गर्भवती महिला को सबसे पहला टीका कौन सा दिया जाता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 21st Oct 2022 : 15:03

प्रेग्नेंट महिला के पहला टीका कब लगता है?
पहला टीका गर्भावस्था पता चलने के तुरंत बाद लगाया जाता है। वहीं, दूसरा टीका एक महीने बाद लगाया जाता है। दूसरा टीका तीसरे या चौथे महीने में भी लग सकता है।

गर्भावस्था में टीकाकरण क्यों जरूरी है? | Pregnancy Me Tikakaran
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में विभिन्न तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान उनका शरीर संक्रामक रोगों के प्रति संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु की रक्षा के लिए सिर्फ पौष्टिक भोजन और व्यायाम ही काफी नहीं है। कुछ अन्य बातों पर भी गौर करने की जरूरत है और टीकाकरण उन्हीं में से एक है। गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल और सुरक्षा के लिए गर्भवती मां को टीके जरूर लगवाने चाहिए। टीकाकरण से मां और शिशु दोनों कई प्रकार के संक्रामक रोगों से बचे रहते हैं। टीके लगने से गर्भवती महिला का शरीर एंटीबॉडी बना लेता है, जो बॉडीगार्ड की तरह काम करता है। यह मां के जरिए शिशु को भी संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है (1)। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण जरूरी है।

सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कुछ गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीका लगवाने की आवश्यकता होती है। साथ ही डॉक्टर की सलाह से कुछ अन्य टीके भी लगवाने चाहिए :

टीडैप वैक्सीन (Tdap) :
टिटनेस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस बहुत गंभीर बीमारियां हैं। गर्भवती महिलाओं और शिशु को इनसे बचाने के लिए हर गर्भावस्था के दौरान Tdap वैक्सीन जरूर देनी चाहिए। इस टीके को लगाने से शिशु को एकसाथ टेटनस, काली खांसी और डिप्थीरिया से बचाया जा सकता है (6)। इसके अलावा, गर्भवती स्त्री को टिटनेस टॉक्साइड (टीटी) के 2 टीके लगाए जाते हैं। टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन का उपयोग टिटनेस के खिलाफ रक्षा के लिए किया जाता है। गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में टीटी-1 का टीका लगाया जाता है और इसके चार हफ्तों के बाद टीटी-2 टीका लगाया जाता है। इसके बाद अगर अगले तीन वर्ष के अंदर महिला फिर से गर्भवती होती है, तो उसे इस बार सिर्फ बूस्टर टीटी का टीका ही लगाया जाएगा।

इंफ्लुएंजा का टीका :
गर्भवती महिलाओं (दो सप्ताह के प्रसव के बाद) की प्रतिरक्षा प्रणाली, हृदय और फेफड़े फ्लू के कारण प्रभावित हो सकते हैं। इससे गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इसलिए, इंफ्लुएंजा का टीका लगवाना जरूरी है। अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भवती महिलाओं को दिया जाने वाला इन्फ्लुएंजा का टीका 6 महीने की आयु तक के शिशुओं की इन्फ्लूएंजा नामक बीमारी को 63% तक कम कर देता है (8)।

व्हूपिंग कफ (काली खांसी) का टीका :
निमोनिया और मस्तिष्क की सूजन जैसी की गंभीर जटिलताओं के कारण व्हूपिंग कफ अर्थात‌‌ काली खांसी होती है। यह स्थिति गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक हो सकती है (8)। डॉक्टर, तीसरी तिमाही (गर्भावस्था के 27 और 36 सप्ताह के बीच) में जल्द से जल्द यह टीका लगवाने की सलाह देते हैं (2)। वैसे Tdap टीके में ही इस रोग का टीका शामिल होता है।

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