Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए कितना होना चाहिए Ovary size
सच कहें तो प्रेगनेंट होने के लिए बहुत-सी चीजें देखी जाती हैं। कंसीव करने के लिए कई चीजें मदद करती हैं जिनमें ओवरी का साइज भी शामिल है।
कंसीव करने के लिए महिलाओं की ओवरी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। ओवरी में एग बनते हैं और यहीं पर स्पर्म के साथ मिलकर एग फर्टिलाइज होता है। ओवरी में प्रमुख स्त्री प्रजनन हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन भी बनते हैं। गर्भधारण करने में ओवरी का साइज भी महत्व रखता है। अगर ओवरी छोटी हो तो उसमें सामान्य से कम अंडे होते हैं।हालांकि, ओवरी का साइज बड़ा होने का ये मतलब नहीं है कि उसमें एग रिजर्व ज्यादा होगा। कई कारणों से ओवरी के साइज में बदलाव आ सकता है जिनके बारे में यहां बताया जा रहा है।
प्यूबर्टी की उम्र में पहुंचने से पहले और मेनोपॉज के बाद ओवरी का साइज छोटा होता है। उम्र के अलावा अंडाशय से जुड़े विकारों, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट और प्रेग्नेंस के दौरान भी ओवरी के साइज में बदलाव आ जाता है।
क्या ओवरी के साइज से प्रेग्नेंट होना आसान है
ओवरी के साइज का संबंध महिला के आसानी से गर्भधारण करने की क्षमता से होता है। अंडों के फर्टिलाइज होने की क्षमता भी ओवरी के साइज पर ही निर्भर करती है। अगर अंडाशय का साइज नॉर्मल से कम है तो उन्हें गर्भधारण करने में दिक्कत आ सकती है क्योंकि इसका एग रिजर्व सामान्य से कम होगा। अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से ओवरी का साइज पता चल सकता है और ये जानकारी भी मिल सकती है कि ओवरी ठीक तरह से काम कर रही है या नहीं।
अल्ट्रासाउंड की मदद से ओवरी में फालिकल्स की संख्या गिन सकते हैं। फॉलिकल्स की संख्या से पता चलता है कि महिला की ओवरी का एग रिजर्व कम या नॉर्मल।
ओवरी का साइज बड़ा होने का ये मतलब बिलकुल नहीं है कि आपका एग रिजर्व ज्यादा है। किसी विकार या ट्यूमर के कारण भी ओवरी का आकार बढ़ सकता है। ऐसे मामलों में महिला में सामान्य रूप से ओवुलेशन नहीं होता और गर्भधारण करने में दिक्कत आती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी की स्थिति में अंडाशय का व्यास 15 से.मी तक बढ़ जाता है।
इस तरह बढ़ी हुई ओवरी किसी हार्मोनल विकार, सिस्ट या ट्यूमर का संकेत देती हैं। अगर आपको गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही है तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
प्रेग्नेंट होने के लिए ओवरी का क्या साइज होना चाहिए
प्रेग्नेंसी के लिए अंडाशय का साइज 3 से.मी x 2.5 से.मी x 1.5 से.मी होना चाहिए। ये स्वस्थ ओवरी का साइज है। इस आकार के अंडाशय में पर्याप्त एग रिजर्व होता है लेकिन अंडे का आकार भी गर्भधारण की कोशिशों के सफल होने में महत्व रखता है। भ्रूण के निर्माण के लिए अंडे का आकार भी सही होना चाहिए। अगर अंडा सिकुड़ जाता है तो वो ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाएगा।
--------------------------- | --------------------------- |