गर्भवती का पेट कब सख्त हो जाता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

गर्भावस्था में महिलाओं का पेट टाइट क्यों होता है? जानिए कारण और उपचार
आइए जानते हैं कि गर्भावस्‍था में पेट टाइट क्‍यों होता है और किस स्थिति में इसे लेकर डॉक्‍टर से बात करना जरूरी हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान जैसे-जैसे गर्भाशय बढ़ता है पेट में कसाव यानि पेट टाइट होने लगता है। ऐसा होना के सामान्य बात हो सकती है, लेकिन कई बार प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में पेट का टाइट होना गर्भपात का भी संकेत हो सकता है। वहीं, तीसरी तिमाही में पेट टाइट होने का कारण लेबर पेन हो सकता है। जबकि गर्भावस्था की हर तिमाही में पेट के टाइट होने के कारण अलग-अलग होते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पहली तिमाही में पेट टाइट होने के कारण

स्वास्थ्य से संबंधित वेबसाइट हेल्थ लाइन के मुताबिक पहली तिमाही में गर्भ धीरे-धीरे विकसित हो रहा होता है, मतलब गर्भाशय फैलता है और बढ़ता है। इस दौरान पेट टाइट महसूस हो सकता है। लेकिन यदि इस दौरान पेट में दर्द के साथ उसका टाइट होना मिसकैरेज का सबसे बड़ा संकेत हो सकता है। ऐसा आमतौर पर प्रेगनेंसी के 12वें सप्ताह से पहले महसूस हो सकता है। इस दौरान गर्भपात के लक्षण नजर आ भी सकते हैं और कई बार नहीं भी नजर आते हैं।
गर्भपात के लक्षण

पेट का टाइट होना
पेट में जकड़न या ऐंठन
पीठ के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन
स्पॉटिंग या ब्लीडिंग
योनि से तरल पदार्थ का निकलना

गर्भपात किन कारणों से होता है, उस बारे में स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है, लेकिन ये निम्न कारण जरूर हो सकते हैं – भ्रूण के साथ जेनेटिक समस्याएं, डायबिटीज संक्रमण, थायराइड रोग, गर्भाशय ग्रीवा की समस्या पेट में गैस या कब्ज की भी शिकायत के कारण भी पेट में कसाव महसूस हो सकता है। इसके अलावा पहली तिमाही में बढ़ते भ्रूण के चलते गर्भाशय के आकार में भी वृद्धि होती है। ऐसे में लिगामेंट्स और टिश्यू में खिंचाव के कारण पेट में ऐंठन व दर्द हो सकता है। पेट टाइट महसूस हो सकता है।

किडनी से जुड़ी इन समस्याओं को न करें इग्नोर, बढ़ सकता है कैंसर का खतरा! एक्सपर्ट से जानिए
दूसरी और तीसरी तिमाही में पेट का टाइट होना

दूसरी तिमाही में पेट टाइट होने का मुख्य कारण गर्भाशय का आकार बढ़ना हो सकता है। दूसरी तिमाही में पेट का टाइट होना या पेट में दर्द होना समय से पहले डिलीवरी का भी संकेत हो सकता है।

तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं का पेट का टाइट होना व पेट में दर्द होना प्रसव का संकेत हो सकता है। इसे लेबर पेन कहा जाता है। यह दर्द लगातार तेज होता जाता है। इसके अलावा ब्रैक्‍सटन हिक्‍स कॉन्‍ट्रैक्‍शन की समस्या भी हो सकती है। इस स्थिति में लेबर की तरह ही दर्द उठता है, लेकिन यह उससे अलग है।
Also Read
गर्भावस्था में कच्चे आम का सेवन है लाभकारी, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए किस तरह से है फायदेमंद
प्रेग्नेंसी में पेट टाइट होने के उपचार

अगर किसी गर्भवती महिला को पेट टाइट महसूस होता है, तो उसे इन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए –

पर्याप्त मात्रा में पानी पियें, चूंकि कई बार शरीर में पानी की कमी से भी पेट टाइट हो जाता है।
काफी देर तक एक ही पोजीशन में न बैठी रहें, इसलिए समय-समय पर अपने बैठने के तरीके में बदलाव करती रहें।
बिस्तर से तेजी न बैठे और उठें, बल्कि धीरे-धीरे बैठे और उठें; ताकि मांसपेशियां में खिंचाव न हो और वह रिलैक्स रहें।
पेट की टाइटनेस और दर्द को कम करने के लिए हीट पैड का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा इस दौरान हॉट शावर ले सकती हैं। मांसपेशियों का मालिश भी एक बेहतर ऑप्शन है।

इसके बाद भी अगर पेट में कसाव, दर्द और जकड़न ठीक नहीं होता है और लंबे समय तक बना रहता है तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि कुछ मामलों में पेट का टाइट होना गर्भपात या फिर समय से पहले डिलीवरी का संकेत हो सकता है।

solved 5
wordpress 1 year ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info