहीं होती है। सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल आती हैं। लाइफ में किसी तरह के बदलाव आने पर यह दर्द खुद भी समाप्त हो जाता है लेकिन हर महीने यह दर्द बढ़ता जा रहा है, तो गायनोकोलॉजिस्ट से जरूर मिले। ”

यूटरस में फाइब्रॉयड्स (यूटराइन फाइब्रायड्स) की वजह से भी कई बार माहवारी के दौरान तेज दर्द होता देखा गया है। महिला के रिप्रोडक्टिव ऑर्गेंस ( प्रजनन अंगों ) में इन्फेक्शन की वजह से भी महिलाओं को ऐसी तकलीफ होती है।अब्नॉर्मल प्रेग्नेंसी जैसे मिसकैरिज या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के समय भी इस तरह की परेशानियों से सामना हो सकता है। पेल्विक इंफ्लामेट्री डिसीज (पीआईडी) के समय भी इसके लक्षण नजर आते हैं।

मैग्नीशियम की कमी से भी यूटरस में क्रैम्पस होते हैं
आंकड़ों के आधार पर करीब 45 से 95 % महिलाओं में दर्दभरे पीरियड्स की प्रॉब्लम्स होती है। डिस्मेनोरिया की वजह से काम करने के 60 करोड़ घंटों का नुकसान होता देखा गया है।

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