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प्रेगनेंसी में मतली के क्या लक्षण हैं?
गर्भावस्था में मॉनिंग सिकनेस होने पर अक्सर निम्न लक्षण महसूस होते हैं:
जी मिचलाना (उल्टी की इच्छा होना)
उल्टी होना
उबकाई आना, मगर उल्टी नहीं आना
बहुत ज्यादा लार बनना (जब सामान्य से ज्यादा लार आए)
गर्भावस्था में जी मिचलाने और उल्टी होने के क्या कारण हैं?
गर्भावस्था के दौरान मिचली किस वजह सेहोती है, यह कोई नहीं जानता। मगर गर्भावस्था की शुरुआत में शरीर में होने वाले बहुत से बदलाव शायद एक साथ मिलकर इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके कुछ संभावित कारण हैं:
ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रॉफिन (एचसीजी)। प्रेगनेंसी की शुरुआत में यह हॉर्मोन तेजी से आपके शरीर में बढ़ता है। एचसीजी का उचित स्तर यह सुनिश्चित करता है कि जब तक अपरा गर्भावस्था को संभालने के लिए तैयार नहीं हो जाती, तब तक आपकी गर्भावस्था जारी रहे और विकसित होती रहे। अभी तक एचसीजी और मिचली के बीच संबंध का संबंध स्पष्ट नहीं है, मगर जब 16 से 20 हफ्ते की गर्भावस्था के आसपास एचसीजी का स्तर कम होने लगता है, तो आमतौर पर मिचली भी इसी समय समाप्त हो जाती है। साथ ही जिन स्थितियों में शरीर में एचसीजी का स्तर ज्यादा होता है जैसे कि गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु होने पर, तो इन मामलों में मिचली और उल्टी होने की दर भी काफी ज्यादा होती है।
ईस्ट्रोजेन। ईस्ट्रोजेन एक अन्य हॉर्मोन है जिसका स्तर गर्भावस्था के शुरुआती चरण तेजी से बढ़ता है। हो सकता है कि इसकी वजह से गर्भवती महिलाएं गंध और स्वाद के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है, जिससे कुछ भोजनों के प्रति उनकी रुचि कम या समाप्त हो जाती है।
पेट में गड़बड़। कुछ महिलाओं का पाचन तंत्र गर्भावस्था के शुरुआती चरण में होने वाले बदलावों के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। इसलिए वे जो भी भोजन खाती हैं, उन्हें मिचली या उल्टी महसूस होती है।
आनुवांशिक। अगर घर की अन्य महिलाओं को उनकी गर्भावस्था के समय मॉनिंग सिकनेस रहती थी, तो आपको भी इसके होने की संभावना रहती है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था में अत्याधिक उल्टी होती थी (हाइपरेमेसिस ग्रेविडेरम) उनमें विशेषतौर पर दो वंशाणु (जीडीएफ15 और आईजीएफबीपी7) पाए गए, जो इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। हाइपरेमेसिस ग्रेविडेरम, मॉनिंग सिकनेसक का सबसे गंभी रूप है।
गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु होना। अगर आपके पेट में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु पल रहे हैं तो आपको गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाने और उल्टी होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसा शरीर में एचसीजी, ईस्ट्रोजेन और अन्य हॉर्मोनों के स्तर बढ़ने की वजह से हो सकता है। गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु हो तो मिचली की स्थिति गंभीर होने की भी संभावना रहती है। बहरहाल, यह जरुरी नहीं कि सभी महिलाओं के साथ ऐसा हो - कुछ महिलाएं जिनके गर्भ में जुड़वा शिशु हों, उन्हें मिचली बहुत कम या बिल्कुल महसूस नहीं होती।
आपको सफर के दौरान अक्सर मिचली या माइग्रेन होता है। हालांकि, इसके बीच का संबंध स्पष्ट नहीं है मगर जिन महिलाओं को सफर के दौरान मिचली (मोशन सिकनेस) या माइग्रेन रहता है उन्हें गर्भावस्था में मॉनिंग सिकने होने की ज्यादा संभावना होती है। इसलिए अगर आप गर्भावस्था की शुरुआ में कार से सफर करने की योजना बना रही हैं, तो याद रखें कि आपकी मिचली की स्थिति सामान्य से और ज्यादा बदतर हो सकती है।
आपका वजन। जिन महिलाओं का वजन गर्भावस्था की शुरुआत में सामान्य से ज्यादा (बीएमआई 23 से ज्यादा) या कम (बीएमआई 18.5 से कम) हो तो आपको मॉनिंग सिकनेस और उल्टी होने की आशंका ज्यादा रहती है। हालांकि, प्रेगनेंसी में जी मिचलाने का कारण सीधे वजन से संबंधित नहीं है, मगर बीएमआई स्वस्थ स्तर पर न हो तो आपको मिचली और उल्टी होने की संभावना ज्यादा रहती है
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