गर्भाशय को ठीक करने का उपाय?pregnancytips.in

Posted on Fri 21st May 2021 : 16:22

महिलाओं का Uterus क्यों हो जाता है कमजोर? गर्भाशय को कैसे बनाएं मजबूत

महिला में गर्भधारण से लेकर प्रसव तक गर्भ को सही रखने के लिए बच्चेदानी यानि गर्भाशय का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है. यह महिला प्रजनन प्रणाली का आधार बनाता है.


गलत लाइफस्टाइल के कारण आजकल 10 में से करीब 7 महिलाएं किसी न किसी शारीरिक बीमारी की शिकार हैं. महिलाओं की इन समस्याओं में से एक बड़ी परेशानी है Uterus (बच्चेदानी) में कमजोरी. www.betterhealth.vic.gov.au की खबर के अनुसार बहुत सी महिलाएं इस समस्या से अंजान होने के कारण समय पर इसका इलाज नहीं करवा पाती हैं जिसके कारण प्रेग्नेंसी के दौरान मिसकैरेज का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है. आइए आपको बताते हैं यूट्रस (बच्चेदानी) में कमजोरी के कारणों के बारे में. साथ ही इस बात की भी जानकारी जरूरी है कैसे इसे ठीक किया जा सके.


विज्ञापन

यूट्रस में कमजोरी का कारण
महिला में गर्भधारण से लेकर प्रसव तक गर्भ को सही रखने के लिए बच्चेदानी यानि गर्भाशय का स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है. यह महिला प्रजनन प्रणाली का आधार बनाता है लेकिन गलत खान-पान व लाइफस्टाइल के चलते यूट्रस कमजोर हो जाती है. वहीं महिलाओं में शारीरिक कमजोरी के कारण बच्चेदानी में कमजोरी आ जाती है. कई बार प्रसव के बाद भी गर्भाश कमजोर हो जाता है. मानसिक कमजोरी के चलते भी ऐसा होता है. बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण भी गर्भाशय कमजोर हो सकता है.

बढ़ता है मिसकैरेज का खतरा
कमजोरी के कारण यूट्रस अंडों को संभाल नहीं पाता, जिसके कारण गर्भपात या मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि इस बात से ज्यादा चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल से गर्भाशय को मजबूत बना सकती है. इसके लिए आपको अपनी डाइट में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल करना होगा.


हरी सब्जियां खाएं
अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा आर्गेनिक हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें. रोजाना इसका सेवन करने से यूट्रस में मजबूती आएगी.

विटामिन सी युक्त फल
अगर यूट्रस में कोई भी समस्या है तो विटामिन-सी युक्त फलों का अधिक से अधिक सेवन करें. इससे आपकी बच्चेदानी तो मजबूत होती ही है और साथ ही इसमें कैंसर की समस्या भी दूर रहती है.

डेयरी प्रोडक्ट्स
अगर आप अपने खान-पान की चीजों में लगातार दही, पनीर और दूध का सेवन करेंगी तो गर्भाशय और ओवरी दोनों स्वस्थ रहेंगे. इसके अलावा इनमें कैल्शियम और विटामिन भी पाए जाते हैं, जो गर्भाशय के फाइब्रॉयड्स को दूर करता है.

ग्रीन टी
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जिससे न सिर्फ यूट्रस मजबूत होता है बल्कि इससे आप कई अन्य समस्याओं से भी बच सकती हैं.

मछली
मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. इससे महिलाओं में उन प्रोस्टाग्लैंडिंस का निर्माण कम होता है जो कि महिलाओं में गर्भाशय के संकुचन के लिए जिम्मेदार होते हैं.

कैस्टर ऑयल
इसमें मौजूद रिकोनोलेयिक एसिड ओवरी में बनने वाले सिस्ट और गर्भाशय के फाइब्रोइड्स को ठीक करता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है.

बेरी
बेरी में ऐसे एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं जो ओवरी को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते हैं. यह ओवरी और गर्भाशय को कई तरह की दिक्कतों से बचाता है. इसके आप सलाद के रूप में डाइट में शामिल कर सकती हैं.

योग भी है मददगार
रोजाना गर्भासन करने से न सिर्फ यूट्रस की कमजोरी दूर होती है बल्कि इससे आप बच्चेदानी में होने वाली अन्य समस्याओं से भी बची रहती हैं. इसके लिए सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद अपने हाथों को जांघ व पिंडलियों के बीच से फंसाकर कोहनियों तक बाहर निकालें. फिर दोनों कोहनियों को मोड़ते हुए घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं. शरीर को संतुलित रखते हुए दोनों हाथों से दोनों कान को पकड़ें. शरीर का पूरा भार नितंब पर डालें और 5 मिनट तक इसी स्थिति में बैठी रहें. इसके बाद धीरे-धीरे समान्य हो जाएं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. website इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.

solved 5
wordpress 2 years ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info