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गर्भावस्था में सामान्य से ज्यादा गैस हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके शरीर में गर्भावस्था हॉर्मोन प्रोजेस्टीरोन का स्तर बहुत ज्यादा होता है।
इसकी वजह से पूरे शरीर में मुलायम मांसपेशीय उत्तक शिथिल हो जाते हैं। इनमें पाचन में मदद करने वाली मांसपेशियां भी शामिल हैं। इसकी वजह से आपको सामान्य से ज्यादा गैस, फुलावट और असहजता महसूस हो सकती है और ऐसा गर्भावस्था की शुरुआत में भी हो सकता है। आपको सामान्य से ज्यादा डकार भी आ सकती हैं।
गर्भावस्था में अक्सर पेट बढ़ने पर कपड़े ढीले करने की जरुरत महसूस होती है। मगर चाहे अभी आपका बढ़ा हुआ पेट दिखाई न दे रहा हो, तो भी गैस और फुलावट से राहत पाने के लिए आपको शायद अपनी सलवार ढीली करने या जीन्स या पेंट के बटन खोलने की जरुरत महसूस हो सकती है।
गर्भावस्था के बाद के चरण में आपका बढ़ता हुआ शिशु पेट में जगह घेरने लगता है। इसकी वजह से पाचन क्रिया और धीमी हो सकती है। साथ ही शिशु द्वारा पेट पर दबाव डालने की वजह से आपको खाना खाने के बाद और ज्यादा फुलावट महसूस हो सकती है। ऐसा खासतौर पर भारी भोजन करने के बाद हो सकता है।
आपको गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी और हार्टबर्न या कब्ज भी हो सकता है, फिर चाहे यह पहले आपको कभी न हुआ हो।
गर्भावस्था में अत्याधिक गैस और फुलावट से बचने के लिए मैं और क्या कर सकती हूं?
अपने आहार में कुछ समायोजन करने के साथ-साथ आप निम्नांकित उपायों को भी आजमाकर देख सकती हैं। इनसे आपके लक्षणों की गंभीरता और बारंबारता कम हो सकती है:
दिन में दो या तीन बार अधिक मात्रा में भोजन करने की बजाय पूरे दिन में कई छोटे-छोटे आहार लेती रहें।
आराम से खाना खाएं, भोजन को निगलने से पहले अच्छी तरह चबाएं। इससे आपके शरीर को भोजन को पचाने में मदद मिलेगी।
कोशिश करें कि खाना खाते समय आप हवा न गटकें, क्योंकि इससे पेट में फुलावट की समस्या और बढ़ सकती है। मुंह बंद करके धीरे-धीरे चबाएं और कोशिश करें कि खाना खाते समय बातें न करें।
चूइंग गम खाने और धूम्रपान करने से आप अतिरिक्त हवा गटक सकती हैं। गर्भावस्था में धूम्रपान करना आपके गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानदेह है। इसलिए यदि आपने अभी तक धूम्रपान करना नहीं छोड़ा है, तो अब समय है कि आप इसे बिल्कुल बंद कर दें।
तनाव को कम करने का प्रयास करें और रिलैक्सेशन और अच्छी श्वसन तकनीकें (प्राणायाम) सीखें। कुछ लोग उत्साहित या चिंतित होने पर अधिक हवा निगल लेते हैं।
सीधे बैठकर खाएं या पीएं, फिर चाहे आप थोड़ा सा स्नैक ही क्यों न खा रही हैं। ऐसा इसलिए ताकि भोजन को पचाते समय आपका पेट दब न रहा हो।
सोडायुक्त पेयों का सेवन न करें, क्योंकि इनसे ज्यादा डकार आती है और आपका पेट फूला-फूला सा लगता है।
अगर आप चाहें तो पिपरमेंट चाय आजमाकर देख सकती हैं, इससे गैस और फुलावट में आराम मिल सकता है।
कब्ज से बचाव रखें या इसका उपचार कराएं, क्योंकि इससे पेट फूलने की समस्या बढ़ सकती है।
सक्रिय व क्रियाशील रहें और कुछ व्यायाम नियमित तौर पर करें। तेजी से टहलना (ब्रिस्क वॉक) भी आपके मंद पाचन तंत्र में सुधार ला सकता है।
यदि आपको इरिटेबल बाउस सिंड्रोम (आईबीएस) की वजह से गैस और पेट फूलने की समस्या रहती है तो आपको योग करने से फायदा हो सकता है। गर्भावस्था में स्वस्थ व दुरुस्त रहने के लिए योग अच्छा तरीका है। परिवर्तित वज्रासन पाचन क्रिया में सुधार ला सकता है। दूसरी व तीसरी तिमाही में इसे करना सुरक्षित है।
परंपरागत रूप से, हींग, सौंफ, अजवाइन और जीरा गैस से राहत देने और पाचन क्रिया में सुधार के लिए जाना जाता है। हालांकि, यह बता पाना मुश्किल है कि ये कितने कारगर हैं। यदि आप इन्हें आजमाना चाहें, तो ऐसा सीमित मात्रा में ही करें।
यदि इन उपायों से मदद न मिले, तो डॉक्टर से गैस की दवा के बारे में पूछें। बिना डॉक्टरी पर्ची के मिलने वाली दवा न लें। बहुत सी दवाईयां, चाहे वे हर्बल दवा हों, संभव है गर्भावस्था में सुरक्षित न होंं।
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