गर्भ में बच्चे कब तक सोते हैं?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

क्या गर्भ में शिशु की हलचल से उसकी नींद की दिनचर्या का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है?

बहुत सी होने वाली मांएं यह जानने को उत्सुक रहती हैं कि क्या वे गर्भ में शिशु की हलचल के आधार पर उसकी नींद की दिनचर्या का पहले से अनुमान लगा सकती हैं या नहीं। क्या दोपहर में गर्भस्थ शिशु की सक्रियता कम होना यह बताता है कि जन्म के बाद वह दोपहर में झपकी लेगा? या फिर यदि शिशु की हलचल से आप सारी रात जागती हैं तो क्या जन्म के बाद भी वह रात में जागेगा?

वास्वत में इस बात के कोई प्रमाण नहीं है जो गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ शिशु की हलचल से यह बता सकते हों कि वह कितना अच्छा सोने वाला शिशु बनेगा। इसलिए अभी से ही शिशु की नींद की दिनचर्या को लेकर योजनाएं बनाना शुरु न करें!

हमारी नींद का तरीका शरीर की आंतरिक घड़ी द्वारा नियंत्रित होता है। यह घड़ी सर्केडियन रिदम नामक चरण दर्शाती है, जो तकरीबन हर 24 घंटे में दोबारा दोहराया जाता है। आपकी जैविक घड़ी आपके आसपास की दुनिया से संकेत लेती है और मुख्य संकेत हैं दिन की रोशनी और रात का अंधेरा। जब आपकी आंखें अंधेरा महसूस करती हैं तो आपका मस्तिष्क मेलाटोनिन नामक नींद का हॉर्मोन जारी करता है, जो आपको उनींदा बनाता है।

आपके शिशु का मस्तिष्क उसके तीन महीने का होने से पहले मेलाटोनिन का उत्पादन नहीं करता। गर्भ में वह आपके शरीर की घड़ी से मिलने वाले संकेतों पर निर्भर करता है। आपका अपना मेलाटोनिन प्लेसेंटा से होते हुए गर्भ में पहुंच जाता है और इससे शिशु के सोने और हिलने-डुलने के तरीके पर प्रभाव पड़ता है।

शिशु के जन्म के बाद, आप रात के समय शिशु को दूध पिलाते हुए थोड़ी मात्रा में मेलाटोनिन उसे पारित कर सकती हैं। इससे हो सकता है शिशु रात के समय थोड़ा उनींदा लगे। जब तक शिशु की सर्केडियन घड़ी विकसित नहीं होती, उसकी नींद की दिनचर्या काफी हद तक अनयिमित रहेगी।

आपका नवजात शिशु 24 घंटों में से 16 से 18 घंटों तक सोएगा, आमतौर पर थोड़ी-थोड़ी देर के लिए। उसकी सबसे लंबी नींद शायद चार से छह घंटों की होगी।

जब शिशु दो हफ्तों का हो जाता है, तो आप उसे रात और दिन के अंतर को समझाते हुए उसकी नींद की दिनचर्या विकसित कर सकती हैं। दिन के समय उसके आसपास रोशनी और हलचल रखें, चाहे फिर वह दिन में झपकी ले रहा हो या नहीं। सोने के समय और रात के दौरान रोशनी और शोर कम रखें और रात में उसे दूध पिलाते समय उससे अधिक बातें भी न करें।

जब आपका शिशु चार से आठ हफ्तों का होता है, तब शायद आप पाएं कि दिन के समय वह अधिक जगा हुआ और सक्रिय रहता है। वह अभी भी एक बार में तीन से चार घंटों की नींद लेगा।

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