घर पर डिलीवरी कैसे होती है?pregnancytips.in

Posted on Tue 26th Oct 2021 : 21:06

यदि आप भी ऐसी स्थिति में हैं, जहां आप बिना किसी पूर्व निर्धारित योजना के बच्चे को घर पर जन्म देने की सिचुएशन में हैं, तो ऐसी स्थिति में परेशान होने के बजाय शांत रहें और धैर्य बनाए रखें। मुश्किलें कभी कह कर नहीं आती, इसलिए इमरजेंसी डिलीवरी को सुरक्षित रूप से करने के लिए कुछ टिप्‍स आपके काम आ सकते हैं।
अगर आप घर पर अकेली हैं और लेबर पेन शुरू हो गया है तो घबराने की बजाय पर‍िस्थिति को संभालने की कोशिश करें। ऐसी सिचुएशन में किसी का पास होना जरूरी होता है लेकिन अगर कोई नहीं है तो खुद सब ठीक करने की कोशिश करें। आपको सबसे पहले यह जानना होगा कि आप डिलीवरी के लिए तैयार हैं और ऐसी स्थिति में अब आप हॉस्पीटल नहीं जा सकती। इस बात को समझें कि लेबर पेन जोरदार और लंबे समय तक चलने वाला है या तुरंत डिलीवरी का संकेत दे रहा है। याद रखें, पहला बच्चा बाद के बच्चों की तुलना में ज्यादा समय लेता है, इसलिए मेंटली प्रिपेयर रहें।

इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा नंबर 102 को कॉल करें और अपने लिए तुरंत एक एम्बुलेंस और डॉक्टर को बुलाएं। इमरजेंसी डिलीवरी या होम बर्थ के बेसिक स्टेप के बारे में डॉक्टर स्पीकर फोन पर आपको बता सकते हैं। घर का दरवाजा खुला रखें ताकि इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा के चिकित्सा कर्मी आपके घर में एंट्री करके आपकी सहायता कर सकें।
​डिलीवरी एक नेचुरल प्रक्रिया है

हालांकि एक अनियोजित डिलीवरी बहुत डरावना लगता है, लेकिन आपको शांत रहने और अपना कॉन्फिडेंस बनाए रखने की जरूरत है। इस बात का ध्यान रखें कि डिलीवरी के समय जिन बच्‍चों का सिर नीचे की तरफ होता है, वे बिना किसी समस्या के जल्दी बाहर निकल जाते हैं। हॉस्पिटल में डिलीवरी के बनिस्पत लो रिस्क वाली महिलाओं के लिए घर में डिलीवरी करना फिर भी सेफ है।
​पुश करके डिलीवरी करें

अगर आपको लग रहा है कि अभी ही आपकी डिलीवरी हो जाएगी तो पुश करते रहने की कोशिश करें। जब बच्चा निकल रहा होता है, तो अपना धैर्य बनाए रखें, क्योंकि ज्यादा जोर लगाने से आपके कोमल टिश्यू क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। पुश करने से आपका इंटरनल प्रेशर कम होता है, आपको अपनी सांस रोक कर रखने में भी मदद मिलती है।

आप बस धीरे से पुश करके बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश करें। जब बच्चे का सिर दिखाई दे, तो अपने हाथों को अपने पेरिनियम के खिलाफ धीरे से दबाना चाहिए। इससे बच्चे को धीरे-धीरे सरकने में मदद मिलती है। अपनी उंगली को गर्भनाल के नीचे रखें और अगर वह आपके बच्चे के गले में है, तो उसे धीरे-धीरे ढीला करें। एक बार सिर बाहर निकल जाए तो कंधे और फिर शरीर का बाकी हिस्सा आसानी से बाहर आ जाता है।
​गर्भनाल को न बांधें न काटें

नई मां को गर्भनाल के बारे में बहुत सावधान रहना चाहिए। इसे नौसिखिए तरीके से न काटें, वरना बच्चे को संक्रमण का खतरा हो सकता है। जन्म के समय, यदि बच्चा अपने आप सांस लेना शुरू नहीं करता है, तो यह जीवन रक्षक साबित हो सकता है, क्योंकि बच्चे का 30 प्रतिशत रक्त अभी भी नाल में है, जो दो से पांच मिनट तक ऑक्सीजन प्रदान कर सकता है।

इसलिए नाल जुड़ी रहनी चाहिए और ईएमटी आने तक नाल को कुछ समय के लिए एक साफ तौलिये में लपेटकर रखें। वे गर्भनाल को सुरक्षित तरीके से काट सकते हैं।
​यहां ध्‍यान दें

आपको पता है कि आपकी ड्यू डेट कब की है। इस डेट के आसपास घर पर अकेली न रहें और न ही कहीं बाहर जाएं। अगर फिर भी लेबर पेन घर पर अकेले होने पर शुरू हो जाता है, तो सबसे पहले उसे कॉल करें जो तुरंत आपके पास पहुंच सकता हो। इससे आपको जल्‍दी सहायता मिल सकती है। वहीं अगर तेज दर्द नहीं है और आपको महसूस हो रहा है कि लेबर पेन कभी भी शुरू हो सकता है तो खुद अस्‍पताल पहुंचने की कोशिश करें।

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