गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त पानी नहीं पीने से क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Sat 22nd Oct 2022 : 11:41

गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त पानी पीना क्यों महत्वपूर्ण है?
जलनियोजित रहना इतना जरुरी क्यों है?
आप गर्भवती हैं या नहीं, पानी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपके शरीर तथा उसके महत्वपूर्ण अंगों को समुचित ढंग से काम करने के लिए पानी सबसे जरुरी है। यह पेशाब, पसीने और मलत्याग के जरिये शरीर से अपशिष्ट और विषैले तत्वों को निकालने में मदद करता है।

गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में हो रहे बदलावों की जरुरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है। पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान शरीर में पानी की कमी से सिरदर्द, मिचली, मरोड़, हाथ-पैरों में सूजन (इडिमा) और चक्कर आने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

तीसरी तिमाही में जलनियोजित रहना और भी ज्यादा जरुरी है, क्योंकि तब पानी की कमी से संकुचन शुरू हो सकते हैं और समय से पहले प्रसव का दर्द उठ सकता है।

कुछ महिलाओं का मानना है कि नियमित पानी पीने से मिचली, सीने में जलन और एसिडिटी और अपचता के लक्षणों में राहत मिलती है।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मूत्रमार्ग के संक्रमण से भी बचाव होता है, जो गर्भावस्था के दौरान आम है। यदि आप पर्याप्त पानी पीती हैं, तो आपके मूत्र में पानी की अच्छी मात्रा बनी रहेगी, जिससे संक्रमण का जोखिम कम होगा।
यह आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है और तापमान सामान्य बनाए रखता है, विशेषकर गर्म और आर्द्र महीनों में।
गर्भावस्था के दौरान मुझे कितना पानी पीना चाहिए?
आपको रोजाना करीब तीन लीटर (आठ से 12 गिलास) तरल पदार्थ पीना चाहिए। एक साथ बहुत सारा पानी पीने की बजाय दिनभर थोड़ा-थोड़ा करके पानी पीएं। पानी की हर बूंद आपकी स्वस्थ गर्भावस्था में मदद करेगी।

हल्के व्यायाम के हर एक घंटे के लिए इसमें एक गिलास पानी और जोड़ दें। गर्मियों के दौरान पसीना आने के कारण निकल जाने वाले द्रव्य की पूर्ति के लिए आपको और अधिक पानी पीने की आवश्यकता होगी।

शरीर में जल प्रतिधारण के डर से पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से न हिचकें। यह अजीब लग सकता है, मगर जल प्रतिधारण पर्याप्त पानी न पीने पर भी हो सकता है, क्योंकि यदि शरीर को निर्जलीकरण का आभास हो, तो वह अधिक तरल पदार्थ कायम रखता है।

शरीर में पानी की कमी पता करने का सर्वोत्तम तरीका है कि अपने मूत्र का रंग जांचे। यह हल्के पीले रंग का होना चाहिए। यदि यह गहरे रंग का है, तो आपको अधिक पानी पीने की आवश्यकता है।

यदि आपको लगातार चक्कर से महसूस हों और पानी पीने के बावजूद भी पेशाब कम आ रहा हो, तो अपनी डॉक्टर से बात करें। गर्भावस्था के ऐसे लक्षणों के बारे में जानें जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
मुझे पानी का स्वाद पसंद नहीं है, मैं कैसे इसकी पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करूँ?
खुद को जलनियोजित रखने के लिए पानी सबसे सेहतमंद विकल्प है।यदि आपको पानी पीना पसंद नहीं है, तो इसमें नींबू का एक टुकड़ा डाल दें और इसे कुछ समय तक अपना असर छोड़ने दें।

आप स्वाद बढ़ाने के लिए कुछ अन्य चीजें, जैसे धुले हुए पुदीने के कुछ पत्ते या थोड़ा सा रस भी डाल सकती हैं। यह आपके लिए एक अच्छा बदलाव हो सकता है, विशेषकर तब, जब आपको मिचली महसूस हो रही हो। पानी में यदि आप हरा धनिया, अदरक, सौंफ या इलायची डाल दें, तो इसका स्वाद और भी मजेदार हो जाएगा।

आप सादे पानी के एक गिलास में बर्फ के टुकड़ों की बजाय फ्रिज में जमे (फ्रोजन) संतरे, नींबू, किवी, आड़ू, खुबानी और आलूबुखारा जैसे फल मिलाकर, इसे और अधिक ताजगी भरा बना सकती हैं। ये जमे हुए फल साफ पानी में तैरते हुए रंगीन दिखते हैं और आपके पेय को ठंडा करने के साथ-साथ इसमें फलों का स्वाद भर देते हैं।

आपकी रोजाना तरल के सेवन की मात्रा में पानी के साथ-साथ अन्य पेय भी शामिल होते हैं। आपको भोजन से भी पानी मिलता है। मगर आपको सही विकल्प चुनना होगा, क्योंकि कुछ भोजन और पेयों के नुकसान भी होते हैं।

आपकी दैनिक तरल सेवन की भरपाई अन्य पेयों से भी हो सकती है। कुछ अच्छे विकल्प नीचे दिए गए हैं:

कैफीनमुक्त पेय। नारियल पानी, नींबू पानी, घर पर बना जलजीरा, आम पन्ना या सत्तू का पेय आजमाएं। ये पेय प्यास बुझाने के साथ-साथ पौष्टिक, सेहतमंद और ताजगी प्रदान करने वाले हैं।

फलों का ताजा जूस। ताजा जूस विटामिनों और ​खनिजों से भरपूर होते हैं, जो आपके गर्भ में पलते शिशु के लिए अच्छे हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि जूस में मीठा ज्यादा होता है और ये काफी अम्लीय भी होते हैं, इसलिए इनसे दांतों को नुकसान पहुंच सकता है। यदि संभव हो तो जूस भोजन के साथ लें और इनमें पानी मिला लें। बाजार में मिलने वाले जूस ड्रिंक्स में अक्सर विटामिन बहुत कम और मीठा बहुत ज्यादा होता है।

दूध और डेयरी आधारित पेय। दूध से कैल्शियम, आयोडीन और विटामिन बी5 मिलता है, और ये सभी आपकी और गर्भस्थ शिशु की सेहत के लिए जरुरी हैं। आप लस्सी, छाछा और मिल्कशेक भी आजमा सकती हैं।

स्मूदी। फलों की स्मूदी से आपको एक ही बार में दूध और फलों दोनों के फायदे मिल जाते हैं। सब्जियों से बनी स्मूदी भी ​और ज्यादा विटामिन और ​खनिज पाने का अच्छा तरीका है, क्योंकि इनमें केवल फलों से बने पेयों की तुलना में आमतौर पर कम मीठा और कम कैलोरी होती है।

पानी की उच्च मात्रा वाले भोजन। तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाने का एक और अच्छा उपाय है कि ऐसे भोजन खाए जाएं जिनमें काफी ज्यादा मात्रा में पानी होता है, जैसे कि सूप, सलाद, फल और दही। तरबूज, खीरा, सलाद पत्ता, अजमोद में काफी अधिक मात्रा में पानी की मात्रा होती है।

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