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गर्भवती महिला को छठे महीने में क्या खाना चाहिए?
इस समय आपका और आपके बच्चे का तेजी से विकास हो रहा है। इस दौरान आपको भूख भी बहुत लगेगी। इसीलिए इस समय सावधानी से संतुलित भोजन लेने का बहुत महत्व है।
प्रेग्नेंसी के छठे महीने में आपको भूख बहुत तेजी से लगती होगी। हो भी क्यों न आपका और आपके बच्चे दोनों का वजन भी हर हफ्ते बढ़ रहा है। आपका वजन भी प्रेग्नेंसी की शुरुआत से अब तक लगभग 8 किलो तक बढ़ गया होगा। लेकिन आपको अपने बढ़ते वजन पर भी निगाह रखनी है। यह तभी होगा जब आप संतुलित आहार लेंगे। प्रोटीन
आपके शरीर में पल रहे बच्चे के शरीर के विकास के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है। आपके शरीर में होने वाली टूट-फूट की मरम्मत भी प्रोटीन ही करते हैं। इसलिए प्रोटीन वाली डायट खाना आपके लिए बहुत जरूरी है। आपको प्रोटीन दालों, फलियों, दूध, दही, पनीर, मट्ठे के अलावा अंडे वगैरह से मिल सकता है। पर ध्यान रहे कि कच्चा मीट, अंडे, दूध वगैरह का सेवन न करें। विटमिन, मिनरल और फाइबर
शरीर के मेटाबॉलिज्म के लिए विटमिन बहुत जरूरी हैं। ये ताजी सब्जियों और फलों, सूखे मेवों से मिलते हैं। इन्हीं से फोलिक एसिड, पोटैशियम, मैगनीशियम, आयरन जैसे आवश्यक मिनरल या लवण मिल जाते हैं।
गर्भावस्था में कब्ज की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए फल, सब्जियां खाएं। इनमें मौजूद रेशे या फाइबर कब्ज नहीं होने देंगे। विटमिन सी
इस समय तक आपके शरीर में खून की सप्लाई बहुत बढ़ जाती है। कुछ खून के दबाव और कुछ हॉर्मोंस की गतिविधियों की वजह से मसूड़ों से खून निकलने लगता है। लेकिन विटमिन सी वाले फल व सब्जियों को खाने से विटमिन सी की पूर्ति होती है। इसके लिए आंवला, नीबू, संतरा वगैरह खाया जा सकता है।
फैट व कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा के लिए वसा या फैट बहुत जरूरी है। यह घी, तेलों और मीट वगैरह से मिल सकता है। इसी तरह कार्बोहाइड्रेट चावल, आलू और वसीय पदार्थों से मिलता है।
इस दौरान पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं साथ ही कच्चे मांस, मछली, अंडे के सेवन से दूर रहें। पपीता, अनानास जैसे फलों को न खाएं, ये गर्भपात का जोखिम बढ़ाते हैं।
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