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गर्भ गीता
आध्यात्मिक डायरी में जोड़ें।
भगवान कृष्णा कहते हैं की जो प्राणी संसार के साथ ज़ायदा प्रीति रखते हैं और सदा माया का चिंतन करते रहते हैं, बार बार जनम ले कर इस दुनिया में आ कर दुख पाते है और मौत का सामना करतेहैं. अर्जुन भगवान से पूछता है की मन को वश करने के लिये पांच दोष काम, क्रोध, लोभ , मोह , और अहंकार में से सबसे पहले किस दोष पर विजय पायी जाये. भगवान कहते है सर्वप्रथम अहंकार को वश में करना चाहिये क्योंकि अहंकार से जीव नरक प्राप्त करता है. अर्जुन पूछता है किकौन से पाप से जीव सदा रोगी रहता है...भगवान कहते हैं कि जो जीव कन्यादान से प्राप्त धन का मुल्ये लगते हैं, वह सदा रोगी रहते हैं.भगवान कृष्णा कहते हैं अधिक मदिरापान करने वाले जीव गधे की योनि प्राप्त करते हैं.अर्जुन पूछता है की ऐसा कौन सा पुणय है जिसे करने से जीव संसार के . वैभव प्राप्त कर सुखी जीवन बीताता है.भगवान कहते हैं की जो जीव अपने जीवन काल में सोने का दान करते हैं, और कन्या दान करता है, अगले जीवन में पुरुष बन कर सुख भोगता है. जो जीव अन्न दान करते है उन्हे सुन्देर काया प्राप्त होती है और जो विद्या दान करते है, विद्वान पैदा होते हैं. संतों की सेवा करने से पुत्र धन प्राप्त होता है.
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