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प्रेगनेंसी में इस सूखे मेवे को खाने से तेजी से होता है शिशु के दिमाग का विकास
गर्भवती महिलाओं को शिशु के सही विकास और स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार लेना होता है जिसमें फल सब्जियों के साथ सूखे मेवे भी शामिल होते हैं। पिस्ता भी एक पौष्टिक ड्राई फ्रूट है।
benefits of eating pista during pregnancy in hindi
प्रेगनेंसी के दौरान शिशु के स्वस्थ विकास के लिए महिलाओं को पौष्टिक चीजें और सूखे मेवे खाने के लिए कहा जाता है। सूखे मेवों में पिस्ता का भी नाम शामिल है जो कि अनेक पोषक तत्वों से युक्त होता है। हालांकि, महिलाओं को अपनी प्रेगनेंसी डायट में पिस्ता शामिल करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि इससे उन्हें क्या फायदा या नुकसान हो सकता है?
क्या प्रेगनेंसी में पिस्ता खा सकते हैं
गर्भावस्था के दौरान थोड़ा बदलाव करके प्रेगनेंट महिला पिस्ता खा सकती हैं लेकिन अधिक मात्रा में इसके सेवन के कारण कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इस सूखे मेवे में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो प्रेगनेंसी के दौरान मां और शिशु दोनों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
प्रेगनेंसी में घी खाने से होती है नॉर्मल डिलीवरी, जानें क्या है सच्चाई
घी में रेचक गुण होते हैं जो प्रसव लाने में मदद करते हैं। ये योनि को चिकना करने और फिर आराम से डिलीवरी करवाने का गुण रखता है। घी पाचन को दुरुस्त कर प्रेगनेंसी में कब्ज से बचाता है। घी खाने से शिशु के मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा मिलता है। इससे प्रेगनेंट महिला का शरीर मजबूत, गर्म और पोषित रहता है।
इस बात में कोई शक नहीं है कि घी खाने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घी खाने से नॉर्मल डिलीवरी की गारंटी मिलती है। एक रिसर्च के मुताबिक, महिला के वजन के आधार पर प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में 200 से 300 कैलोरी की जरूरत होती है।
चूंकि, हर महिला की प्रेगनेंसी और स्वास्थ्य स्थिति अलग होती है, इसलिए डॉक्टर ही आपको बता पाएंगे कि आपको कितनी कैलोरी की जरूरत है। घी में भी कैलोरी और फैट होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन के कारण मोटापा हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही घी खाएं।
अगर आप ऐसा करती हैं तो डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और आहार में अधिक घी लेने की वजह से मतली और कमजोरी महसूस हो सकती है।
डॉक्टरों की मानें तो प्रेगनेंट महिलाओं को एक दिन में पांच से आठ चम्मच से ज्यादा टोटल फैट नहीं लेना चाहिए। हालांकि, डॉक्टर कुछ स्थितियों में फैट के सेवन की मात्रा में बदलाव कर सकते हैं। इन स्थितियों में मोटापा और पथरी होना शामिल है।
पिस्ता के पोषक तत्व
यह ड्राई फ्रूट एनर्जी से भरपूर होने के साथ साथ कैलोरी में लो होता है। 30 ग्राम पिस्ता में ग्राम प्रोटीन, 2.8 ग्राम फाइबर और 12.7 ग्राम टोटल फैट होता है। प्रति 100 ग्राम पिस्ता में 500 कैलोरी होती है।
प्रेगनेंसी में पिस्ता खाने के फायदे
पिस्ता में उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है जो कि भ्रूण के ऊतकों और मांसपेशियों के विकास के लिए जरूरी है। ये ब्लड शुगर को कंट्रोल कर वजन को नियंत्रित रखता है। इसमें अधिक मात्रा में मोनोअनसैचुरेटिड फैटी एसिड होते हैं जो बैड कोलेस्ट्रोल को कम और गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाते हैं।
पिस्ता में कैरोटीन, पॉलीफेनोलिक जैसे एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए एवं ई प्रचुरता में पाए जाते हैं। ये प्रेगनेंट महिला की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। आयरन और अन्य आवश्यक खनिज पदार्थों से युक्त पिस्ता लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। इसे खाने से प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया का खतरा कम रहता है।
प्रेगनेंसी डायट में पिस्ता खाने से शिशु के मस्तिष्क का विकास बेहतर होता है क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे कि ओलिक और लिनोलिक एसिड होता है।
प्रेगनेंसी में घी खाने से होती है नॉर्मल डिलीवरी, जानें क्या है सच्चाई
घी में रेचक गुण होते हैं जो प्रसव लाने में मदद करते हैं। ये योनि को चिकना करने और फिर आराम से डिलीवरी करवाने का गुण रखता है। घी पाचन को दुरुस्त कर प्रेगनेंसी में कब्ज से बचाता है। घी खाने से शिशु के मस्तिष्क के विकास को बढ़ावा मिलता है। इससे प्रेगनेंट महिला का शरीर मजबूत, गर्म और पोषित रहता है।
इस बात में कोई शक नहीं है कि घी खाने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घी खाने से नॉर्मल डिलीवरी की गारंटी मिलती है। एक रिसर्च के मुताबिक, महिला के वजन के आधार पर प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में 200 से 300 कैलोरी की जरूरत होती है।
चूंकि, हर महिला की प्रेगनेंसी और स्वास्थ्य स्थिति अलग होती है, इसलिए डॉक्टर ही आपको बता पाएंगे कि आपको कितनी कैलोरी की जरूरत है। घी में भी कैलोरी और फैट होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन के कारण मोटापा हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में ही घी खाएं।
अगर आप ऐसा करती हैं तो डिलीवरी के बाद वजन घटाने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और आहार में अधिक घी लेने की वजह से मतली और कमजोरी महसूस हो सकती है।
डॉक्टरों की मानें तो प्रेगनेंट महिलाओं को एक दिन में पांच से आठ चम्मच से ज्यादा टोटल फैट नहीं लेना चाहिए। हालांकि, डॉक्टर कुछ स्थितियों में फैट के सेवन की मात्रा में बदलाव कर सकते हैं। इन स्थितियों में मोटापा और पथरी होना शामिल है।
एक दिन में कितनी मात्रा सही है
प्रेगनेंट महिला एक दिन में लगभग 24 पिस्ते खा सकती हैं लेकिन आपको इससे अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना है, वरना शरीर में एसेंशियल ऑयल की अधिकता हो सकती है जो मस्तिष्क के लिए घातक साबित हो सकता है।
गर्भावस्था में पिस्ता खाने के नुकसान
पिस्ते में फ्रूक्टोज होता है जो कि पाचन से संबंधित समस्याएं जैसे कि कब्ज, दस्त, पेट फूलने और पेट दर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। पिस्ते को भूनकर नमक लगाकर खाने से सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है जिससे ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप सादे रूप में ही इसे खाएं।
डायट में पिस्ता कैसे करें शामिल
आप स्नैक्स के रूप में पिस्ता खा सकती हैं। इसे फ्रूट सलाद में भी डाल सकती हैं या इसे पीसकर इसका पाउडर बनाकर दूध या अन्य किसी पदार्थ के साथ ले सकते हैं। नाश्ते में योगर्ट, ओटस पर पिस्ता डालकर भी खा सकती हैं। इसके अलावा मिल्क शेक में भी अन्य सूखे मेवों जैसे कि बादाम या केसर के साथ पिस्ता डालकर ले सकती हैं।
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