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जैसे-जैसे भ्रूण का आकार बढ़ता है, महिला के शरीर में अलग-अलग हिस्सों में दबाव बनने लगता है। जैसे प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट पर हल्का दबाव बनता है जबकि दूसरी में गर्भाशय नाभि और स्तन के बीच फैलने लगता है और प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में नाभि पर जोर पड़ना शुरु हो जाता है।
गर्भावस्था में नाभि में दर्द की वजह
गर्भाशय पर दबाव पड़ने के कारण गर्भावस्था में नाभि हो सकता है। जैसे-जैसे भ्रूण का आकार बढ़ता है, महिला के शरीर में अलग-अलग हिस्सों में दबाव बनने लगता है।
जैसे प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में पेट पर हल्का दबाव बनता है जबकि दूसरी में गर्भाशय नाभि और स्तन के बीच फैलने लगता है और प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में नाभि पर जोर पड़ना शुरु हो जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार भ्रूण के बढ़ते आकार के कारण महिला की नाभि में दर्द, खुजली, बेचैनी जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
खिंचाव की वजह से दर्द
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में काफी खिंचाव पड़ता है। खासकर पेट के आस-पास की मांसपेशियों और त्वचा पर। यह खिंचाव भी महिला की नाभि में दर्द का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान जब गर्भ में हलचल होती है, तब भी नाभि में दर्द की आशंका बन सकती है। यह काफी संवेदनशील है।
हर्निया है कारण
हनिर्या भी गर्भवती महिलाओं में नाभि के दर्द का कारण हो सकती है। हालांकि, हर्निया शब्द सुनने में काफी डरावना लगता है। लेकिन हर्निया गर्भवती महिला और भ्रूण को कोई विशेष नुकसान नहीं पहुंचाती है।
गर्भाशय में दबाव के कारण भी हर्निया हो सकता है। जब तक कि कोई गंभीर लक्षण नजर न आए, तब तक डाॅक्टर गर्भवती महिला का हर्निया के लिए आपरेशन नहीं करते हैं।
सर्जरी के कारण गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरा हो सकता है। यही कारण है कि गर्भावस्था में इस तरह के रिस्क लेने से बचते हैं।
गर्भावस्था में नार्भि के दर्द से कैसे राहत पाएं
गर्भावस्था में बहुत चीजें मायने रखती हैं। इनमें से एक है सोने की सही दिशा। यदि आपकी नाभि में दर्द है तो किसी एक दिशा यानी बाएं या दाएं की ओर सोएं। नाभि को सपोर्ट देने के लिए आप तकिए का उपयोग करें।
बाजार में मेटरनल सपोर्ट बेल्ट मौजूद हैं। यह खड़े रहने के दौरान कमर और पेट के दर्द में आराम दिलाता है। यह बेल्ट कुछ महिलाओं के लिए मददगार है। सब महिलाओं को इससे लाभ पहुंचे, यह जरूर नहीं है।
गर्भावस्था के दौरान नाभि में खुजली और जलन बहुत आम होती है। ज्यादातर महिलाएं खुद को रोक नहीं पातीं और खुजली करती रहती हैं।
ऐसा करना सही नहीं है। इससे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। नाभि में खुजली और जलन को कम करने के लिए लोशन और तेल का इस्तेमाल करें।
नाभि का दर्द दूर करने नुस्खेे
आप कोको-बटर लगा सकती हैं। यह त्वचा को नर्म करने और खुजली को कम करने में काम आता है।
नाभि के दर्द से छुटकारा पाने के लिए ढीले कपड़े पहनें। ढीले कपड़े पहनने से खुजली और जलन की आशंका कम हो जाती है। इसके अलावा अच्छे और सूती वाले कपड़े ही पहनें। इन्हें पहनकर आप पूरा दिन सहज महसूस करेंगी।
नाभि में घर्षण होने पर आप टी-ट्री तेल का इस्तेमाल करें। यह एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है।
कैलेमाइन लोशन खुजली से राहत देने में काफी उपयोगी है। नाभि पर हो रही खुजली को कम करने के लिए इसका उपयोग भी किया जा सकता है।
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